नई दिल्लीः दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को सामन्य प्रशासन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में “स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया. मुख्य अतिथि सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय थे. इसमें स्वतंत्रता सेनानी और दिल्ली के विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसर और स्कॉलर्स भी शामिल रहे. कार्यक्रम में विभिन्न कलाकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाली महिला स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र की प्रदर्शनी लगाई.
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका सराहनीय है. महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर स्वतंत्रता आंदोलन में पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर शक्ति स्वरूपा बन महत्वपूर्ण कार्य करते हुए अपनी शहादत विभिन्न मौकों पर दी है. इस दौरान उन्होंने विस्तार से दर्जनों ऐसी महिलाओ के कार्यों का उल्लेख किया, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी.
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उन्होंने कहा कि महिला सक्षम होंगी तभी राष्ट्र सक्षम होगा. राष्ट्र का नवनिर्माण और विकास महिलाओं की सहभागिता से ही संभव है. भारतीय इतिहास में हजारों महिलाएं स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दे चुकी हैं, जिनके बारे में लोगों को अब तक पता नहीं है. अब आवश्यकता इस बात की है कि उन सभी महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में नए सिरे से दुनिया के सामने उनके योगदान को प्रस्तुत किया जाए.
संगोष्ठी में महिला स्वतंत्रता सेनानी के व्यक्तित्व और उनके योगदान के बारे में विद्यार्थियों ने अपने आलेख प्रस्तुत किए. इनमें जेएनयू से अर्शिया आनंद, निखिल यादव और केरकर देविका अरुण, जीजीएसआईपीयू से सोनल मेहता और अमरदीप सिंह संधू, डॉक्टर बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय से आकांक्षा और भारती और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्वयं मेहरोत्रा, फैज़ान मोकिम और आरती आइयेंगर जैसे स्कॉलर उपस्थित रहे. साथ ही ज्यूरी के तौर पर राष्ट्रीय अभिलेखागार, अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लक्ष्मी बाई कॉलेज, पीजीडीएवी कॉलेज, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज और जामिया मिलिया इस्लामिया से आए विभिन्न प्रोफेसर भी शामिल रहे.