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मुखर्जी नगर कांड: संयुक्त आयुक्त की जांच पूरी, गलती सरबजीत की लेकिन पुलिस भी जिम्मेदार !

इस रिपोर्ट में एक तरफ जहां सरबजीत के किए हंगामे और हमले का जिक्र है तो दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही और मारपीट का भी खुलासा किया गया है.

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Published : Jun 19, 2019, 5:18 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 12:01 AM IST

मुखर्जीनगर कांड

नई दिल्ली: मुखर्जीनगर कांड की पूरी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सौंप दी गई है. ये रिपोर्ट संयुक्त आयुक्त ने सौंपी है. इस रिपोर्ट में उन्होंने पूरी घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है. रिपोर्ट में एक तरफ जहां सरबजीत के किए हंगामे और हमले का जिक्र है तो दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही और मारपीट का भी खुलासा किया गया है.

detailed report of mukherjeet nagar incident sends to police commisioner
दिल्ली पुलिस मुख्यालय

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक थाने के बाहर ग्रामीण सेवा से पुलिस की गाड़ी टच हो जाने को लेकर एएसआई संजय मलिक से चालक सरबजीत सिंह की कहासुनी हो गई थी. इस कहासुनी में सरबजीत सिंह ने अपनी कृपाण (तलवार) निकालकर ASI को धमकाया. इस पर एएसआई ने थाने से पुलिसकर्मियों को बुला लिया.

संवाददाता अमित झा की रिपोर्ट

बाहर आकर इन पुलिसकर्मियों ने जब सरबजीत सिंह को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने तलवार निकाल ली. पीछे से जाकर एएसआई योगराज ने उसे काबू करने की कोशिश की तो उसने योगराज के सिर पर तलवार मार दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरबजीत सिंह और उसके नाबालिग बेटे को सड़क पर पीटा.

रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों की लापरवाही का जिक्र भी
इस रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही का विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि हालात संभालने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही. सरबजीत सिंह को पीटने वाले 11 में से आठ पुलिस के जवान बटालियन से आये थे. उन्हें भर्ती हुए महज तीन महीने हुए हैं. ऐसे में उन्होंने वही किया जो एएसआई ने उन्हें कहा.

दूसरी तरफ ये घटना शाम साढ़े 6 बजे घटित हुई, लेकिन थानाध्यक्ष ने आधे घंटे तक इस तांडव के बारे में किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना नहीं दी. इसका वीडियो जब वायरल हुआ तो अधिकारियों को इसका पता चला. उन्होंने जब SHO से इस बारे में पूछा तो उन्होंने घटना की पुष्टि की.

वीडियो में पुलिसवालों को धमकाता दिख रहा सरबजीत
इस मामले में पुलिस के लिए सबसे बड़ी राहत की बात वो वीडियो है जो किसी ने छत से बनाई. इस वीडियो में सरबजीत तलवार दिखाकर पुलिसकर्मी को धमकाता दिख रहा है.


भीड़ को काबू करने में भी पुलिस रही फेल-रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना में जहां मौके पर पुलिस फेल दिखी तो वहीं दूसरी तरफ भीड़ को संभालने में भी पुलिसवाले फेल नजर आए. घटना के बाद थाने के बाहर जमकर हंगामा किया गया और पुलिस लोगों को समझाकर शांत नहीं करवा सकी.

इस रिपोर्ट में पिटाई करने वाले सभी पुलिसकर्मियों और सरबजीत सिंह के बयान दर्ज हैं. इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के उठाये गए कदमों की भी जानकारी है. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर आगे की कार्रवाई करेंगे.

नई दिल्ली: मुखर्जीनगर कांड की पूरी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सौंप दी गई है. ये रिपोर्ट संयुक्त आयुक्त ने सौंपी है. इस रिपोर्ट में उन्होंने पूरी घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है. रिपोर्ट में एक तरफ जहां सरबजीत के किए हंगामे और हमले का जिक्र है तो दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही और मारपीट का भी खुलासा किया गया है.

detailed report of mukherjeet nagar incident sends to police commisioner
दिल्ली पुलिस मुख्यालय

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक थाने के बाहर ग्रामीण सेवा से पुलिस की गाड़ी टच हो जाने को लेकर एएसआई संजय मलिक से चालक सरबजीत सिंह की कहासुनी हो गई थी. इस कहासुनी में सरबजीत सिंह ने अपनी कृपाण (तलवार) निकालकर ASI को धमकाया. इस पर एएसआई ने थाने से पुलिसकर्मियों को बुला लिया.

संवाददाता अमित झा की रिपोर्ट

बाहर आकर इन पुलिसकर्मियों ने जब सरबजीत सिंह को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने तलवार निकाल ली. पीछे से जाकर एएसआई योगराज ने उसे काबू करने की कोशिश की तो उसने योगराज के सिर पर तलवार मार दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरबजीत सिंह और उसके नाबालिग बेटे को सड़क पर पीटा.

रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों की लापरवाही का जिक्र भी
इस रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही का विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि हालात संभालने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही. सरबजीत सिंह को पीटने वाले 11 में से आठ पुलिस के जवान बटालियन से आये थे. उन्हें भर्ती हुए महज तीन महीने हुए हैं. ऐसे में उन्होंने वही किया जो एएसआई ने उन्हें कहा.

दूसरी तरफ ये घटना शाम साढ़े 6 बजे घटित हुई, लेकिन थानाध्यक्ष ने आधे घंटे तक इस तांडव के बारे में किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना नहीं दी. इसका वीडियो जब वायरल हुआ तो अधिकारियों को इसका पता चला. उन्होंने जब SHO से इस बारे में पूछा तो उन्होंने घटना की पुष्टि की.

वीडियो में पुलिसवालों को धमकाता दिख रहा सरबजीत
इस मामले में पुलिस के लिए सबसे बड़ी राहत की बात वो वीडियो है जो किसी ने छत से बनाई. इस वीडियो में सरबजीत तलवार दिखाकर पुलिसकर्मी को धमकाता दिख रहा है.


भीड़ को काबू करने में भी पुलिस रही फेल-रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना में जहां मौके पर पुलिस फेल दिखी तो वहीं दूसरी तरफ भीड़ को संभालने में भी पुलिसवाले फेल नजर आए. घटना के बाद थाने के बाहर जमकर हंगामा किया गया और पुलिस लोगों को समझाकर शांत नहीं करवा सकी.

इस रिपोर्ट में पिटाई करने वाले सभी पुलिसकर्मियों और सरबजीत सिंह के बयान दर्ज हैं. इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के उठाये गए कदमों की भी जानकारी है. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर आगे की कार्रवाई करेंगे.

Intro:नई दिल्ली
मुखर्जी नगर मामले की जांच कर रहे संयुक्त आयुक्त ने इस मामले की रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में उन्होंने पूरी घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है. उन्होंने रिपोर्ट में एक तरफ जहां सरबजीत सिंह द्वारा किये गए हंगामे एवं हमले का जिक्र किया है तो दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही एवं मारपीट का भी खुलासा किया है.


Body:जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि थाने के बाहर ग्रामीण सेवा छू जाने को लेकर एएसआई संजय मलिक से चालक सरबजीत सिंह की कहासुनी हो गई. इस कहासुनी में सरबजीत सिंह ने अपनी कृपाण (तलवार) निकालकर एएसआई को धमकाया. इस पर एएसआई ने थाने से पुलिसकर्मियों को बुला लिया. बाहर आकर इन पुलिसकर्मियों ने जब सरबजीत सिंह को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने तलवार निकाल ली. पीछे से जाकर एएसआई योगराज ने उसे काबू करने का प्रयास किया तो उसने योगराज के सिर पर तलवार मार दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरबजीत सिंह और उसके नाबालिग बेटे को सड़क पर पीटा.



पुलिसकर्मियों की लापरवाही का जिक्र
इस रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही का विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि हालात संभालने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही. सरबजीत सिंह को पीटने वाले 11 में से आठ पुलिस के जवान बटालियन से आये थे. उन्हें भर्ती हुए महज तीन माह हुए हैं. ऐसे में उन्होंने वही किया जो एएसआई ने उन्हें कहा. दूसरी तरफ यह घटना शाम 6.30 बजे घटित हुई लेकिन थानाध्यक्ष ने आधे घंटे तक इस तांडव के बारे में किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना नहीं दी. इसका वीडियो जब वायरल हुआ तो अधिकारियों को इसका पता चला. उन्होंने जब एसएचओ से इस बारे में पूछा तो उसने घटना की पुष्टि की.


पुलिस के लिए वीडियो बड़ी राहत
इस मामले में पुलिस के लिए सबसे बड़ी राहत वह वीडियो है जो।किसी ने छत से बनाई है. आमतौर पर लोग वही हिस्सा वीडियो में कैद करते हैं जहां पुलिस किसी को पीट रही होती है. लेकिन इस मामले में वीडियो बनाने वाले शख्स ने वह हिस्सा भी कैद किया है जिसमें सरबजीत तलवार दिखाकर पुलिसकर्मी को धमका रहा है.





Conclusion:भीड़ को काबू करने में भी पुलिस रही फेल
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना में जहां मौके पर पुलिस फेल दिखी तो वहीं दूसरी तरफ भीड़ को संभालने में भी फेल रही. घटना के बाद थाने के बाहर जमकर हंगामा किया गया और पुलिस लोगों को समझाकर शांत नहीं करवा सकी. इस रिपोर्ट में पिटाई करने वाले सभी पुलिसकर्मियों एवं सरबजीत सिंह के बयान भी दर्ज हैं. इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उठाये गए कदम की भी जानकारी दी गई है. याब इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर आगे की कार्रवाई करेंगे.
Last Updated : Jun 20, 2019, 12:01 AM IST
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