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कोविड बूस्टर डोज के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले को दिल्ली पुलिस ने दबोचा

दिल्ली साइबर सेल पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी पहले बुजुर्गों को कॉल कर कोविड बूस्टर डोज की अपॉइंटमेंट की बात (online fraud in Delhi) करता था और इसी दौरान उसका वाट्सएप हैक कर उनके रिश्तेदारों से पैसे मांगा करता था.

online fraud in Delhi
online fraud in Delhi
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Published : Nov 18, 2022, 2:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तरी जिले के साइबर सेल थाने की पुलिस टीम ने ठगी के एक ऐसे ही नए और अनोखे तरीके का खुलासा किया है, जिसमें ऑनलाइन ठगी करने वाला आरोपी पहले बुजुर्गों को कॉल कर कोविड बूस्टर डोज की अपॉइंटमेंट की बात करता है, इसी दौरान एक दूसरे वाट्सएप कॉल को मर्ज कर लोगों के वाट्सएप को हैक कर लेता था. इसके बाद वाट्सएप के (online fraud in Delhi) माध्यम से वह उनके दोस्तों-परिचितों को मैसेज कर पैसे मांगा करता था.

डीसीपी सागर सिंह कालसी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान मनीष कुमार के रूप में हुई है. यह हरियाणा के पलवल इलाक़े का रहने वाला है. इसके पास से 02 मोबाइल फोन, 04 सिम कार्ड और 01 वोक्सवैगन पोलो कार बरामद की गई है. आरोपी पहले भी स्पेशल सेल में दर्ज ठगी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. इस पर पहले से 03 आपराधिक मामले दर्ज हैं और ये साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने में दर्ज ठगी के मामले का वांटेड भी है.

डीसीपी ने बताया कि साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दी गयी शिकायत में गुलाबी बाग निवासी 55 वर्षीय महिला गवर्नमेंट ऑफिसर शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें एक कॉल आयी थी, जिसमें कॉलर ने खुद का परिचय डॉ सुनील कुमार के रूप में दिया, और बताया कि यह कॉल कोविड बूस्टर डोज के संबंध में है. फिर उस कॉल को दूसरे वाट्सएप कॉल के साथ मर्ज कर दिया गया, जिसका नम्बर +133 से शुरू था, जिसके बाद उनका वाट्सएप उसके एक्सेस में आ गया. फिर उसने उनके दोस्तों-रिश्तेदारों और सहयोगियों को मैसेज कर इमरजेंसी नीड बता कर पैसे मांगे, जिस पर उनके रिश्तेदारों ने बताये गए एकाउन्ट में 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए.

दिल्ली में ऑनलाइन ठगी


शिकायत के आधार पर 11 अप्रैल 2022 में साइबर नॉर्थ थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन धर्मेंद्र कुमार और एसएचओ साइबर नॉर्थ पवन तोमर की देखरेख में एसआई रोहित, रंजीत, महिला एसआई दीप और अन्य की टीम का गठन कर आरोपी की पहचान कर उसकी पकड़ के लिए लगाया गया था.

पुलिस टीम ने तकनीकी जांच शुरू की, जिसमें कई मोबाइल नम्बरों का तकनीकी विश्लेषण किया गया. साथ ही ठगे गए पैसों को भी ट्रैक किया गया. जांच में पुलिस को पता चला कि बिहार टेलीकॉम सर्कल के नम्बर से कॉल किया गया था, लेकिन वह लिंक नम्बर, मेवाड़, हरियाणा के पलवल और नूह में सक्रिय है. विस्तृत विश्लेषण के आधार पर पुलिस पलवल के आरोपी मनीष कुमार की पहचान करने में कामयाब हुई, जिसके बाद पुलिस ने तीन राज्यों में लगभग 100 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद आरोपी को हरियाणा के पलवल से दबोच लिया. इसके पास से 02 मोबाइल फोन, 04 सिम कार्ड और 01 वोक्सवैगन पोलो कार बरामद की गई है.

ये भी पढ़ें: घरों में चोरी करने वाले बदमाशों से नोएडा पुलिस की मुठभेड़, तमंचा व जिंदा कारतूस बरामद

पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के अपने अलग-अलग सोर्स के माध्यम से प्री-एक्टिवेटेड सिम खरीदता था. इसके अलावा लेन-देन के लिए वही वह प्री-एक्टिवेटेड बैंक एकाउंट की भी खरीदारी करता था. इसके बाद वह लोगों को कोविड बूस्टर डोज के संबंध में कॉल कर उनके वाट्सएप का एक्सेस ले लेता था और फिर उनके जानने वालों को मैसेज भेज कर पैसों की ठगी को अंजाम देता था. पुलिस के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के इस तरह से ठगी के 20 मामले अब तक सामने आए हैं. फिलहाल पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जाँच में जुट गई है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तरी जिले के साइबर सेल थाने की पुलिस टीम ने ठगी के एक ऐसे ही नए और अनोखे तरीके का खुलासा किया है, जिसमें ऑनलाइन ठगी करने वाला आरोपी पहले बुजुर्गों को कॉल कर कोविड बूस्टर डोज की अपॉइंटमेंट की बात करता है, इसी दौरान एक दूसरे वाट्सएप कॉल को मर्ज कर लोगों के वाट्सएप को हैक कर लेता था. इसके बाद वाट्सएप के (online fraud in Delhi) माध्यम से वह उनके दोस्तों-परिचितों को मैसेज कर पैसे मांगा करता था.

डीसीपी सागर सिंह कालसी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान मनीष कुमार के रूप में हुई है. यह हरियाणा के पलवल इलाक़े का रहने वाला है. इसके पास से 02 मोबाइल फोन, 04 सिम कार्ड और 01 वोक्सवैगन पोलो कार बरामद की गई है. आरोपी पहले भी स्पेशल सेल में दर्ज ठगी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. इस पर पहले से 03 आपराधिक मामले दर्ज हैं और ये साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने में दर्ज ठगी के मामले का वांटेड भी है.

डीसीपी ने बताया कि साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दी गयी शिकायत में गुलाबी बाग निवासी 55 वर्षीय महिला गवर्नमेंट ऑफिसर शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें एक कॉल आयी थी, जिसमें कॉलर ने खुद का परिचय डॉ सुनील कुमार के रूप में दिया, और बताया कि यह कॉल कोविड बूस्टर डोज के संबंध में है. फिर उस कॉल को दूसरे वाट्सएप कॉल के साथ मर्ज कर दिया गया, जिसका नम्बर +133 से शुरू था, जिसके बाद उनका वाट्सएप उसके एक्सेस में आ गया. फिर उसने उनके दोस्तों-रिश्तेदारों और सहयोगियों को मैसेज कर इमरजेंसी नीड बता कर पैसे मांगे, जिस पर उनके रिश्तेदारों ने बताये गए एकाउन्ट में 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए.

दिल्ली में ऑनलाइन ठगी


शिकायत के आधार पर 11 अप्रैल 2022 में साइबर नॉर्थ थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन धर्मेंद्र कुमार और एसएचओ साइबर नॉर्थ पवन तोमर की देखरेख में एसआई रोहित, रंजीत, महिला एसआई दीप और अन्य की टीम का गठन कर आरोपी की पहचान कर उसकी पकड़ के लिए लगाया गया था.

पुलिस टीम ने तकनीकी जांच शुरू की, जिसमें कई मोबाइल नम्बरों का तकनीकी विश्लेषण किया गया. साथ ही ठगे गए पैसों को भी ट्रैक किया गया. जांच में पुलिस को पता चला कि बिहार टेलीकॉम सर्कल के नम्बर से कॉल किया गया था, लेकिन वह लिंक नम्बर, मेवाड़, हरियाणा के पलवल और नूह में सक्रिय है. विस्तृत विश्लेषण के आधार पर पुलिस पलवल के आरोपी मनीष कुमार की पहचान करने में कामयाब हुई, जिसके बाद पुलिस ने तीन राज्यों में लगभग 100 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद आरोपी को हरियाणा के पलवल से दबोच लिया. इसके पास से 02 मोबाइल फोन, 04 सिम कार्ड और 01 वोक्सवैगन पोलो कार बरामद की गई है.

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पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के अपने अलग-अलग सोर्स के माध्यम से प्री-एक्टिवेटेड सिम खरीदता था. इसके अलावा लेन-देन के लिए वही वह प्री-एक्टिवेटेड बैंक एकाउंट की भी खरीदारी करता था. इसके बाद वह लोगों को कोविड बूस्टर डोज के संबंध में कॉल कर उनके वाट्सएप का एक्सेस ले लेता था और फिर उनके जानने वालों को मैसेज भेज कर पैसों की ठगी को अंजाम देता था. पुलिस के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के इस तरह से ठगी के 20 मामले अब तक सामने आए हैं. फिलहाल पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जाँच में जुट गई है.

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