नई दिल्ली: पहले आप नेता मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया था कि पूर्ण राज्य न होने के कारण दिल्ली में नई यूनिवर्सिटी-कॉलेज खोलने के लिए केंद्र सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है. मैंने केंद्र सरकार को 4 बार लिख दिया कि परमिशन दे दो, लेकिन नहीं देते, क्योंकि इन्हें तो दिल्ली के बच्चों की चिंता नहीं है. इसलिए दिल्ली को पूर्ण राज्य बनवाना ज़रूरी है. दिल्ली में 2.5 लाख बच्चे स्कूलों से हर साल 12वीं पास करते हैं. इनमें से केवल 1 लाख बच्चों को कॉलेज में एडमिशन मिलता है. सीटें इतनी कम हैं कि 90% वालों को भी मुश्किल से एडमिशन मिलता है. बाकी कहां जाएं. पूर्ण राज्य बनेगा तो 60% वाले बच्चे के लिए भी एडमिशन की व्यवस्था हो सकती है.
हरीश खुराना ने किया पलटवार
मनीष सिसोदिया को जवाब देते हुए खुराना ने लिखा कि जब दिल्ली में बीजेपी ने इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी खोली थी तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. जब बीजेपी ने मेट्रो की नींव रखी तब भी केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. जब दिल्ली में फ़्लाइओवर बने तब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. कहने का मतलब तो समझ ही गए होंगे सिसोदिया साहब.
मनीष सिसोदिया ने यूं दिया जवाब
जी! हरीश खुराना जी, जो मैं समझ रहा हूं वही आदरणीय स्व. मदनलाल खुराना साहब ने भी समझा था, लेकिन दुख है कि आप अभी तक मोदी जी की दिल्ली-विरोधी राजनीति के चक्कर मे समझ नहीं रहे हैं. दिल्ली के साथ गद्दारी मत कीजिए, आप बस ये बता दीजिए कि दिल्ली पूर्ण राज्य होनी चाहिए या नहीं ?
हरीश खुराना का ट्ववीट
मनीष सिसोदिया भाई हर चीज का हल बातचीत से होता है. जब विधानसभा बनी थी, तब भी बहुत से विभाग दिल्ली के पास नहीं नहीं थे, जैसे जल बोर्ड, डीटीसी, डीएमएस आदि. लेकिन उस वक़्त भी खुराना जी बातचीत के जरिए केंद्र से ले लिए थे.
सिसोदिया का जवाब
हरीश खुराना जी एक समय था जब बीजेपी की सरकार नहीं थी, तब भी बीजेपी के नेता दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाए जाने का समर्थन करते थे. पिछले लोकसभा चुनाव में आपने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा मेनिफेस्टो में लिखकर वोट मांगे थे. अब आप यूटर्न क्यों ले गए ?
हरीश खुराना का ट्वीट
यहां तक कि मनीष सिसोदिया भाई जो हम पानी आज पी रहे हैं वो हमें दूसरे राज्यों से खरीदना पड़ता था. उस वक़्त खुराना जी ने यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के मुख्यमंत्री और केंद्र के मंत्री के साथ बैठ कर दिल्ली को पानी का उसका हक दिलाया था. मुनक नहर उसी की देन है.
मनीष सिसोदिया का जबाव
सही बात है हरीश खुराना जी! पर पूर्ण राज्य तो फिर भी चाहिए ना, दिल्ली पुलिस और डीडीए, दिल्ली सरकार के पास न होने से दिल्ली की जनता का कितना नुकसान है और यह बात खुराना साहब, साहब सिंह वर्मा जी और शीला जी तक ने भी बार बार कही है, पर अब बीजेपी इससे यू टर्न क्यों ले रही है?
हरीश खुराना का ट्वीट
जो चीज़ तुम्हारे पास है नहीं, उसका रोना रो रहे हो और जो है उससे भी बहुत कुछ किया जा सकता था लेकिन हुआ नहीं. जब आप सत्ता में आए थे आपको पता था ना आपके पास क्या पावर है. अब वादे पूरे नहीं हुए तो बहाना. मनीष सिसोदिया चुनाव के पास ही क्यों पूर्ण राज्य की मांग पहले क्यों नहीं ? जो वादे चुनाव में किए उससे ज्यादा काम हो रहा है दिल्ली में
मनीष सिसोदिया का जबाव
हरीश खुराना जी! लेकिन पूर्ण राज्य का वादा तो आपके मेनिफेस्टो में था उस पर आप लोगों ने यू-टर्न क्यों ले लिया?
हरीश खुराना का जवाब
तो हो जाए इस पर एक डिबेट आपकी और मेरी ? दिल्ली में आपकी सरकार ने कितने काम किए है और कितने नहीं. जगह और टाइम आपका. बोलो मंज़ूर मनीष सिसोदिया भाई ?
मनीष सिसोदिया का जबाव
यहीं कर लेते है सर जी! एक एक करके मुद्दे, उठाकर हिसाब करते चलते हैं. पहला मुद्दा मैं उठा रहा हूं - आपने 2014 में अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का वादा किया था. उस पर क्या काम किया आपकी सरकार ने बताइए हरीश खुराना, जवाब दीजिए. बताइए हरीश खुराना जी जवाब दीजिए.
हरीश खुराना का जवाब
ट्विटर पर ही सारे जवाब लोगे मनीष सिसोदिया भाई ? जनता के बीच आ जाओ उनको भी तो पता चले क्या किया और क्या नहीं किया. पक्का सारे सवालों का जवाब दूँगा लेकिन आपको भी वादा करना होगा सारे जवाब ईमानदारी से दोगे. स्थान बोलो और समय बोलो भाई जी ?
मनीष सिसोदिया का जबाव
ट्विटर पर भी जनता ही है हरीश खुराना जी! जवाब दीजिए ना, पूर्ण राज्य के मुद्दे पर आपने 2014 में वोट मांगे थे,मेनिफेस्टो में लिखकर जनता को दिया था. आपकी सरकार ने उस पर क्या किया?
हरीश खुराना का जवाब
वैसे एक बात और आप अगर पूर्ण राज्य के लिए इतने ही सीरीयस हो मनीष सिसोदिया भाई तो ईमानदारी से बताना की कितनी बार आपने सांसद की बैठक बुलायी राज्य को ले कर , आख़िर वो भी दिल्ली का प्रतिनिधि है.मैंने शुरू में ही कहा की मिल कर चलोगे तो दिल्ली का विकास होगा.
मनीष सिसोदिया का जबाव
क्या बात करते हो! मेनिफेस्टो आपका, वादा आपका, सांसद आपके, सरकार आपकी. बैठक हमें बुलानी थी. सर जी! अब बैठक का बहाना मत बनाइए. मेरा पहला सवाल जनता के बीच आपसे है, मेनिफेस्टो में लिखे पूर्ण राज्य के वादे पर आपकी पार्टी व सरकार ने 5 साल में क्या किया?
हरीश खुराना का जवाब
मान लिया ना आपने की सांसदों को आपने नहीं बुलाया. क्यों वो दिल्ली की जनता के प्रतिनिधि नहीं है ? क्या उनका हक़ नहीं अपनी बात रखने का उस प्रस्ताव में ? संविधान के हिसाब से प्रस्ताव तुम्हारी तरफ़ से आना था लेकिन तुमने किसी से बात ही नहीं की. मिल कर काम करते तो दिल्ली का भला होता. तो बोल दो मनीष सिसोदिया भाई चुनाव भी ट्विटर पर ही लड़ोगे ,जनता के बीच नहीं जाओगे. क्योंकि अगर आपने वादे पूरे किए होते तो मुझे बोलते जनता के बीच में चलते है बहस करने के लिए. मनीष छुपते वो लोग हैं जो भागना चाहते हों, मैं तो हर मुद्दे पर बहस के लिए तेयार हूँ बस जनता के बीच में.