नई दिल्ली: बुधवार को किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार को चेतावनी दी की सरकार कृषि कानूनों को रद्द करे, वरना दिल्ली ब्लॉक कर देंगे. साथ ही कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे, अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे.
'देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाए'
उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाए. प्रोफेसर दर्शनपाल ने कहा कि हमने आपस में मीटिंग खत्म की है. केंद्र सरकार ने पहले सिर्फ पंजाब को बुलाया था. हमने चार नुमाइंदों की समिति का प्रपोजल ठुकराया है, ताकि और किसानों को भी बुलाया जाएं. योगेंद्र यादव के नाम पर सरकार को ऐतराज था. सरकार ने दिखाने की कोशिश की कि ये सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन है. सरकार ने हमें बांटने की कोशिश की. सरकार ने हमें टरकाने की कोशिश की.
उन्होंने कहा कि हमने मिलकर निर्णय लिया हैं कि कल फिर इन्हें लिखकर देंगे. हम चाहते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द करें. हम चाहते हैं कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे. हम कल फिर से लिखकर देंगे कि हम क्यों चाहते हैं कि ये कानून रद्द हों. नहीं तो आंदोलन होगा. पूरी दिल्ली ब्लाक कर देंगे. मीटिंग से 1 दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस करके किसानों ने यह साफ कर दिया कि किसी भी सूरते हाल में किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है और अब देखना होगा कि कल 3 तारीख को क्या कुछ आखरी फैसला निकल के सामने आता है.