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शिक्षकों की सैलरी का पैसा दूसरे कर्मचारियों को देने पर नॉर्थ MCD को HC की फटकार

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Published : Jul 21, 2020, 10:03 PM IST

उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नौ हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं देने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. साथ ही नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.

Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज नौ हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं देने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि वह शिक्षकों की सैलरी के पैसे को दूसरे कर्मचारियों में डायवर्ट कर रही है. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो शिक्षकों की सैलरी पर नया हलफनामा दाखिल करें. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
मार्च और अप्रैल की सैलरी दी गई

सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वकील मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि उसने अपने सभी शिक्षकों की मार्च और अप्रैल की सैलरी का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि निगम ने कोरोना ड्यूटी में लगे 5406 शिक्षकों की सैलरी 14 जुलाई को जारी कर दी है. बाकी शिक्षकों की अप्रैल की सैलरी जुलाई के अंत तक जारी कर दी जाएगी. तब कोर्ट ने कहा मई और जून की सैलरी तो फिर भी बाकी रह जाएगी.

दिल्ली सरकार ने 147 करोड़ रुपये जारी किए

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों को सैलरी देने के लिए इस साल की पहली तिमाही में 147 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. ये रकम तीन किश्तों में जारी की गई. दूसरी तिमाही के जुलाई महीने की सैलरी के लिए भी 49 करोड़ 17 लाख रुपये जुलाई के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे. बाकी दो महीनों की सैलरी के लिए अगस्त और सितंबर में जारी किए जाएंगे.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सफाईकर्मियों को दी जाने वाली सैलरी के मद में कोई राशि जारी नहीं की. जिसकी वजह से शिक्षकों की सैलरी सफाईकर्मियों को देनी पड़ी. निगम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से सफाईकर्मियों और हेल्थवर्कर्स को सैलरी देनी पड़ी. निगम ने कहा कि डॉक्टरों को अप्रैल, मई और जून की सैलरी की राशि दिल्ली सरकार ने जुलाई के पहले सप्ताह में जारी किया. दिल्ली सरकार ने सफाईकर्मियों और हेल्थवर्कर्स की सैलरी के मद में राशि अभी तक जारी नहीं किया है.

दिल्ली सरकार से मांगा था हलफनामा

पिछले 30 जून को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वे हलफनामा दायर कर ये बताएं कि उन्हें नगर निगम को कितना पैसा दिया है और अभी कितना पैसा देना है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम से पूछा था कि आप अप्रैल, मई और जून की सैलरी का क्या कर रहे हैं. ये काफी दुखद स्थिति है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा था कि उन्होंने अब तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कितना पैसा दिया है और कितना बकाया है. हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों की सैलरी का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.



सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है

याचिका अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ ने दायर की है. कोर्ट ने कहा था की शिक्षकों को केवल अपनी सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. वह भी ऐसे समय में जब लॉकडाउन की वजह से लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं. कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस दलील को खारिज कर दिया. जिसमें कहा गया था कि उसके पास फंड की कमी है. कोर्ट ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कोर्ट में बयान देने से कतरा रही है कि फंड की कमी की वजह से उसके अधिकारियों की भी सैलरी रोकी गई है. इसलिए शिक्षकों पर ही तलवार क्यों लटकाई जा रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज नौ हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं देने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि वह शिक्षकों की सैलरी के पैसे को दूसरे कर्मचारियों में डायवर्ट कर रही है. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो शिक्षकों की सैलरी पर नया हलफनामा दाखिल करें. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
मार्च और अप्रैल की सैलरी दी गई

सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वकील मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि उसने अपने सभी शिक्षकों की मार्च और अप्रैल की सैलरी का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि निगम ने कोरोना ड्यूटी में लगे 5406 शिक्षकों की सैलरी 14 जुलाई को जारी कर दी है. बाकी शिक्षकों की अप्रैल की सैलरी जुलाई के अंत तक जारी कर दी जाएगी. तब कोर्ट ने कहा मई और जून की सैलरी तो फिर भी बाकी रह जाएगी.

दिल्ली सरकार ने 147 करोड़ रुपये जारी किए

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों को सैलरी देने के लिए इस साल की पहली तिमाही में 147 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. ये रकम तीन किश्तों में जारी की गई. दूसरी तिमाही के जुलाई महीने की सैलरी के लिए भी 49 करोड़ 17 लाख रुपये जुलाई के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे. बाकी दो महीनों की सैलरी के लिए अगस्त और सितंबर में जारी किए जाएंगे.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सफाईकर्मियों को दी जाने वाली सैलरी के मद में कोई राशि जारी नहीं की. जिसकी वजह से शिक्षकों की सैलरी सफाईकर्मियों को देनी पड़ी. निगम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से सफाईकर्मियों और हेल्थवर्कर्स को सैलरी देनी पड़ी. निगम ने कहा कि डॉक्टरों को अप्रैल, मई और जून की सैलरी की राशि दिल्ली सरकार ने जुलाई के पहले सप्ताह में जारी किया. दिल्ली सरकार ने सफाईकर्मियों और हेल्थवर्कर्स की सैलरी के मद में राशि अभी तक जारी नहीं किया है.

दिल्ली सरकार से मांगा था हलफनामा

पिछले 30 जून को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वे हलफनामा दायर कर ये बताएं कि उन्हें नगर निगम को कितना पैसा दिया है और अभी कितना पैसा देना है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम से पूछा था कि आप अप्रैल, मई और जून की सैलरी का क्या कर रहे हैं. ये काफी दुखद स्थिति है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा था कि उन्होंने अब तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कितना पैसा दिया है और कितना बकाया है. हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों की सैलरी का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.



सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है

याचिका अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ ने दायर की है. कोर्ट ने कहा था की शिक्षकों को केवल अपनी सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. वह भी ऐसे समय में जब लॉकडाउन की वजह से लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं. कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस दलील को खारिज कर दिया. जिसमें कहा गया था कि उसके पास फंड की कमी है. कोर्ट ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कोर्ट में बयान देने से कतरा रही है कि फंड की कमी की वजह से उसके अधिकारियों की भी सैलरी रोकी गई है. इसलिए शिक्षकों पर ही तलवार क्यों लटकाई जा रही है.

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