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LG ने मेयर के चुनाव टालने के फैसले को पलटा, MCD कमिश्नर से मांगी रिपोर्ट, चुनाव टला - MCD standing committee election

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 6 hours ago

Updated : 5 hours ago

MCD standing committee election: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एमसीडी कमिश्नर को स्थायी समिति के छठे सदस्य के चुनाव के संचालन की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि यदि मेयर अनुपलब्ध है या बैठक की अध्यक्षता करने से इनकार करती है, तो चुनाव का संचालन के लिए डिप्टी मेयर से बैठक की अध्यक्षता करने का अनुरोध किया जा सकता है.

एमसीडी स्थायी समिति सदस्य चुनाव
एमसीडी स्थायी समिति सदस्य चुनाव (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में छठे सदस्य के लिए स्थायी समिति का चुनाव गुरुवार को नहीं होगा. काफी सरगर्मी के बाद इसे टाल दिया गया. इससे पहले रात 8.30 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अंतिम समय में हस्तक्षेप करते हुए स्थायी समिति की अंतिम खाली सीट के लिए चुनाव स्थगित करने के फैसले को पलट दिया और एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को गुरुवार रात 10 बजे तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. हालांकि, काफी हंगामा के बाद एमसीडी कमिश्नर ने बताया कि आज चुनाव नहीं होगा. अगली तारीख की सूचना बाद में दी जाएगी.

सक्सेना ने निर्देश दिया कि यदि मेयर चुनाव कराने से इनकार करती हैं तो डिप्टी मेयर को चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया जाए. उन्होंने आदेश दिया कि यदि वह भी चुनाव कराने से इनकार करते हैं तो सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य चुनाव की अध्यक्षता करेगा. दिन में पार्षदों से मोबाइल सदन में न ले जाने को लेकर व्यवधान के बाद महापौर ने एमसीडी स्थायी समिति के चुनाव को स्थगित कर दिया था और सदन की बैठक 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. शैली ओबेरॉय ने दावा किया कि पार्षदों की पहली बार सुरक्षा जांच की गई है और उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक और सदन के सदस्यों के लिए अपमानजनक बताया था.

भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही हैः वहीं, देर रात दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसौदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि आज रात पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर बीजेपी दिल्ली नगर निगम में लोकतंत्र की हत्या कर रही है. दिल्ली नगर निगम में आज स्थायी समिति सदस्य का चुनाव होना था. मेयर शेली ओबेरॉय ने स्थायी समिति के लिए चुनाव कराने की कोशिश की, लेकिन सदन में हंगामा हो गया और इसे स्थगित करना पड़ा.

"मेयर ने सदन को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. इसके बावजूद भाजपा के सारे पार्षद, सांसद, अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी वहीं बैठे रहे, क्योंकि उन्हें पता था कि सारे पार्षदों के जाने के बाद एलजी साहब फिर आनन-फानन में बैठक बुलाने के लिए कहेंगे. एलजी साहब की चिट्ठी ने सारी सच्चाई सामने लाकर रख दी है." -मनीष सिसोदिया, पूर्व डिप्टी सीएम और AAP नेता

सिसोदिया ने कहा कि मेयर ने सदन को 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया और फैसला किया कि अब 5 अक्टूबर को फिर से बैठक होगी. गुरुवार रात 8:30 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि डेढ़ घंटे के अंदर यानी रात 10 बजे तक एमसीडी की स्थायी समिति का चुनाव पूरा हो जाना चाहिए. उपराज्यपाल अमेरिका में, लेकिन उन्होंने वहां से एक पत्र लिखा है और कमिश्नर से कहा है कि एमसीडी का चुनाव किसी भी कीमत पर तुरंत रात में कराया जाना चाहिए. हम सोच रहे थे कि बीजेपी का मकसद क्या है, तब हमें समझ आया कि असलियत क्या है खेल है. नगर निगम के एक कर्मचारी ने हमें बताया कि जहां आप और कांग्रेस के पार्षद सदन छोड़कर चले गए हैं.

यह भी पढ़ें- MCD स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव 5 अक्टूबर तक स्थगित, AAP पार्षदों के हंगामे पर भाजपा ने की ये टिप्पणी

यह है मामला: दरअसल, आम आदमी पार्टी के पार्षद जब सदन में दाखिल होने के लिए गेट पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें मोबाइल लेकर अंदर जाने से रोक दिया. इससे नाराज होकर AAP पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि निगम कमिश्नर भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं. निगम के किसी भी चुनाव में सदन के अंदर मोबाइल ले जाने पर पाबंदी नहीं लगाई गई थी, ऐसे में आज यह पाबंदी क्यों है. उन्होंने कहा कि कमिश्नर को इस आदेश को वापस लेना होगा.

यह भी पढ़ें- विधानसभा सत्र का पहला दिनः कैग रिपोर्ट को लेकर बीजेपी विधायकों का हंगामा, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में छठे सदस्य के लिए स्थायी समिति का चुनाव गुरुवार को नहीं होगा. काफी सरगर्मी के बाद इसे टाल दिया गया. इससे पहले रात 8.30 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अंतिम समय में हस्तक्षेप करते हुए स्थायी समिति की अंतिम खाली सीट के लिए चुनाव स्थगित करने के फैसले को पलट दिया और एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को गुरुवार रात 10 बजे तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. हालांकि, काफी हंगामा के बाद एमसीडी कमिश्नर ने बताया कि आज चुनाव नहीं होगा. अगली तारीख की सूचना बाद में दी जाएगी.

सक्सेना ने निर्देश दिया कि यदि मेयर चुनाव कराने से इनकार करती हैं तो डिप्टी मेयर को चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया जाए. उन्होंने आदेश दिया कि यदि वह भी चुनाव कराने से इनकार करते हैं तो सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य चुनाव की अध्यक्षता करेगा. दिन में पार्षदों से मोबाइल सदन में न ले जाने को लेकर व्यवधान के बाद महापौर ने एमसीडी स्थायी समिति के चुनाव को स्थगित कर दिया था और सदन की बैठक 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. शैली ओबेरॉय ने दावा किया कि पार्षदों की पहली बार सुरक्षा जांच की गई है और उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक और सदन के सदस्यों के लिए अपमानजनक बताया था.

भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही हैः वहीं, देर रात दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसौदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि आज रात पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर बीजेपी दिल्ली नगर निगम में लोकतंत्र की हत्या कर रही है. दिल्ली नगर निगम में आज स्थायी समिति सदस्य का चुनाव होना था. मेयर शेली ओबेरॉय ने स्थायी समिति के लिए चुनाव कराने की कोशिश की, लेकिन सदन में हंगामा हो गया और इसे स्थगित करना पड़ा.

"मेयर ने सदन को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया. इसके बावजूद भाजपा के सारे पार्षद, सांसद, अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी वहीं बैठे रहे, क्योंकि उन्हें पता था कि सारे पार्षदों के जाने के बाद एलजी साहब फिर आनन-फानन में बैठक बुलाने के लिए कहेंगे. एलजी साहब की चिट्ठी ने सारी सच्चाई सामने लाकर रख दी है." -मनीष सिसोदिया, पूर्व डिप्टी सीएम और AAP नेता

सिसोदिया ने कहा कि मेयर ने सदन को 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया और फैसला किया कि अब 5 अक्टूबर को फिर से बैठक होगी. गुरुवार रात 8:30 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि डेढ़ घंटे के अंदर यानी रात 10 बजे तक एमसीडी की स्थायी समिति का चुनाव पूरा हो जाना चाहिए. उपराज्यपाल अमेरिका में, लेकिन उन्होंने वहां से एक पत्र लिखा है और कमिश्नर से कहा है कि एमसीडी का चुनाव किसी भी कीमत पर तुरंत रात में कराया जाना चाहिए. हम सोच रहे थे कि बीजेपी का मकसद क्या है, तब हमें समझ आया कि असलियत क्या है खेल है. नगर निगम के एक कर्मचारी ने हमें बताया कि जहां आप और कांग्रेस के पार्षद सदन छोड़कर चले गए हैं.

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यह है मामला: दरअसल, आम आदमी पार्टी के पार्षद जब सदन में दाखिल होने के लिए गेट पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें मोबाइल लेकर अंदर जाने से रोक दिया. इससे नाराज होकर AAP पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि निगम कमिश्नर भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं. निगम के किसी भी चुनाव में सदन के अंदर मोबाइल ले जाने पर पाबंदी नहीं लगाई गई थी, ऐसे में आज यह पाबंदी क्यों है. उन्होंने कहा कि कमिश्नर को इस आदेश को वापस लेना होगा.

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Last Updated : 5 hours ago
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