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आधार कार्ड से जुड़े अपराध करने वाले सावधान! अगर किए ये काम तो होगी जेल, लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना - Crime

Aadhar Card: आज के समय में आधार बेहद अहम दस्तावेज है. अगर यह गलत हाथों में पहुंच जाए तो इसका दुरुपयोग हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि इसे सुरक्षित रखें. हालांकि, अगर कोई शख्स इसका गलत इस्तेमाल करता है तो उससे सजा भी हो सकती है.

आधार से जुड़े अपराध करने वाले सावधान
आधार से जुड़े अपराध करने वाले सावधान (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 3:14 PM IST

Updated : Sep 26, 2024, 9:50 PM IST

नई दिल्ली: आधार एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसे व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. यह एक वैलिड आईडी और एड्रेस प्रूफ करने वाला दस्तावेज है जो विभिन्न सेवाओं में काम आता है. आज लोग सिम कार्ड खरीदने से लेकर बैंक अकाउंट ओपन करने तक में आधार का इस्तेमाल करते हैं.

आधार कार्ड में आपका नाम, पता, फोन नंबर और फिंगरप्रिंट की जानकारियां होती हैं. ऐसे में अगर आपका आधार गलत हाथों में पहुंच जाए तो इससे आपको काफी दिक्कत हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपना आधार सुरक्षित रखें. बता दें कि आधार कार्ड गलत हाथों में पहुंचने पर इसका इस्तेमाल आइडेंटिटी थेफ्ट और अवैध उद्देश्यों के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल किया जा सकता है.

आधार से जुड़े अपराध और सजा
अगर कोई शख्स आधार संबंधित आधार में लिप्त पाया जाता है तो उसे सजा भी हो सकती है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के अनुसार आधार से संबंधित 8 ऐसे अपराध हैं, जिनके चलते अपराधी को सजा हो सकती है.

1. नामांकन के समय गलत जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक जानकारी देना एक अपराध है. इसके तहत 3 साल तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

2. आधार नंबर होल्डर की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी को बदलकर या बदलने का प्रयास करके आधार संख्या होल्डर की पहचान को अपनाना एक अपराध है. इसमें 3 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

3. किसी निवासी की पहचान संबंधी जानकारी एकत्रित करने के लिए अधिकृत एजेंसी होने का दिखावा करना अपराध है. ऐसा करने पर आरोपी को 3 साल तक का कारावास या 10000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. वहीं, अगर आरोपी कंपनी को है तो उसे1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

4. नामांकन/प्रमाणीकरण के दौरान एकत्रित सूचना को जानबूझकर किसी अनाधिकृत व्यक्ति के सामने प्रकट करना या इस अधिनियम के तहत किसी समझौते या व्यवस्था का उल्लंघन करना एक अपराध है. ऐसा करने पर व्यक्ति के लिए 3 वर्ष तक का कारावास या 10000 रुपये तक का जुर्माना है, जबकि कंपनी के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

5. सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपोजिटरी (CIDR) तक अनधिकृत पहुंच और हैकिंग एक अपराध है. इसमें 10 साल तक की कैद और न्यूनतम 10 लाख रुपये का जुर्माना है.

6. केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी में डेटा के साथ छेड़छाड़ एक अपराध है - 10 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना.

7. अनुरोधकर्ता इकाई या ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली यूनिट द्वारा किसी व्यक्ति की पहचान संबंधी जानकारी का अनधिकृत उपयोग के मामले में 3 वर्ष तक का कारावास या 10,000 रुपये तक का जुर्माना है सकता. वहीं किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

8. किसी ऐसे अपराध के लिए जुर्माना, जिसके लिए कोई विशिष्ट दंड का प्रावधान नहीं है. किसी व्यक्ति के मामले में 3 साल तक का कारावास या 25,000 रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. वहीं, किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें- क्या है ब्लू आधार और किसका बनता है यह? रेगुलर आधार से कितना होता है अलग? जानें

नई दिल्ली: आधार एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसे व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. यह एक वैलिड आईडी और एड्रेस प्रूफ करने वाला दस्तावेज है जो विभिन्न सेवाओं में काम आता है. आज लोग सिम कार्ड खरीदने से लेकर बैंक अकाउंट ओपन करने तक में आधार का इस्तेमाल करते हैं.

आधार कार्ड में आपका नाम, पता, फोन नंबर और फिंगरप्रिंट की जानकारियां होती हैं. ऐसे में अगर आपका आधार गलत हाथों में पहुंच जाए तो इससे आपको काफी दिक्कत हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपना आधार सुरक्षित रखें. बता दें कि आधार कार्ड गलत हाथों में पहुंचने पर इसका इस्तेमाल आइडेंटिटी थेफ्ट और अवैध उद्देश्यों के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल किया जा सकता है.

आधार से जुड़े अपराध और सजा
अगर कोई शख्स आधार संबंधित आधार में लिप्त पाया जाता है तो उसे सजा भी हो सकती है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के अनुसार आधार से संबंधित 8 ऐसे अपराध हैं, जिनके चलते अपराधी को सजा हो सकती है.

1. नामांकन के समय गलत जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक जानकारी देना एक अपराध है. इसके तहत 3 साल तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

2. आधार नंबर होल्डर की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी को बदलकर या बदलने का प्रयास करके आधार संख्या होल्डर की पहचान को अपनाना एक अपराध है. इसमें 3 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

3. किसी निवासी की पहचान संबंधी जानकारी एकत्रित करने के लिए अधिकृत एजेंसी होने का दिखावा करना अपराध है. ऐसा करने पर आरोपी को 3 साल तक का कारावास या 10000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. वहीं, अगर आरोपी कंपनी को है तो उसे1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

4. नामांकन/प्रमाणीकरण के दौरान एकत्रित सूचना को जानबूझकर किसी अनाधिकृत व्यक्ति के सामने प्रकट करना या इस अधिनियम के तहत किसी समझौते या व्यवस्था का उल्लंघन करना एक अपराध है. ऐसा करने पर व्यक्ति के लिए 3 वर्ष तक का कारावास या 10000 रुपये तक का जुर्माना है, जबकि कंपनी के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

5. सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपोजिटरी (CIDR) तक अनधिकृत पहुंच और हैकिंग एक अपराध है. इसमें 10 साल तक की कैद और न्यूनतम 10 लाख रुपये का जुर्माना है.

6. केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी में डेटा के साथ छेड़छाड़ एक अपराध है - 10 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना.

7. अनुरोधकर्ता इकाई या ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली यूनिट द्वारा किसी व्यक्ति की पहचान संबंधी जानकारी का अनधिकृत उपयोग के मामले में 3 वर्ष तक का कारावास या 10,000 रुपये तक का जुर्माना है सकता. वहीं किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

8. किसी ऐसे अपराध के लिए जुर्माना, जिसके लिए कोई विशिष्ट दंड का प्रावधान नहीं है. किसी व्यक्ति के मामले में 3 साल तक का कारावास या 25,000 रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. वहीं, किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें- क्या है ब्लू आधार और किसका बनता है यह? रेगुलर आधार से कितना होता है अलग? जानें

Last Updated : Sep 26, 2024, 9:50 PM IST
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