नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर कुछ किसानों ने बिल वापसी तो घर वापसी (bill wapsi to ghar wapsi) का नारा देकर घर वापसी की तैयारी कर ली. शुरुआती दौर से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के साथ जुड़े हुए भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) (Bhartiya Kisan Union) के राष्ट्रीय महासचिव का कहना है कि बिल वापसी के बाद अब किसानों को घर वापसी करनी चाहिए. उन्होंने कई राजनीतिक पार्टियों पर भी किसान आंदोलन के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया. किसान नेता सतीश नंबरदार का कहना अगर 12 दिसंबर तक किसानों ने आंदोलन वापस नहीं लिया तो जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ग्रुप का खुद को पदाधिकारी बताते हुए सतीश नंबरदार ने कहा कि वह शुरू से आंदोलन में हैं और संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में वह भाग लेते रहे हैं. इसलिए आज वे ऐलान करते हैं कि बिल वापसी के बाद वह घर वापसी कर रहे हैं क्योंकि उनका एक ही नारा था बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. अब बिल वापसी हो गई है और MSP पर भी आश्वासन मिल गया है इसलिए किसानों को लौट जाना चाहिए. किसी राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए. सतीश नंबरदार ने दावा किया कि उनके साथ में बड़ी संख्या में हरियाणा और दिल्ली के किसान मौजूद हैं और वह इस आंदोलन से अब खुद को दूर कर रहे हैं.
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सतीश नंबरदार (Satish Numberdar) दिल्ली ग्रामीण क्षेत्र के एक किसान हैं और उन्होंने दावा किया है कि वह राष्ट्रीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या चढूनी खुद उनकी इस बात से सहमत हैं तो उनका कहना था कि उनके राष्ट्रीय नेता चढूनी इस बात से सहमत हैं या नहीं हैं. वह इस बात को महत्व नहीं देते.
उनका कहना है कि वह बिल वापसी के लिए आंदोलन में जुड़े थे और अब बिल वापसी हो गया इसलिए वह भी सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) से अपना टेंट हटाएंगे. इस बारे में जब कुछ किसान नेताओं से बात की गई तो उन्होंने सतीश नम्बरदार को अपना मेम्बर भी मानने से इनकार कर दिया. इनका यह कहना है कि अगर 12 दिसंबर तक किसानों ने आंदोलन वापस नहीं लिया तो वह अपने कुछ समर्थकों के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर इस आंदोलन के खिलाफत करते हुए भूख हड़ताल पर बैठेंगे और जल्द से जल्द आंदोलन को वापस लेने और किसानों की घर वापसी की मांग के लिए एक अलग आंदोलन शुरू करेंगे.
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किसान यूनियन अब सतीश नम्बरदार को भले ही मेम्बर न माने, लेकिन इतना साफ है कि कुछ किसान घर वापसी की तैयारी में जरूर हैं. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) की चार दिसंबर को होने वाली मीटिंग भी कल यानी एक दिसंबर को ही होने जा रही है.