तेल अवीव: इजराइल और हमास की युद्ध और इसमें हिज्बुल्लाह की एंट्री. शायद लेबनान को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है. इजराइल ने पिछले दिनों लेबनान में हिज्बुल्लाह लड़ाकों को निशाना बनाकर उनके पेजर और वॉकी-टॉकी में बिस्फोट कराए थे. जिसके कारण पूरा लेबनान दहल गया था. ऐसे में इजराइल की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, वह अपने दुश्मनों को सांस लेने तक का मौका नहीं देता.
बता दें कि, इजराइल ने पिछले कुछ दिनों से लेबनान को दहला रहा है. वह ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. इन हमलों के पीछे अब तक इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. लेकिन अब लेबनान पर हुए हमले में इजराइल की साइबरवारफेयर यूनिट 8200 का नाम सामने आया.
इजराइल ने हाइब्रिड जंग को नए स्तर पर पहुंचा दिया है. इन हमलों ने लेबनान में दहशत पैदा कर दी और उन्हें सभी आधुनिक तकनीकी उपकरणों को छोड़कर संचार के प्राचीन साधनों पर वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा. जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, यूनिट 8200, 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी या ब्रिटेन की GCHQ के बराबर है. इजराइल की यह साइबरवारफेयर यूनिट 8200 हमास के लक्ष्यों का चयन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने के लिए जाना जाती है.
ऐसे में इजराइल की सैन्य ताकतों के बारे में लोगों को जानने की इच्छा जरूर होगी. यहां इजराइल की ऐसी ही कुछ सैन्य शक्तियों के बारे में जिक्र किया गया है.
आयरन डोम
इजराइल का बनाया हुआ दुनिया का सबसे खतरनाक और सटीक एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है. साल 2011 में इजराइल ने आयरन डोम तैनात किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तब से यह इजराइल के लोगों को हमास और अन्य आतंकी समूहों के रॉकेट हमले से बचा रहा है.
जोरिक-2 मिसाइल
इजराइल में बनी जेरिको-2 मिसाइल एक बैलिस्टिक मिसाइल है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैलिस्टिक मिसाइल का वजन 26 हजार किलोग्राम है और इसकी लंबाई 14 मीटर है. इसका व्यास 1.56 मीटर है. इसमें 400 से 1300 किलोग्राम वजन का वॉरहेड यानी हथियार लगाया जाता है. इसे दो स्टेज की मिसाइल कहा जाता है. कहते हैं कि, इसका ऑपरेशनल रेंज 1500 किलोमीटर है और यह हाइपरसोनिक गति से चलती है.
ग्रैविटी बम
ग्रैविटी बम जिसे न्यूक्लियर कैपेबल एयरक्राफ्ट के जरिये छोड़ा जाता है. इस इस्तेमाल परमाणु हथियारों की डिलिवरी में होती है. ग्रैविटी बम को इजराइल लगातार अपग्रेड कर रहा है. इसे बहुत ही खतरनाक माना गया है. वह इसलिए क्योंकि इसके धमाकेदार विस्फोट से बड़े बड़े मजबूत इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं.
ट्रॉफी सिस्टम
इजराइल अपने दुश्मनों से टैंकों को बचाने के लिए ट्रॉफी सिस्टम बनाया है. ट्रॉफी डिटेक्शन सिस्टम टैंक को 360 डिग्री प्रोटेक्शन देती है. ये सिस्टम एंटी-मिसाइल को दूर से ही देखकर सावधान हो जाता है. वह एंटी मिसाइल को टैंक तक पहुंचने से पहले ही बर्बाद और तबाह कर देता है.
एफ-16I सूफा
इजराइली एफ-16 फाइटर जेट को कई देश अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि, इजराइल ने इसमें कई बदलाव किए हैं. इस विमान को उड़ाते वक्त पायलट बटन का इस्तेमाल नहीं करता है. दुश्मन की तरफ सिर्फ उसकी गिद्ध जैसी नजर होती है. हेलमेट में लगे सिस्टम से दुश्मन टारगेट तबाह हो जाता है. इसका हेलमेट सिस्टम फाइटर जेट के रडार और वेपन सिस्टम से जुड़ा रहता है.
मेरकावा-4 टैंक
यह इजराइल का सबसे खतरनाक टैंक माना जाता है. यह टैंक नए फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस है. इसमें किसी भी तरह के हवाई हमले से बचने की तकनीक लगी हुई है. इस टैंक में बैटलफील्ड सिस्टम लगा हुआ है. इसमें उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, ट्रैकिंग सिस्टम लगा है. यह टैंक चुनौती से भरी जमीनों पर और दलदल और पानी में तेजी से आगे बढ़ता है. इसकी ताकत देख दुश्मनों की सांसे फेल हो जाती है.
ड्रोन
ड्रोन को इजराइल आर्मी की आंखें हैं. इजराइल ने अपने सभी ड्रोन खुद तैयार किए हैं. वे इनकी मदद से दुश्मनों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं. द ईटन नामक ड्रोन का विंगस्पैन 85 फिट है. यह देखने में बोईंग 737 एयरक्राफ्ट जितना है. यह 36 घंटे तक किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है. इसमें अत्याधुनिक ऑटोमैटिक डिफ्रॉस्टिंग सिस्टम, टेकऑफ लैंडिग सिस्टम लगा रहता है. इतना ही नहीं इसमें कई तरह के सेंसर्स भी लगाए जा सकते हैं. इजराइल के पास इस तरह बहुत सारे ड्रोन्स हैं.
आईबॉल सिस्टम
यह सिस्टम दुश्मन देश के छिपे हुए सैनिकों, आतंकियों का पता चुटकी में लगा लेता है. सैनिक एक छोटा सा ब्लैक कलर का बॉल दुश्मनों के छिपने वाले इमारतों पर फैंकता है, इसके बाद कुछ देर रुककर वह 360 डिग्री इमेज दिखाती है. इस दौरान आईबॉल सिस्टम दुश्मनों के छिपने वाले स्थान का हर एंगल से पता लगा लेती है. इस सिस्टम में स्टेट ऑफ द आर्ट कैमरा लगा होता है. जैसे ही दुश्मनों पता चलता है सैनिक उस पर अटैक कर देते हैं.
द नामेर
द नामेर को लेपर्ड भी कहा जाता है. हथियारों को लोड करके चलने वाली यह इजराइल की इंफैन्ट्री व्हीकल है. द नामेर में कई उन्नत सिस्टम लगे हें. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें बैठकर चलने वाले सैनिक काफी सुरक्षित रहते हैं. खबर के मुताबिक, द नामेर में ट्रॉफी सिस्टम लगे होते है, जो एंटी टैंक रॉकेट्स से इन्हें सुरक्षित रखता है. इस इंफैन्ट्री वाहन में तीन लोग, कमांडर, ड्राइवर और आर्म्स ऑपरेटर बैठते हैं.
स्पाइक
स्पाइक रॉकेट लॉन्चर को इजरायली सेना के लिए बनाया गया है. नए वैरिएंट का वजन काफी कम कर दिया गया है. इसकी खासियत यह है कि, इसे एक सैनिक अपने कंधे पर रखकर भी दुश्मन को निशाना बना सकता है. हल्के होने की वजह से इसे कही भी ले जाया जा सकता है.
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