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दिल्ली: रिजॉर्ट पर बाहर से MCD की सील, अंदर चल रहा है धड़ल्ले से काम

नॉर्थ एमसीडी ने नरेला जोन में नेशनल हाइवे पर 6 मोटल और रिजॉर्ट की प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर सील लगा दी है. लेकिन सील के बावजूद मोटल और रिजॉर्ट अपनी प्रॉपर्टी को यूज कर रहे हैं.

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Published : Sep 7, 2019, 10:53 PM IST

रिजॉर्ट पर MCD की सील ETV BHARAT

नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी ने करोड़ों के टैक्स बचाने वाले मोटल और रिजॉर्टों पर बड़ी कार्रवाई की है. नेशनल हाइवे पर स्थित 6 मोटल और रिजॉर्ट की प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर सील लगा दी गई है.

बाहर MCD की सील, अंदर चल रहा है काम

लगभग 5 करोड़ के प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए ये बड़ा कदम उठाया है. अब भी टैक्स जमा नहीं हुआ तो प्रॉपर्टी नीलाम की जा सकती है. लेकिन विभाग द्वारा प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर सील लगाने के बावजूद मोटल और रिजॉर्ट अपनी प्रॉपर्टी को यूज कर रहे हैं.

नॉर्थ एमसीडी ने अपने इलाके के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन विधि के जरिए प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने का प्रावधान किया हुआ है. मगर कुछ लोग इसमें भी ईमानदारी दिखाने की बजाय विभाग को चूना लगाने की कोशिश में रहते हैं. ऐसे ही मामलों का खुलासा नॉर्थ एमसीडी के नरेला जोन में नेशनल हाइवे पर अटैचमेंट की प्रक्रिया के बाद हुआ.

5 करोड़ की टैक्स वसूली अभी बाकी
इस प्रक्रिया के दौरान विभाग ने कार्रवाई करते हुए 6 मोटल और रिजॉर्ट की प्रॉपर्टी अटैच करते हुए गेट पर सील लगा दी. विभाग को इन मोटल और रिजॉर्टों से कुल मिलाकर लगभग 5 करोड़ की वसूली अभी करनी है. जिसके तहत विभाग ने यह कार्रवाई की है.

स्क्रटूनी के दौरान पकड़ी टैक्स चोरी
नॉर्थ एमसीडी के अधिकारी का कहना है कि इन सभी की ओर से जमा करवाए गए टैक्स में गड़बड़ी पाई गयी है. इन्होंने खुद को गलत कैटेगरी में डिक्लेयर करके टैक्स चोरी की थी. स्क्रूटनी के दौरान इन सबको पकड़ा गया और यह कार्रवाई की गयी. अगर अब भी ये अपना पूरा प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाते हैं तो विभाग इनकी प्रॉपर्टी को नीलाम भी करवा सकता है.

कार्रवाई की अनदेखी
ऐसी कार्रवाई नॉर्थ एमसीडी के एरिया में अन्य जगहों पर भी देखने को मिल सकती है. विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई को धोखा बताते हुए इन मोटलों और रिजॉर्टों में अब भी काम धड्डले से चल रहा है. सिर्फ एक या दो दरवाजों पर सील लटकी हुई है और ये अपने काम और आने-जाने के लिए साथ के दरवाजों का उपयोग कर रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने जब मोटल और रिजोर्ट कर्मचारियों से बात की पता चला कि गेट पर लटका हुआ ताला सिर्फ नाम के लिए है, जबकि इनके आम रूटीन का कोई भी काम इससे प्रभावित नहीं है.

नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी ने करोड़ों के टैक्स बचाने वाले मोटल और रिजॉर्टों पर बड़ी कार्रवाई की है. नेशनल हाइवे पर स्थित 6 मोटल और रिजॉर्ट की प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर सील लगा दी गई है.

बाहर MCD की सील, अंदर चल रहा है काम

लगभग 5 करोड़ के प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए ये बड़ा कदम उठाया है. अब भी टैक्स जमा नहीं हुआ तो प्रॉपर्टी नीलाम की जा सकती है. लेकिन विभाग द्वारा प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर सील लगाने के बावजूद मोटल और रिजॉर्ट अपनी प्रॉपर्टी को यूज कर रहे हैं.

नॉर्थ एमसीडी ने अपने इलाके के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन विधि के जरिए प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने का प्रावधान किया हुआ है. मगर कुछ लोग इसमें भी ईमानदारी दिखाने की बजाय विभाग को चूना लगाने की कोशिश में रहते हैं. ऐसे ही मामलों का खुलासा नॉर्थ एमसीडी के नरेला जोन में नेशनल हाइवे पर अटैचमेंट की प्रक्रिया के बाद हुआ.

5 करोड़ की टैक्स वसूली अभी बाकी
इस प्रक्रिया के दौरान विभाग ने कार्रवाई करते हुए 6 मोटल और रिजॉर्ट की प्रॉपर्टी अटैच करते हुए गेट पर सील लगा दी. विभाग को इन मोटल और रिजॉर्टों से कुल मिलाकर लगभग 5 करोड़ की वसूली अभी करनी है. जिसके तहत विभाग ने यह कार्रवाई की है.

स्क्रटूनी के दौरान पकड़ी टैक्स चोरी
नॉर्थ एमसीडी के अधिकारी का कहना है कि इन सभी की ओर से जमा करवाए गए टैक्स में गड़बड़ी पाई गयी है. इन्होंने खुद को गलत कैटेगरी में डिक्लेयर करके टैक्स चोरी की थी. स्क्रूटनी के दौरान इन सबको पकड़ा गया और यह कार्रवाई की गयी. अगर अब भी ये अपना पूरा प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाते हैं तो विभाग इनकी प्रॉपर्टी को नीलाम भी करवा सकता है.

कार्रवाई की अनदेखी
ऐसी कार्रवाई नॉर्थ एमसीडी के एरिया में अन्य जगहों पर भी देखने को मिल सकती है. विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई को धोखा बताते हुए इन मोटलों और रिजॉर्टों में अब भी काम धड्डले से चल रहा है. सिर्फ एक या दो दरवाजों पर सील लटकी हुई है और ये अपने काम और आने-जाने के लिए साथ के दरवाजों का उपयोग कर रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने जब मोटल और रिजोर्ट कर्मचारियों से बात की पता चला कि गेट पर लटका हुआ ताला सिर्फ नाम के लिए है, जबकि इनके आम रूटीन का कोई भी काम इससे प्रभावित नहीं है.

Intro: नार्थ एमसीडी ने करोड़ों के टैक्स बचाने वाले मोटलऔर रिजॉर्टों पर करी बड़ी कार्यवाही। नेशनल हाइवे पर सिथत 6 मोटल और रिजॉर्ट की प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर लगाई सील। लगभग 5 करोड़ के प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए उठाया बड़ा कदम। अब भी टैक्स जमा नहीं हुआ तो करी जा सकती है प्रॉपर्टी नीलाम। विभाग द्वारा प्रॉपर्टी अटैच कर गेट पर सील लगाने के बावजूद मोटल और रिजॉर्ट कर रहे है अपनी प्रॉपर्टी को यूज।

Body:नार्थ एमसीडी ने अपने इलाके के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन विधि द्वारा प्रॉपर्टी टेक्स जमा करवाने का प्रावधान किया हुआ है। मगर कुछ लोग इसमें भी ईमानदारी दिखाने की बजाय विभाग को चूना लगाने की कोशिश में रहते हैं। ऐसे ही मामलों का खुलासा नार्थ एमसीडी के नरेला जोन में नेशनल हाइवे पर हुई अटैचमेंट की प्रक्रिया के बाद हुआ। इस प्रक्रिया के दौरान विभाग ने कार्यवाही करते हुए 6 मोटल और रिसोर्ट की प्रॉपर्टी अटैच करते हुए गेट पर सील लगा दी। विभाग को इन मोटल और रिजॉर्टों से कुल मिलाकर लगभग 5 करोड़ की वसूली अभी करनी है। जिसके तहत विभाग ने यह कड़ी कार्यवाही करी। नार्थ एमसीडी के अधिकारी का कहना है की इन सभी के द्वारा जमा करवाए गए टेक्स में गड़बड़ी पाई गयी है। इन्होने खुद को गलत कैटेगरी में डिक्लेयर करके टैक्स चोरी करी थी। स्क्रूटनी के दौरान इन सबको पकड़ा गया और यह कार्यवाही करी गयी। अगर अब भी ये अपना पूरा प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाते तो विभाग इनकी प्रॉपर्टी को नीलाम भी करवा सकता है। ऐसी कार्यवाही नार्थ एमसीडी के एरिया में अन्य जगहों पर भी देखने को मिल सकती है। विभाग द्वारा करी कार्यवाही को धता बताते हुए इन मोटलों और रिजॉर्टों में अब भी काम धड्ड़ले से चल रहा है। आप खुद देखिये की सिर्फ एक या दो दरवाजों पर सील लटकी हुई है और ये अपने काम और आने जाने के लिए साथ के दरवाजों का उपयोग कैसे कर रहे हैं। हमारी टीम ने जब इनसे बात करी तो खुद ही सुनिए इनकी कहानी इन्ही की जुबानी। अब ऐसी गेट पर लटका हुआ ताला सिर्फ नाम के लिए है , जबकि इनके आम रूटीन का कोई भी काम इससे प्रभावित नहीं है। अब इसे विभाग के कुछ अधिकारीयों की लापरवाही कहें या मिलीभगत इसका अंदाजा तो आप खुद ही लगा सकते हैं।

बाईट - अलग अलग रिसोर्टों और मोटल के स्टाफ से बातचीत एम्बिएंस पर
Conclusion:
बजट की कमी से जूझती एमसीडी के लिए इस तरह के बड़े देनदारों से वसूली एक राहत की खबर ला सकती है। साल भर कमर्शियल कमाई करके मोटी रकम जुटाने वाले इन मोटल और रिजॉर्टों ने जिस तरह से विभाग के करोड़ों रूपये दबाये हुए हैं वो वाकई सोचनीय है। खैर देर आये दुरुस्त आये की कहावत इनपर बिलकुल सठिक बैठती है। साथ ही वो लोग जो सोचते हैं की इस तरह से सरकारी पैसे को दबा कर बैठे रह सकते हैं उनके लिए भी यह कार्यवाही एक सबक और चेतावनी है।
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