नई दिल्ली: राजधानी में जहां एक तरफ बारिश के बाद भी प्रदूषण 'खराब' श्रेणी में बना हुआ है, वहीं रविवार को दिवाली के दिन लोगों ने प्रदूषण की चिंता न करते हुए जमकर आतिशबाजी की. दिल्ली सरकार ने लोगों से यह अपील की थी कि दिवाली पर पटाखे न जलाएं, लेकिन रविवार को सारे नियम-कानून ताक पर रखे नजर आए.
हालांकि आतिशबाजी के कारण बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को प्रदूषण से सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं आतिशबाजी से आसमान धुआं-धुआं नजर आया. इसके चलते विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई और 100 मीटर से आगे देखना मुश्किल सा नजर आया. वहीं सवाल यह भी है कि बैन के बावजूद भी पटाखे कैसे बिके क्योंकि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा था कि पटाखों पे प्रतिबंध होने के चलते प्रदूषण नहीं होगा.
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#WATCH | Air Quality in Delhi deteriorates to 'Poor' category, as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
— ANI (@ANI) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(Visuals around the Rajghat area, shot at 6:05 am) pic.twitter.com/0S0u7Sv12l
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अब इस आतिशबाजी का असर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पर देखने को मिलेगा जो कि बारिश के बाद 'गंभीर' से 'खराब' श्रेणी में आ गया था, जिससे लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली थी. गौरतलब है कि प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश के विकल्प को लेकर भी सोच रही थी. जिसमें 20-21 नवंबर तक कानपुर आईआईटी कानपुर की मदद से कृत्रिम बारिश कराकर प्रदूषण में कमी लाई जाने वाली थी. वहीं पटाखे की बिक्री को लेकर बात की जाए तो इतनी कड़ाई के बाद भी पटाखों की इतनी अधिक बिक्री शासन-प्रशासन की विफलता को दर्शा रही है.
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