नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के नरेला इलाके में हत्या के 3 महीने बाद भी लगातार परिवार काट थाने के चक्कर काट रहा है. इंसाफ तो दूर पुलिसकर्मी ठीक से बात तक करने के लिए तैयार नहीं है. नरेला के बीजे शिर्के कंपनी में दोहरे हत्याकांड में अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
12 जून को हुई थी हत्या
दिल्ली के नरेला इलाके में निर्माण का कार्य कर रही बीजे शिर्के कंपनी पहले भी कई बार चर्चा में रही है. इस कंपनी में कई बार हादसे और कई बार वारदातों को अंजाम दिया गया. बीती 12 जून की रात को इस कंपनी में सुनील और अमित नाम के गार्ड की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. तीन महीने बाद भी इस मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
परिवार को यह तक नहीं मालूम कि उनके केस का आईओ कौन है. परिवार के सदस्य अपने बच्चे की मौत के इंसाफ के लिए थाना के चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुके हैं, लेकिन वहां कोई पुलिसकर्मी उनसे ठीक से बात तक नहीं करता. उन्हें जानकारी नहीं दी जाती. इस पूरे मामले में कार्रवाई तो बहुत दूर की बात है. अभी तक इनको यह तक नहीं मालूम कि इस मामले में किस पुलिसकर्मी से बातचीत करनी है.
गरीब होने के कारण नहीं हो रही सुनवाई
मृतक के भाई और पिता ने नरेला थाना पुलिस पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि उन लोगों की मजबूरी और गरीबी का फायदा उठाया जा रहा है. अगर यह हादसा किसी पूंजीपति के साथ हुआ होता तो पुलिस अब तक अपराधी को पकड़ चुकी होती. लेकिन नरेला की एक कंपनी में डबल मर्डर होने के बाद भी पुलिस ने अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है और पुलिस के हाथ खाली हैं. इसके चलते परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है और इंसाफ के लिए जगह-जगह के चक्कर काट-काट कर परिवार थक चुका है. अभी भी अपने बच्चों के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है.
हैरानी की बात है कि देश की सबसे तेज तर्रार कहीं जाने वाली दिल्ली पुलिस के नरेला थाने के पुलिसकर्मी दोहरे हत्याकांड के मामले में परिवार को जानकारी तक सही से उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. अब इस मामले में परिवार जल्द से जल्द इंसाफ की मांग कर रहा है. लेकिन फिलहाल अभी पुलिसकर्मी के हाथ खाली ही नजर आ रहे हैं.