नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी के प्रति चिंता जताई है. मुखर्जी ने कहा कि हमारे देश में जितनी बड़ी आबादी है उसको रोजगार नहीं दिया गया तो वह बर्बादी में भी तब्दील हो सकती है. प्रणब मुखर्जी ने छात्रों को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित किया.
दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमने 90 के बाद से भारत में व्यवसाय के क्षेत्र में हम नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. पहले जिसे मजाक में हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहा जाता था उससे बढ़कर आज हम 10 से ऊपर की जीडीपी के आंकड़े तक पहुंच गए हैं.
हम तेजी से उभरती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन इस विकास की स्थिति में बेरोजगारी चिंताजनक विषय है. जनवरी 2019 में बेरोजगारी पिछले 27 महीनों मे अपने सबसे ऊंचे स्तर पर थी.
'रोजगार के बिना विकास पर चिंता'
रोजगार में गिरावट दर्ज की जा रही है, ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का नुकसान हुआ. आज हमारे देश को आबादी के हिसाब से रोजगार की जरूरत है. जिससे कि आबादी देश के लिए फायदेमंद हो. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे रोजगार के बिना हो रहे विकास पर चिंता होती है. अगर हमने इतनी बड़ी आबादी को रोजगार नहीं दिया तो यह आबादी तबाही साबित हो सकती है.
पूर्व राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि वे स्वरोजगार को करियर के तौर पर चुनें. देश में छात्रों के बीच इनोवेशन को बढ़ावा देने की जरूरत है. हमारे यहां इनोवेशन को भी समावेशी होने की जरूरत है. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जैसे देश में वूमेन एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना चाहिए.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि छात्र रोजगार लेने की जगह रोजगार देने की तरफ ध्यान दें. बता दें कि प्रणब मुखर्जी दिल्ली विश्वविद्यालय के पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बुलाये गए थे.