व्यापारियों का कहना है कि बैंक से सिर्फ चुनिंदा व्यापारी को कैश दिया जाता है, जिससे अन्य व्यापारियों को कैश के लिये काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कैश की किल्लत होने की वजह से अक्सर व्यापारी किसानों को नगद भुगतान करने में असमर्थ होते हैं.
'समस्या नही हो रही हल'
नरेला मंडी फूड ग्रेन डीलर एसोसिएशन के मेंबर हरपाल त्यागी का कहना है कि इस सम्बंध में कई बार एसोसिएशन ने लिखित में सम्बंधित अधिकारियों को शिकायत भी की है लेकिन अभी तक हमारी समस्या का समाधान होता नजर नही आ रहा. मंडी के व्यापारियों ने बैंक के जनरल मैनेजर को लिखित में दी शिकायत में कहा है कि हमें शक है कि बैंक के कुछ कर्मचारी कुछ चुनिंदा दुकानदारों के साथ सांठ गांठ कर करोड़ों रुपये के कैश का लेनदेन कर रहे हैं.
'बैंक कर्मचारी नहीं देते जानकारी'
व्यापरियों की शिकायत पत्र में लिखा है कि अगर कोई दुकानदार अपना बैंक बैलैंस की जानकारी मांगता है तो जानकारी देने में भी बैंककर्मी अनाकानी करते हैं और सीधे मुंह बात तक नही करते. साथ ही, यहां बैंक में आरटीजीएस भी करने से मना कर देते हैं और अगर कोई पासबुक पर एंट्री करवाने जाता है तो अक्सर स्टाफ की कमी और मशीन खराब बता दी जाती है.
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कुछ चुनिंदा लोगों को कैश देने का आरोप
अनाज मंडी के व्यापारियों की शिकायत के मुताबिक, जब दुकानदार चेक काटकर कैश के लिये बैंक में जाते हैं तो बैंक के कर्मचारी सुबह से ही मना करने लग जाते हैं कि आज कैश नही आएगा लेकिन कुछ चुनिंदा दुकानदारों के चेक पास कर देते हैं और शाम 5 बजे के बाद उनको कैश दे देते हैं.
हमेशा बना रहता है डर
मंडी के व्यापारियों का कहना हैं कि निकट स्थित बैंक से केश न मिलने पर जब अन्य बैंक से कैश लाते है तो अक्सर छीनाझपटी व लूटपाट जैसी वारदात हो जाती हैं इसलिये मंडी से कई किलोमीटर दूर मौजूदा बैंकों से कैश लाने में भी डर लगता है। साथ ही मंडी में आये किसानों को भी वक्त पर पैसा नही भुगतान हो पाता तो उन्हें भी काफी दिक्कतें झेलने को मजबूर होना पड़ता है।
'खाताधारकों के साथ हो समान व्यवहार'
नरेला मंडी के व्यापारियों की मांग है कि उनकी शिकायतों पर ध्यान देते हुए उनकी और किसानों के हित के लिए सभी खाताधारकों के साथ बैंककर्मी समान व्यवहार करें. साथ ही इस सन्दर्भ में सम्बंधित अधिकारी द्वारा मामले की जांच कराई जाए.