नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली सहित कई मैदानी इलाकों में मौसम ने गुरुवार को अचानक करवट ले ली है. लोगों के घरों के पंखे बंद हो गए है और उन्हें सर्दी के कपड़े वापस निकालना पड़ रहा है. मई के महीने में दिसंबर और जनवरी जैसी धुंध दिल्ली में देखने को मिल रही है. गुरुवार सुबह धुंध इतनी ज्यादा थी कि विजिबिलिटी बेहद कम हो गई और कुछ कदम दूर तक लोगों को दिखाई नहीं दे रहा था.
पिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही थी और गुरुवार सुबह तो ठंड इतनी ज्यादा महसूस हुई कि लोगों ने स्वेटर और शॉल तक निकाल लिए. दिल्ली का मौसम ऐसा हो गया कि मानो कुल्लू-मनाली में बैठे हों. पहाड़ों में भी मई के महीने में ऐसा मौसम नहीं होता है, जो मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है. बेमौसम ठंड और धुंध किसानों और बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. फसलें बर्बाद हो रही हैं और बच्चे अब सर्दियों के कपड़े में दिखाई दे रहे हैं.
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बुराड़ी इलाके में रहने वाले मनमोहन कुमार शर्मा और मधु शर्मा ने बताया कि उनकी उम्र करीब 80 साल हो चुकी है. इन 80 सालों में उन्होंने मई के महीने में कभी इस तरह का मौसम दिल्ली में नहीं देखा. साधारण सालों में दिल्ली में मई के महीने में लोग ऐसी चलाते हैं. चिलचिलाती गर्मी से परेशान होते हैं लेकिन इस बार तो पंखे तक बंद हो चुके हैं. लोग शॉल और चादर ओढ़ कर बैठे हुए हैं. स्कूली बच्चों का भी कहना है कि मई के महीने में तो उनकी समर वेकेशन यानी गर्मी की छुट्टियां पड़ जाती हैं. कई स्कूलों में 15 मई से समर वेकेशन होने वाली है, लेकिन यह कैसी समर वेकेशन जहां बच्चों को ठंड लग रही है और बस समर वेकेशन का इंतजार कर रहे हैं.