नई दिल्ली: महामारी कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (lockdown in delhi) को दिल्ली सरकार ने अनलॉक करने का एलान किया है. जिसको लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एंव पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि दिल्ली सरकार को अनलॉक के दौरान छोटी मार्केट को भी कोविड गाइडलाइन(corona guideline) अपनाते हुए खोलना चाहिए. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा.
वैक्सीन मामले में केंद्र और दिल्ली दोनों सरकारें एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. जबकि जो इनकी डयूटी थी, उसको उन्होंने पूरा नहीं किया है. गौरतलब है कि एक जून से दिल्ली सरकार ने अनलॉक (delhi unlock) में इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन के काम को खोलने का एलान किया है.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने ईटीवी भारत(etv bharat) से दिल्ली में अनलॉक के मुद्दे पर खास बातचीत में कहा कि सरकार ने इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन को ही इजाजत दी है. मुझे लगता है कि छोटे दुकानदार और कारोबार को भी खोलना चाहिए था. इंडस्ट्री में अगर कोई आदमी सामान बनाएगा, तो उसे बेचेगा कहां. मार्केट और दुकानों के बंद होने पर आखिर सामान को कहां बेचेगा, बिकेगा नहीं तो वह माल नहीं बनाएगा और मजदूरों को मजदूरी भी नहीं मिलेगा.
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कांग्रेसी नेता ने कहा कि जो कोरोना की गाइडलाइन(corona guideline) है, उनको अपनाते हुए छोटी मार्केट(small market) को भी खोलना चाहिए. उससे लोगों को रोजगार मिलेगा, कारोबार मिलेगा. वह कहते हैं कि इंडस्ट्री में मजदूर काम करते हैं, जिसके अलावा दूसरी चीजें भी शुरू हो जाती हैं, उनको भी खोलना चाहिए था.
दिल्ली में 18 से ऊपर और 45 से नीचे की आयु वर्ग को वैक्सीन लगाए जाने पर चल रही केंद्र और दिल्ली सरकार(delhi government) की धिंगा मुश्ती पर कांग्रेसी नेता चौ.मतीन अहमद (congress leader choudhary mateen ahmad) ने कहा कि वैक्सीन(vaccine) इनके पास ज्यादा है नहीं,अभी कह रहे हैं कि हम आर्डर देंगे, जोकि लगता है, जुलाई-अगस्त तक आएगा.
सरकारें दोनों एक दूसरे पर ब्लेम कर रही हैं, जबकि जो इनकी ड्यूटी थी इनका काम था, उसको इन्होंने पूरा नहीं किया है, जो 54 करोड़ लोग हैं. 18 से 45 के बीच के उनको वैक्सीन नहीं मिल रहा है. सबसे ज्यादा जरूरी था कि जो नौजवान था हमारा उसको वैक्सीन लगनी चाहिए था, उसके लिए वैक्सीन है ही नहीं, यह दोनों सरकारें ड्रामेबाजी कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर वैक्सीन यह बाहर से खरीदते हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. मुझे लगता है कि निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए यह आम लोगों को अपने सेंटरों पर वैक्सीन की कमी दिखाकर अस्पतालों की ओर धकेल रहे हैं. जिससे उनको फायदा हो जाए और जो गरीब आदमी कमजोर आदमी यहां फ्री में वैक्सीन लगवा लेता, उसको अस्पताल की तरफ जाना पड़ेगा.