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1100 पेड़ों की कटाई का मामला: सौरभ भारद्वाज ने कहा- LG साहब के खिलाफ दर्ज हो आपराधिक मुकदमा - Trees Cut Issue In Delhi - TREES CUT ISSUE IN DELHI

1100 TREES CUTTING CASE: दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ काटने का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. दूसरी ओर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज लगातार पेड़ काटने के मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल पर निशाना साध रहे हैं.

1100 पेड़ों की कटाई मामला
1100 पेड़ों की कटाई मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 26, 2024, 10:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 1100 पेड़ों का मुद्दा खूब गरमाया. मंत्री सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय समेत आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों ने सदन में इस मुद्दे को उठाया. सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा से मांग करते हुए कहा कि रिज क्षेत्र में अवैध रूप से एलजी साहब 1100 पेड़ कटवा दिए. ऐसे में उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए. वहीं, अगर डीडीए के अफसरों ने पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिलने की बात एलजी से छिपाई थी तो उन अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लेकिन डीडीए के हलफनामे में साफ लिखा है कि एलजी 3 फरवरी को पेड़ काटने वाली जगह गए थे. उन्होंने पेड़ काटने के मौखिक निर्देश दिए. वहीं, जब सच्चाई सामने आ गई, तब भी एलजी के वकील ने कोर्ट में झूठ बोला कि वह वहां दौरे पर नहीं गए थे, बल्कि अस्तपाल गए थे.

सदन में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच पिछले आठ महीने से परेशान है कि ये पेड़ किसने कटवाए हैं, उसका नाम बता दो. कोर्ट ने एलजी, डीडीए के उपाध्यक्ष यहां तक कि केंद्र सरकार से भी पूछ लिया. अगर नेता प्रतिपक्ष को पता है कि यह पेड़ अरविंद केजरीवाल और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय के कहने पर काटे गए हैं, तो वह कोर्ट को यह बात क्यों नहीं बताते? ये लोग इतने दिनों से जो कागज लेकर घूम रहे हैं और 9 महीने से कोर्ट में अपनी बेइज्जती करवा रहे हैं. हर महीने कोर्ट इनकी खिंचाई कर रहा है. ये लोग कभी कहते हैं कि डीडीए की ईमेल हैक हो गई थी.

सौरभ भारद्वाज ने डीडीए के अधिकारियों कि भेजी गई ईमेल का हवाला देते हुए बताया कि डीडीए का इंजीनियर इंचार्ज ने चीफ इंजीनियर, एससी को कॉपी करके ठेकेदार को लिखी है, और उसने इस ईमेल में एलजी का नाम लिखा है. ये बातें हवा में नहीं कही जा रही है. एक्सईएन ने साफ-साफ एलजी का नाम लेते हुए कहा है कि उपराज्यपाल ने 3 फरवरी 2024 को मौके पर दौरा करते हुए इन पेड़ों को काटने के निर्देश दिए. डीडीए ने कोर्ट से यह बात छिपाई, और ठेकेदार ने बताया कि उसके पास यह ईमेल आई हुई है.

रिज एरिया में बिना अनुमति के 1100 पेड़ काटे गए: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि रिज एरिया में बिना अनुमति के पेड़ काटे गए, लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि एलजी ने देश की सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की. एलजी और डीडीए को यह मालूम था कि रिज एरिया में पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की परमिशन चाहिए. लेकिन एलजी ने मौखिक आदेश देकर पहले पेड़ कटवा दिए.

लेकिन जब वहां किसी एनजीओ को पता चल गया और उसने वन विभाग को पत्र लिखकर इस पर सवाल करना शुरू किया, तो आनन-फानन में एलजी की डीडीए सुप्रीम कोर्ट गई. और जो पेड़ पहले ही काटे जा चुके थे, उसे काटने की अनुमति मांगने लगी. कोर्ट ने डीडीए की अर्जी को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह पेड़ काटने के अलावा कोई और रास्ता ढूंढे. जंगल के अंदर हम इतने पेड़ काटने की इजाजत नहीं देंगे. लेकिन जब यह मामला खुल गया, तो इनके ऊपर अदालत की अवमानना का मामला चला.

रिज एरिया से 1100 पेड़ काटे गए: कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर एलजी साहब, बीजेपी और उनकी डीडीए के पास रिज एरिया के पेड़ों को काटने की अनुमति है तो सदन के सामने रखें. बिना केंद्र सरकार, राज्य सरकार या सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के एलजी के मनमाने आदेश पर पेड़ कटवा दिए गए. ट्री ऑफिसर के साइन से ही पेड़ कटता है. अगर किसी के पास ट्री ऑफिसर की अनुमति है तो सदन के सामने लाकर दिखाएं. डीडीए के पास पेड़ काटने की अनुमति नहीं थी. जिस फाइल की बात भाजपा कर रही है वह रिज एरिया क्षेत्र के बाहर आने वाले 422 पेड़ हैं. जबकि डीडीए ने रिज एरिया से 1100 पेड़ काटे हैं. और दिल्ली सरकार रिज एरिया से पेड़ काटने की अनुमति दे ही नहीं सकती है.

पेड़ों को काटने की अनुमति स्वयं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दी थी: विजेंद्र गुप्ता

दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेता विधानसभा को अपने मनमाने तरीके से चलाना चाहते हैं. उन्होंने आज विधानसभा में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बनाते समय इसकी सड़क चौड़ी करने में बाधक बन रहे कुल 422 पेड़ों को काटने के मुद्दे पर आप पार्टी के नेताओं द्वारा गुमराह करने के प्रयासों की आलोचना की.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के कर्मचारियों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्माण का निर्णय लिया था. इस परियोजना के तहत अस्पताल के लिए मौजूदा सड़क की चौड़ाई लगभग 7.5 मीटर थी. अस्पताल तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस सड़क को चार लेन का करने के लिए इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 24 मीटर करना आवश्यक था. इसके लिए रास्ते में आ रहे और गैर वनभूमि पर खड़े 422 पेड़ों को काटने के लिए आवश्यक अनुमति हेतु निर्माण एजेंसी की ओर से एक आवेदन दिल्ली सरकार को प्रस्तुत किया गया था. अस्पताल की सड़क को चौड़ा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक विशेष समिति द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी गई थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 1100 पेड़ों का मुद्दा खूब गरमाया. मंत्री सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय समेत आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों ने सदन में इस मुद्दे को उठाया. सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा से मांग करते हुए कहा कि रिज क्षेत्र में अवैध रूप से एलजी साहब 1100 पेड़ कटवा दिए. ऐसे में उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए. वहीं, अगर डीडीए के अफसरों ने पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिलने की बात एलजी से छिपाई थी तो उन अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लेकिन डीडीए के हलफनामे में साफ लिखा है कि एलजी 3 फरवरी को पेड़ काटने वाली जगह गए थे. उन्होंने पेड़ काटने के मौखिक निर्देश दिए. वहीं, जब सच्चाई सामने आ गई, तब भी एलजी के वकील ने कोर्ट में झूठ बोला कि वह वहां दौरे पर नहीं गए थे, बल्कि अस्तपाल गए थे.

सदन में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच पिछले आठ महीने से परेशान है कि ये पेड़ किसने कटवाए हैं, उसका नाम बता दो. कोर्ट ने एलजी, डीडीए के उपाध्यक्ष यहां तक कि केंद्र सरकार से भी पूछ लिया. अगर नेता प्रतिपक्ष को पता है कि यह पेड़ अरविंद केजरीवाल और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय के कहने पर काटे गए हैं, तो वह कोर्ट को यह बात क्यों नहीं बताते? ये लोग इतने दिनों से जो कागज लेकर घूम रहे हैं और 9 महीने से कोर्ट में अपनी बेइज्जती करवा रहे हैं. हर महीने कोर्ट इनकी खिंचाई कर रहा है. ये लोग कभी कहते हैं कि डीडीए की ईमेल हैक हो गई थी.

सौरभ भारद्वाज ने डीडीए के अधिकारियों कि भेजी गई ईमेल का हवाला देते हुए बताया कि डीडीए का इंजीनियर इंचार्ज ने चीफ इंजीनियर, एससी को कॉपी करके ठेकेदार को लिखी है, और उसने इस ईमेल में एलजी का नाम लिखा है. ये बातें हवा में नहीं कही जा रही है. एक्सईएन ने साफ-साफ एलजी का नाम लेते हुए कहा है कि उपराज्यपाल ने 3 फरवरी 2024 को मौके पर दौरा करते हुए इन पेड़ों को काटने के निर्देश दिए. डीडीए ने कोर्ट से यह बात छिपाई, और ठेकेदार ने बताया कि उसके पास यह ईमेल आई हुई है.

रिज एरिया में बिना अनुमति के 1100 पेड़ काटे गए: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि रिज एरिया में बिना अनुमति के पेड़ काटे गए, लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि एलजी ने देश की सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की. एलजी और डीडीए को यह मालूम था कि रिज एरिया में पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की परमिशन चाहिए. लेकिन एलजी ने मौखिक आदेश देकर पहले पेड़ कटवा दिए.

लेकिन जब वहां किसी एनजीओ को पता चल गया और उसने वन विभाग को पत्र लिखकर इस पर सवाल करना शुरू किया, तो आनन-फानन में एलजी की डीडीए सुप्रीम कोर्ट गई. और जो पेड़ पहले ही काटे जा चुके थे, उसे काटने की अनुमति मांगने लगी. कोर्ट ने डीडीए की अर्जी को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह पेड़ काटने के अलावा कोई और रास्ता ढूंढे. जंगल के अंदर हम इतने पेड़ काटने की इजाजत नहीं देंगे. लेकिन जब यह मामला खुल गया, तो इनके ऊपर अदालत की अवमानना का मामला चला.

रिज एरिया से 1100 पेड़ काटे गए: कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर एलजी साहब, बीजेपी और उनकी डीडीए के पास रिज एरिया के पेड़ों को काटने की अनुमति है तो सदन के सामने रखें. बिना केंद्र सरकार, राज्य सरकार या सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के एलजी के मनमाने आदेश पर पेड़ कटवा दिए गए. ट्री ऑफिसर के साइन से ही पेड़ कटता है. अगर किसी के पास ट्री ऑफिसर की अनुमति है तो सदन के सामने लाकर दिखाएं. डीडीए के पास पेड़ काटने की अनुमति नहीं थी. जिस फाइल की बात भाजपा कर रही है वह रिज एरिया क्षेत्र के बाहर आने वाले 422 पेड़ हैं. जबकि डीडीए ने रिज एरिया से 1100 पेड़ काटे हैं. और दिल्ली सरकार रिज एरिया से पेड़ काटने की अनुमति दे ही नहीं सकती है.

पेड़ों को काटने की अनुमति स्वयं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दी थी: विजेंद्र गुप्ता

दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेता विधानसभा को अपने मनमाने तरीके से चलाना चाहते हैं. उन्होंने आज विधानसभा में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बनाते समय इसकी सड़क चौड़ी करने में बाधक बन रहे कुल 422 पेड़ों को काटने के मुद्दे पर आप पार्टी के नेताओं द्वारा गुमराह करने के प्रयासों की आलोचना की.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के कर्मचारियों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्माण का निर्णय लिया था. इस परियोजना के तहत अस्पताल के लिए मौजूदा सड़क की चौड़ाई लगभग 7.5 मीटर थी. अस्पताल तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस सड़क को चार लेन का करने के लिए इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 24 मीटर करना आवश्यक था. इसके लिए रास्ते में आ रहे और गैर वनभूमि पर खड़े 422 पेड़ों को काटने के लिए आवश्यक अनुमति हेतु निर्माण एजेंसी की ओर से एक आवेदन दिल्ली सरकार को प्रस्तुत किया गया था. अस्पताल की सड़क को चौड़ा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक विशेष समिति द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी गई थी.

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