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पब्लिक पूछती है: विकास को तरस रहा नरेला...देखिए ग्राउंड जीरो से स्पेशल रिपोर्ट

ईटीवी भारत की टीम ने नरेला विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया और जाना कि इस क्षेत्र में पिछले पांच सालों में कितने काम हुए हैं. लोगों ने खुलकर ईटीवी भारत के सामने अपनी समस्या को रखा.

ईटीवी भारत ग्राउंड रिपोर्ट
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Published : Nov 10, 2019, 1:35 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव काफी ज्यादा नजदीक आ चुके हैं. अगले 2 से 3 महीने में विधानसभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने नरेला विधानसभा क्षेत्र की हकीकत जानी. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम नरेला विधानसभा क्षेत्र पहुंची. वैसे तो नरेला के बस डिपो को यहां शिफ्ट हुए लगभग 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं. इसके बावजूद भी इस बस डिपो का बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है. डिपो में जहां बसें खड़ी होती हैं वह पूरा खुला इलाका है. वहीं पूरे बस डिपो में कूड़े का अंबार और मलबे का ढेर लगा हुआ है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

बस स्टैंड पर नहीं है ढंग का शौचालय
साथ ही पूरे बस डिपो में शौचालय भी ढंग का नहीं है. क्योंकि यहां के शौचालय को केवल दो लोग ही एक समय पर प्रयोग कर सकते हैं. जबकि नरेला बस डिपो पर रोजाना हजारों की तादाद में यात्री सफर करते हैं.

ground reality narela
नरेला विधानसभा

इन इलाकों में नहीं हुआ विकास
इलाके की बात करें तो यहां के विधायक शरद चौहान हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने नरेला में विकास कार्य तो जरूर करवाए लेकिन सिर्फ उन्हीं वार्ड में जहां पर 'आप' के पार्षद हैं बाकी वार्ड जहां पर भाजपा के पार्षद वहां पर विकास कार्य नहीं हुए हैं. वहीं नरेला का ही बांकनेर गांव और स्वतंत्र नगर का बी ब्लॉक ऐसे वार्ड हैं जहां पर अभी तक कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. खासतौर पर बांकनेर गांव जहां पर बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है. यहां के नाले खुले हुए हैं. यहां के लोगों के मुताबिक पानी के निकास की समस्या सबसे अहम है.

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नरेला विधानसभा में सड़कों की स्थिति

पीने की पानी की समस्या बरकरार
स्थानीय निवासियों ने कहा कि अभी भी पूरे नरेला क्षेत्र के अंदर पीने का पानी भरपूर मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. सड़कों की हालत भी खराब नहीं है. वहीं नरेला के आउटर डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो वहां सड़कें जरूर बन गई हैं लेकिन पिछले 2 महीने के अंदर ही सभी सड़कों को बनाया गया है. वहीं खास बात ये है कि पिछले कुछ महीनों में नरेला के वार्ड नंबर 4 को काफी विकसित किया गया है और सभी गलियों को पूरी तरह से बना दिया गया है.

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नरेला विधानसभा में खुले नाले

हालांकि, स्थानीय लोगों की शिकायत है कि निगम और संबंधित विभागों को लिखित में कई बार इलाकों से जुड़ी हर समस्या से अवगत कराया गया है. इसके बावजूद भी अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया. हमने जब प्रदर्शन करने की सोची तो पिछले दिनों ही मीटिंग की गई. जिसके बाद कहा गया कि प्रदर्शन नहीं करना है. हमारी समस्याओं का समाधान किया जाएगा पर अभी तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकाला गया.

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ये है बांकनेर गांव का बस स्टॉप

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव काफी ज्यादा नजदीक आ चुके हैं. अगले 2 से 3 महीने में विधानसभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने नरेला विधानसभा क्षेत्र की हकीकत जानी. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम नरेला विधानसभा क्षेत्र पहुंची. वैसे तो नरेला के बस डिपो को यहां शिफ्ट हुए लगभग 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं. इसके बावजूद भी इस बस डिपो का बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है. डिपो में जहां बसें खड़ी होती हैं वह पूरा खुला इलाका है. वहीं पूरे बस डिपो में कूड़े का अंबार और मलबे का ढेर लगा हुआ है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

बस स्टैंड पर नहीं है ढंग का शौचालय
साथ ही पूरे बस डिपो में शौचालय भी ढंग का नहीं है. क्योंकि यहां के शौचालय को केवल दो लोग ही एक समय पर प्रयोग कर सकते हैं. जबकि नरेला बस डिपो पर रोजाना हजारों की तादाद में यात्री सफर करते हैं.

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नरेला विधानसभा

इन इलाकों में नहीं हुआ विकास
इलाके की बात करें तो यहां के विधायक शरद चौहान हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने नरेला में विकास कार्य तो जरूर करवाए लेकिन सिर्फ उन्हीं वार्ड में जहां पर 'आप' के पार्षद हैं बाकी वार्ड जहां पर भाजपा के पार्षद वहां पर विकास कार्य नहीं हुए हैं. वहीं नरेला का ही बांकनेर गांव और स्वतंत्र नगर का बी ब्लॉक ऐसे वार्ड हैं जहां पर अभी तक कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. खासतौर पर बांकनेर गांव जहां पर बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है. यहां के नाले खुले हुए हैं. यहां के लोगों के मुताबिक पानी के निकास की समस्या सबसे अहम है.

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नरेला विधानसभा में सड़कों की स्थिति

पीने की पानी की समस्या बरकरार
स्थानीय निवासियों ने कहा कि अभी भी पूरे नरेला क्षेत्र के अंदर पीने का पानी भरपूर मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. सड़कों की हालत भी खराब नहीं है. वहीं नरेला के आउटर डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो वहां सड़कें जरूर बन गई हैं लेकिन पिछले 2 महीने के अंदर ही सभी सड़कों को बनाया गया है. वहीं खास बात ये है कि पिछले कुछ महीनों में नरेला के वार्ड नंबर 4 को काफी विकसित किया गया है और सभी गलियों को पूरी तरह से बना दिया गया है.

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नरेला विधानसभा में खुले नाले

हालांकि, स्थानीय लोगों की शिकायत है कि निगम और संबंधित विभागों को लिखित में कई बार इलाकों से जुड़ी हर समस्या से अवगत कराया गया है. इसके बावजूद भी अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया. हमने जब प्रदर्शन करने की सोची तो पिछले दिनों ही मीटिंग की गई. जिसके बाद कहा गया कि प्रदर्शन नहीं करना है. हमारी समस्याओं का समाधान किया जाएगा पर अभी तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकाला गया.

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ये है बांकनेर गांव का बस स्टॉप
Intro:नरेला विधानसभा का रियलिटी चेक

नरेला विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली

नरेला विधानसभा रियलिटी चेक के अंदर सामने आई कई सारी चीजें पिछले 2 सालों में नहीं बना बस डिपो, बांकनेर गांव में नहीं पहुंचा विकास,न बना मोहल्ला क्लीनिक, पीने के पानी की समस्या अभी भी बरकरार, जगह-जगह खुले नालों से परेशान लोग ,सड़कों की हालत भी खराब,सिर्फ आप के पार्षदों के वार्ड में हुआ विकास,


Body:नरेला विधानसभा क्षेत्र के रिजल्ट चेक के दौरान सामने आए असलियत, सिर्फ आप पार्षदों के कार्ड पर हुआ विकास कार्य

देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव काफी ज्यादा नजदीक आ चुके हैं अगले 2 से 3 महीने में विधानसभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं.ऐसे में ईटीवी भारत की टीम निकली नरेला विधानसभा क्षेत्र की हकीकत का रियलिटी चेक करने.जैसे ही ईटीवी भारत की टीम नरेला विधानसभा क्षेत्र के अंदर पहुंची तो सबसे पहली जगह जो थी वह थी नरेला का बस डिपो,जहां जाते ही सारी असलियत खुद ब खुद अपने आप में खुलकर सामने आ गई.नरेला के बस डिपो को यहां शिफ्ट हुए काफी लंबा समय हो चुका है,लगभग 2 साल से ज्यादा का.लेकिन उसके बावजूद भी इस बस डिपो का बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है.डिपो में जहां बसें खड़ी होती है वह खुला इलाका है. ओर पूरे बस डिपो में कूड़े का अंबार ओर मलबे का ढेर लगा हुआ है.साथ ही पूरे बस डिपो में शौचालय भी नहीं है अगर है भी तो इतना छोटा की उसे सिर्फ दो लोग एक समय पर प्रयोग कर सकते हैं.जबकि नरेला बस डिपो पर रोजाना हजारों की तादाद में लोग अपना सफर तय करते हैं।

नरेला बस डिपो के हकीकत देखने के बाद जब हम क्षेत्र के अंदर निकले तो पता लगा कि विधायक शरद चौहान नरेला में विकास कार्य तो जरूर करवाये हैं.लेकिन सिर्फ उन्हीं वार्ड में जहां पर आप के पार्षद है बाकी वार्ड जहां पर भाजपा के पार्षद वहां पर विकास कार्य नहीं है,वही नरेला का ही बांकनेर गांव और स्वतंत्र नगर का ब ब्लॉक ऐसे वार्ड है जहां पर अभी तक कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है.खासतौर पर बांकनेर गांव जहां पर बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है नाले खुले हुए हैं अभी भी पानी के निकास की समस्या एक अहम समस्या है.

साथ ही साथ लोगों को अभी भी पूरे नरेला क्षेत्र के अंदर पीने का पानी भरपूर मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. सड़कों की हालत भी बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है.नरेला के गांव के अंदर काफी सड़कें ऐसी हैं जिनकी हालत खराब है. वही नरेला के आउटर डिस्ट्रिक्ट की बात करे तो वहां सड़के जरूर बन गयी है लेकिन पिछले 2 महीने के अंदर ही सभी सड़कों को बनाया गया है नरेला के वार्ड 4 को काफी विकसित पिछले कुछ महीनों में किया गया है सभी गलियों को पूरी तरीके से बना दिया गया है ।




Conclusion:लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि सड़कों की हालत पहले से ही बहुत ज्यादा खराब है ,पिछले लगभग काफी सालों से यहां की सड़कें रिपेयर नहीं हुई है और तो और अब नालियों के हालात भी है खराब हो चुके हैं. नालियों में गंदगी का ढेर जमा हो गया और साफ करने वाला कोई नहीं है स्थानीय लोग निगम और संबंधित विभागों में शिकायत कर कर के थक चुके हैं। लेकिन कोई समाधान अभी तक नहीं निकला है।
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