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दिल्ली की सबसे बड़ी मार्केट सदर बाजार में नहीं हैं सुरक्षा के कोई इंतजाम!

दिल्ली का सदर बाजार हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है और सरकार को भी इस बाजार से काफी टैक्स मिलता है. दुकानदारों का आरोप है कि बावजूद इसके इस बाजार में मूलभूत सुविधाओं का भी इंतजाम नहीं किया गया है.

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Published : Dec 31, 2019, 5:31 PM IST

sadar bazar security arrangements
सदर बाजार

नई दिल्ली: राजधानी की सबसे मशहूर मार्केट चांदनी चौक के पास लगने वाला सदर बाजार सबसे पुराना और बड़ा बाजार है. ये थोक बिक्री का बाजार है. यहां लोग दूर-दूर से खरीदारी के लिए साथ ही देश और विदेशों से पर्यटक भी घूमने आते हैं. लेकिन स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि मार्केट में प्रशासन की तरफ से सुविधा और सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है.

सदर बाजार में नहीं है सुरक्षा के कोई इंतजाम

सदर बाजार में कपड़े, श्रृंगार, धातु समेत हर एक प्रकार का सामान यहां मिलता है. इस बाजार में 40,000 से ज्यादा दुकानें हैं जो कि कई सालों से यहां पर मौजूद है.

दुकानदार सालों से झेल रहे परेशानी
साल 1914 से यहां मेटल की शॉप चला रहे सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि सदर बाजार में उनकी पुश्तैनी दुकान है. सालों से सदर बाजार की व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. जो सालों पहले इस बाजार की हालत थी, वहीं हालत आज भी है. बल्कि या फिर यूं कहें कि और ज्यादा बदतर हो चुकी है.

घटती है रोजाना चोरी लूटपाट जैसी घटनाएं
सुरेंद्र गुप्ता का कहना है कि यहां मार्केट में ना तो कोई सख्त एसोसिएशन है. जो इस मार्केट के विकास के लिए सोचे. ना ही पुलिस प्रशासन और नगर निगम की तरफ से कोई इंतजाम किए जाते हैं. बाजरा में कई दुकानें टूटी भी हुई हैं. कई दुकानों की हालत बेहद जर्जर है. बावजूद इनके दुकानों की कोई मरम्मत नहीं होती.

इसके अलावा रोजाना भीड़भाड़ के कारण कई हादसे भी होते हैं. लोगों के साथ लूटपाट और चोरी जैसी घटनाएं भी घटती हैं. उनका आरोप है कि पुलिस से भी शिकायत की जाती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.

बाजार में नहीं है कोई पब्लिक शौचालय
आपको बता दें कि दिल्ली का सदर बाजार हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है और सरकार को भी इस बाजार से काफी टैक्स मिलता है. बावजूद इसके इस बाजार में मूलभूत सुविधाओं का भी इंतजाम नहीं किया गया है. वहीं रोजाना यहां पर हजारों की तादाद में लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं. जिनके लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है.

नई दिल्ली: राजधानी की सबसे मशहूर मार्केट चांदनी चौक के पास लगने वाला सदर बाजार सबसे पुराना और बड़ा बाजार है. ये थोक बिक्री का बाजार है. यहां लोग दूर-दूर से खरीदारी के लिए साथ ही देश और विदेशों से पर्यटक भी घूमने आते हैं. लेकिन स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि मार्केट में प्रशासन की तरफ से सुविधा और सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है.

सदर बाजार में नहीं है सुरक्षा के कोई इंतजाम

सदर बाजार में कपड़े, श्रृंगार, धातु समेत हर एक प्रकार का सामान यहां मिलता है. इस बाजार में 40,000 से ज्यादा दुकानें हैं जो कि कई सालों से यहां पर मौजूद है.

दुकानदार सालों से झेल रहे परेशानी
साल 1914 से यहां मेटल की शॉप चला रहे सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि सदर बाजार में उनकी पुश्तैनी दुकान है. सालों से सदर बाजार की व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. जो सालों पहले इस बाजार की हालत थी, वहीं हालत आज भी है. बल्कि या फिर यूं कहें कि और ज्यादा बदतर हो चुकी है.

घटती है रोजाना चोरी लूटपाट जैसी घटनाएं
सुरेंद्र गुप्ता का कहना है कि यहां मार्केट में ना तो कोई सख्त एसोसिएशन है. जो इस मार्केट के विकास के लिए सोचे. ना ही पुलिस प्रशासन और नगर निगम की तरफ से कोई इंतजाम किए जाते हैं. बाजरा में कई दुकानें टूटी भी हुई हैं. कई दुकानों की हालत बेहद जर्जर है. बावजूद इनके दुकानों की कोई मरम्मत नहीं होती.

इसके अलावा रोजाना भीड़भाड़ के कारण कई हादसे भी होते हैं. लोगों के साथ लूटपाट और चोरी जैसी घटनाएं भी घटती हैं. उनका आरोप है कि पुलिस से भी शिकायत की जाती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.

बाजार में नहीं है कोई पब्लिक शौचालय
आपको बता दें कि दिल्ली का सदर बाजार हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है और सरकार को भी इस बाजार से काफी टैक्स मिलता है. बावजूद इसके इस बाजार में मूलभूत सुविधाओं का भी इंतजाम नहीं किया गया है. वहीं रोजाना यहां पर हजारों की तादाद में लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं. जिनके लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है.

Intro:राजधानी की सबसे मशहूर मार्केट चांदनी चौक के पास लगने वाला सदर बाजार सबसे पुराना और बड़ा बाजार है. यह बाजार थोक बिक्री का बाजार है, यहां पर कपड़े, श्रृंगार, हर एक धातु समेत हर एक प्रकार का सामान यहां मिलता है. लोग दूर-दूर से दिल्ली के सदर बाजार में खरीदारी के लिए पहुंचते हैं. इतना ही नहीं देश और विदेशों से पर्यटक भी इस बाजार की एक झलक पाने के लिए यहां जरूर आते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इतनी बड़ी मार्केट में प्रशासन की तरफ से सुविधा और सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है.


Body:दुकानदार सालों से झेल रहे परेशानी
1914 से यहां मेटल की शॉप चला रहे सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि यह उनकी पुश्तैनी दुकान है, लेकिन जो व्यवस्था है वह जस की तस बनी हुई है, जो सालों पहले इस बाजार की हालत ही वही हालत आज भी है. बल्कि या फिर यूं कहें कि और ज्यादा बदतर हो चुकी है.

घटती है रोजाना चोरी लूटपाट जैसी घटनाएं
सुरेंद्र गुप्ता का कहना था यहां मार्केट में ना तो कोई सख्त एसोसिएशन है जो इस मार्केट के विकास के लिए सोचे और ना ही पुलिस प्रशासन और नगर निगम की तरफ से कोई इंतजाम किए जाते हैं. कई दुकाने टूटी भी हुई हैं, कईयों की हालत बेहद जर्जर है. बावजूद इनके दुकानों की कोई मरम्मत नहीं होती. इसके अलावा रोजाना भीड़भाड़ के कारण कई हादसे भी होते हैं, लोगों के साथ लूटपाट और चोरी जैसी घटनाएं भी घटती हैं. पुलिस से भी शिकायत की जाती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.


Conclusion:बाजार में नहीं है कोई पब्लिक शौचालय
आपको बता दें दिल्ली का सदर बाजार हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है, और सरकार को भी इस बाजार से काफी टैक्स मिलता है बावजूद इसके इस बाजार में मूलभूत सुविधाओं का भी इंतजाम नहीं किया गया है. वही रोजाना यहां पर हजारों की तादाद में लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं जिनके लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा इस बाजार में 40,000 से ज्यादा दुकानें हैं जो कि कई सालों से यहां पर मौजूद है.
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