नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कई इंडस्ट्रीयल इलाकों में लगातार हो रही मजदूरों की मौत के खिलाफ मजदूर यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया. मंगलवार दोपहर दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय के आवास के बाहर सैकड़ों की संख्या मे मजदूर यूनियन के लोग पहुंचे.
यूनियन के लोगों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली की उन सभी फैक्ट्रियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, जो श्रम कानून और फैक्ट्री नियमों की अनदेखी कर रही हैं.
दिल्ली सरकार पर लगाए आरोप
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों का आरोप था कि वैसे तो दिल्ली सरकार चुनाव के समय मजदूरों के न्यूनतम वेतन और उनकी सुरक्षा के लिए तमाम दावे करती है, लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में झिलमिल, नरेला और बवाना इलाके में फैक्ट्रियों के अंदर मजदूरों की मौत हुई है, उससे साफ जाहिर है कि सरकार मजदूरों के प्रति अंसवेदनशील है.
फैक्ट्रियों की स्थिति पर उठाए सवाल
प्रदर्शन कर रहे एआईसीसीटीयू दिल्ली मजदूर संघ का आरोप है कि दिल्ली के सभी इंडस्ट्रियल इलाकों में कई सारी ऐसी फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं, जहां काम के वक्त बाहर से मजदूरों को अंदर बंद कर दिया जाता है. उस दौरान अगर कोई हादसा होता है या आगजनी होती है तो वे निकल नहीं पाते और उसकी मौत हो जाती है.
इसके साथ ज्यादातर फैक्ट्रियां श्रम कानूनों के साथ-साथ सुरक्षा नॉर्म को भी ताख पर रखकर चलाई जा रही हैं. जिस पर लगाम लगाने के लिए कई कानून और उसके पालन कराने के लिए अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन वो अपने एसी दफ्तरों से बाहर निकलना नहीं चाहते या तो वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ऐसे में इन लोगों ने मांग की है कि सबकी जांच होनी चाहिए, नहीं तो आने वाले चुनावो में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
'सीवर की सफाई के दौरान मरते हैं मजदूर'
इसके साथ-साथ मजदूर यूनियन के लोगों ने सीवर में सफाई के दौरान मरने वाले सफाई कर्मचारियों को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया. यूनियन के लोगों ने श्रम मंत्री को एक मेमोरेंडम देते हुए कहा कि अहर सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो वो आगे इससे भी उग्र प्रदर्शन करेंगे.