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IP College: फेस्ट की घटना को लेकर विभिन्न कॉलेज की छात्राओं ने निकाला आजादी मार्च, पुलिस ने किया डिटेन

दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी महिला कॉलेज में 28 मार्च को फेस्ट के दौरान हुई घटना के बाद शुक्रवार को छात्र-छात्राओं ने आर्ट्स फैकल्टी के गेट पर आजादी मार्च निकाला. पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रखे थे. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को हिरासत में लिया है. वहीं छात्राओं ने पुलिस पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है.

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Published : Mar 31, 2023, 3:42 PM IST

Updated : Mar 31, 2023, 5:59 PM IST

प्रदर्शन कर रही छात्राओं को पुलिस ने किया डिटेन

नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के आईपी महिला कॉलेज में 28 मार्च को हुए फेस्ट में छात्राओं के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ के विरोध में कई कॉलेजों की छात्राओं ने शुक्रवार को आर्ट्स फैकल्टी के सामने प्रदर्शन किया और आजादी मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रही छात्राओं का आरोप है कि एसीपी सिविल लाइन और आर्ट्स फैकल्टी गेट पर मौजूद पुलिस के जवानों ने उनके साथ बदसलूकी की है. साथ ही उन्हें डिटेन कर दिल्ली के दूसरे इलाकों में ले जाया जा रहा है, जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी छात्राओं में काफी गुस्सा है.

प्रदर्शनकारी छात्राओं ने पुलिस पर उठाए सवाल

बता दें, 29 मार्च को आईसा छात्र संगठन के नेतृत्व में दिल्ली के अलग-अलग कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं को डिटेन कर प्रदर्शन को काबू में किया था, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर आईसा के बैनर तले बड़ी संख्या में छात्राएं इकट्ठा होकर आर्ट्स फैकल्टी पहुंची और प्रदर्शन किया.

छात्राएं एसीपी सिविल लाइन के खिलाफ दर्ज कराएगी केसः आजादी मार्च को रोकने के लिए पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी छात्राओं को रोका और विरोध करने पर उन्हें बसों में भरकर हिरासत में लिया गया. डिटेन की गई छात्राओं का कहना है कि पुलिस छात्राओं का दमन कर रही है. कॉलेज प्रशासन भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. प्रदर्शनकारी छात्राओं ने कहा कि आर्ट्स फैकल्टी गेट पर आजादी मार्च में प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल ने जबरन कार्रवाई करते हुए छात्राओं को डिटेन किया है और उसके साथ बदसलूकी की. छात्राओं का कहना था कि एसीपी सिविल लाइन्स के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराएंगी और उन्हें सस्पेंड कराने की मांग करेगी. इतना ही नहीं, आईपी कॉलेज की प्रिंसिपल से भी वे माफी मांगने की मांग कर रही हैं.

पुलिस ने सभी छात्रों को हिरासत में लिया
पुलिस ने सभी छात्रों को हिरासत में लिया

प्रदर्शनकारी छात्राओं को पहले मिरांडा हाउस और दौलत राम कॉलेज से मार्च करते हुए आईपी कॉलेज पर पहुंचना था. पुलिस ने घटना से सबक लेते हुए पहले ही आर्ट्स फैकल्टी गेट और आईपी कॉलेज को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया था. प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल और स्थानीय पुलिस को यहां पर तैनात किया गया था, ताकि प्रदर्शन उग्र ना हो.

सुरक्षा देने में कॉलेज और विवि प्रशासन नाकामः प्रदर्शन करने पहुंची छात्राओं का कहना है कि पुलिस घटना के समय आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करती और जब छात्राएं अपने हक की आवाज उठाने के लिए मंच पर पहुंचती हैं तो उनका दमन किया जाता है. दिल्ली पुलिस महिला सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है. उसी का नतीजा है कि इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है. दिल्ली विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन पर महिला सुरक्षा को लेकर छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज प्रशासन छात्राओं को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रहे हैं.

प्रदर्शन को देखते हुए आर्ट्स फैकल्टी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
प्रदर्शन को देखते हुए आर्ट्स फैकल्टी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

ये भी पढ़ेंः CM Kejriwal Review Meeting: कोरोना के सभी सैंपल की होगी जिनोम सीक्वेंसिंग, CM बोले- घबराएं नहीं

इनका कहना था कि महिला कॉलेज में फेस्ट के लिए चंदा जुटाने के लिए इन्हें दूसरे कॉलेजों से मदद लेनी पड़ती है, जिस वजह से बाहरी छात्र फेस्ट में आते हैं और इस तरह की वारदातों को अंजाम देते हैं. इसका नतीजा हाल ही में आईपी कॉलेज में हुए फेस्ट में देखने को मिला. वही मिरांडा हाउस में अक्टूबर में बब्बी दिवाली मेले के दौरान भी इस तरह की घटना सामने आई थी. छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा कि जहां कॉलेजों में एडमिशन लेते वक्त महिला सुरक्षा का दावा किया जाता है, वहाीं दिल्ली की सड़कों और कॉलेजों में खुलेआम इस तरह की छेड़छाड़ सामने आ रही है, तो पुलिस बल आरोपी पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?

ये भी पढ़ेंः Sukesh Accused Kejriwal: केजरीवाल के कहने पर टीआरएस ऑफिस में दिए 15 करोड़, जल्द देंगे सबूत

प्रदर्शन कर रही छात्राओं को पुलिस ने किया डिटेन

नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के आईपी महिला कॉलेज में 28 मार्च को हुए फेस्ट में छात्राओं के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ के विरोध में कई कॉलेजों की छात्राओं ने शुक्रवार को आर्ट्स फैकल्टी के सामने प्रदर्शन किया और आजादी मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रही छात्राओं का आरोप है कि एसीपी सिविल लाइन और आर्ट्स फैकल्टी गेट पर मौजूद पुलिस के जवानों ने उनके साथ बदसलूकी की है. साथ ही उन्हें डिटेन कर दिल्ली के दूसरे इलाकों में ले जाया जा रहा है, जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी छात्राओं में काफी गुस्सा है.

प्रदर्शनकारी छात्राओं ने पुलिस पर उठाए सवाल

बता दें, 29 मार्च को आईसा छात्र संगठन के नेतृत्व में दिल्ली के अलग-अलग कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं को डिटेन कर प्रदर्शन को काबू में किया था, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर आईसा के बैनर तले बड़ी संख्या में छात्राएं इकट्ठा होकर आर्ट्स फैकल्टी पहुंची और प्रदर्शन किया.

छात्राएं एसीपी सिविल लाइन के खिलाफ दर्ज कराएगी केसः आजादी मार्च को रोकने के लिए पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी छात्राओं को रोका और विरोध करने पर उन्हें बसों में भरकर हिरासत में लिया गया. डिटेन की गई छात्राओं का कहना है कि पुलिस छात्राओं का दमन कर रही है. कॉलेज प्रशासन भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. प्रदर्शनकारी छात्राओं ने कहा कि आर्ट्स फैकल्टी गेट पर आजादी मार्च में प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल ने जबरन कार्रवाई करते हुए छात्राओं को डिटेन किया है और उसके साथ बदसलूकी की. छात्राओं का कहना था कि एसीपी सिविल लाइन्स के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराएंगी और उन्हें सस्पेंड कराने की मांग करेगी. इतना ही नहीं, आईपी कॉलेज की प्रिंसिपल से भी वे माफी मांगने की मांग कर रही हैं.

पुलिस ने सभी छात्रों को हिरासत में लिया
पुलिस ने सभी छात्रों को हिरासत में लिया

प्रदर्शनकारी छात्राओं को पहले मिरांडा हाउस और दौलत राम कॉलेज से मार्च करते हुए आईपी कॉलेज पर पहुंचना था. पुलिस ने घटना से सबक लेते हुए पहले ही आर्ट्स फैकल्टी गेट और आईपी कॉलेज को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया था. प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल और स्थानीय पुलिस को यहां पर तैनात किया गया था, ताकि प्रदर्शन उग्र ना हो.

सुरक्षा देने में कॉलेज और विवि प्रशासन नाकामः प्रदर्शन करने पहुंची छात्राओं का कहना है कि पुलिस घटना के समय आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करती और जब छात्राएं अपने हक की आवाज उठाने के लिए मंच पर पहुंचती हैं तो उनका दमन किया जाता है. दिल्ली पुलिस महिला सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है. उसी का नतीजा है कि इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है. दिल्ली विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन पर महिला सुरक्षा को लेकर छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज प्रशासन छात्राओं को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रहे हैं.

प्रदर्शन को देखते हुए आर्ट्स फैकल्टी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
प्रदर्शन को देखते हुए आर्ट्स फैकल्टी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

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इनका कहना था कि महिला कॉलेज में फेस्ट के लिए चंदा जुटाने के लिए इन्हें दूसरे कॉलेजों से मदद लेनी पड़ती है, जिस वजह से बाहरी छात्र फेस्ट में आते हैं और इस तरह की वारदातों को अंजाम देते हैं. इसका नतीजा हाल ही में आईपी कॉलेज में हुए फेस्ट में देखने को मिला. वही मिरांडा हाउस में अक्टूबर में बब्बी दिवाली मेले के दौरान भी इस तरह की घटना सामने आई थी. छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा कि जहां कॉलेजों में एडमिशन लेते वक्त महिला सुरक्षा का दावा किया जाता है, वहाीं दिल्ली की सड़कों और कॉलेजों में खुलेआम इस तरह की छेड़छाड़ सामने आ रही है, तो पुलिस बल आरोपी पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?

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Last Updated : Mar 31, 2023, 5:59 PM IST
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