नई दिल्ली : नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की साइबर सेल की पुलिस (cyber cell police) ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो इंजीनियरिंग का डिप्लोमा होल्डर होने के बाद भी पैसे कमाने के लिए सही रास्ता न चुन सका. उसने शॉर्ट-कट से पैसे कमाने की साजिश रची और काफी कम कीमत पर आईफोन एवं अन्य गैजेट्स की डिलीवरी का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देने लगा.
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इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होल्डर निकला ठग :डीसीपी सागर सिंह कालसी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान, मनीष तिवारी के रूप में हुई है. ये राजस्थान के बीकानेर का रहने वाला है. इसके पास से वारदात में प्रयुक्त मोबाइल और डेबिट कार्ड बरामद किया गया है. ये इंजीनियरिंग डिप्लोमा होल्डर है. डीसीपी ने बताया कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत में दिल्ली के कमला नगर के रहने वाले शिकायतकर्ता अंकित तिवारी ने बताया कि इंस्टाग्राम पर उसने आरोपी का पेज देखा, जिस पर एप्पल आईफोन 13 प्रो को काफी कम कीमत पर डिलीवर करने का ऑफर दिया गया था, जिसके बाद उसने उस पेज पर दिए गए वाट्सएप लिंक के माध्यम से आरोपी से बात की, जिसमें उन्होंने आरोपी से आईफोन 13 प्रो, आईपैड और अन्य गैजेट्स के बारे में जानकारी ली.
1 लाख 77 हजार 800 रुपये ठगने के बाद और मांगा पैसा :आरोपी ने डिलीवरी के लिए 30 प्रतिशत रकम को डिपॉजिट करने को कहा. जिसे उन्होंने उसके बताये गए एकाउन्ट में ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद आरोपी ने उन्हें झांसे में लेकर प्रॉडक्ट की डिलीवरी के लिए और पैसे मिला कर कुल 1 लाख 77 हजार 800 रुपये उनसे जमा करवा लिए. जब उन्होंने प्रॉडक्ट की डिलीवरी देने की बात कही, तो आरोपी ने डिलीवरी के लिए और पैसों की मांग की, जिसके बाद उन्हें अपने साथ ठगी का एहसास हुआ. इस मामले में 14 अक्टूबर को नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल में ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.
बीकानेर के सुभाषपुरा से हुआ गिरफ्तार: इसके लिए एसीपी ऑपरेशन धर्मेंद्र कुमार की देखरेख में एसएचओ पवन तोमर के नेतृत्व में एसआई राजू सिंह, प्रेम प्रकाश और अन्य की टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम जांच में जुट कर मनी ट्रेल और कॉल डिटेल रेकॉर्ड्स के तकनीकी विश्लेषण से आरोपी के लोकेशन को ट्रैक करने में लगी हुई थी, जिससे उन्हें आरोपी के राजस्थान के बीकानेर में होने का पता चला. जिसके बाद पुलिस टीम ने बीकानेर के सुभाषपुरा में छापा मारकर आरोपी को दबोच लिया और उसके पास से वारदात में प्रयुक्त मोबाइल और डेबिट कार्ड बरामद किया.पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि एक साल पहले वह इसी तरह से ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ था, जिसके बाद उसने दूसरों से ठगी की साजिश रची. इसके लिए उसने टेलीग्राम ग्रुप के लिंक की सहायता से फर्जी नाम से एक्टिवेटेड बैंक एकाउंट और वेस्ट बंगाल से प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड की व्यवस्था की थी, जो उसके पास कुरियर से डिलीवर हुए थे. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की छानबीन कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, इसने अब तक कितने लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
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