नई दिल्ली: उत्तरकाशी में सिल्कयारा टनल रेस्क्यू सफल रहा और जिम्मेदार लोगों के अथक प्रयासों के बाद सभी 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रैट माइनर्स में दिल्ली के लोग भी शामिल थे. ईटीवी भारत की टीम ने इन रैट माइनर्स से खास बातचीत की और इस पूरे ऑपरेशन को लेकर जानकारी ली.
उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल रेस्क्यू में मुख्य भूमिका निभाने वाले रैट माइनर्स टीम के जाबांज 41 मजदूरों का सुरक्षित रेस्क्यू कर काफी खुश हैं. उन्हें इस बात की तसल्ली है कि उनकी मेहनत ने 41 जिंदगियां बचा ली गई. उन्होंने बताया कि जब वो टनल में फंसे मजदूरों के पास पहुंचे, तो मजदूरों ने उन्हें गले लगा लिया और कहा कि आपके इस काम के बदले हम आपको क्या दें. अपनी जान या अपनी दौलत या फिर आपको ईश्वर का ओहदा. मजदूरों के इन शब्दों ने उनके दिल को जीत लिया. उन्होंने कहा कि उन्हें काम के बदले पैसे की चाहत नहीं है. वह बस ये चाहतें हैं कि उत्तराखंड, दिल्ली और भारत सरकार उनके काम की सराहना करे ताकि उन्हें आगे भी ऐसा काम करने का हौसला मिले .
गौरतलब है कि उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने में जिन रैट माइनर्स ने अहम भूमिका निभाई. इनमें से छह मजदूर दिल्ली के हैं, जिनकी वापसी पर लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इन मजदूरों से शुक्रवार को शाम चार बजे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवार मुलाकात करेंगे. इससे पहले गुरुवार को सभी मजदूर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां से वे अपने-अपने घर रवाना हुए थे. इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दी. उनके अलावा अतंरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नॉल्ड डिक्स भी वहां मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि मैंने इस ऑपरेशन में बचाए गए लोगों के साथ यात्रा की और मैं बहुत खुश हूं. मुझे कहीं जाने की जल्दी नहीं है.
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