नई दिल्ली: राजधानी के बुराड़ी में यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से यमुना किनारे स्थित खेत पानी में डूब गए. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश और हथिनीकुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशान के ऊपर चला गया है.
आलम यह है कि यमुना किनारे रहने वाले किसान नाव में घरों से जरूरत का सामान ले जाते हुए नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि जलस्तर इतनी जल्दी बढ़ जाएगा. यहां पर किसानों ने ज्वार, मक्का, तुरई, लौकी और हरी मिर्च आदि सब्जियों की बुवाई की थी, लेकिन अब फसलों का नुकसान होने से उनके माथे पर शिकन आने लगी है. ये लोग दो-तीन दिन बाद फसलों को काटने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन जलस्तर बढ़ने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया.
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बता दें, बुराड़ी के रिहायशी इलाके में पहले करीब 10 फीट ऊंचा बांध बनाया गया है. इस पर एक सड़क भी बनाई गई है, जिसके चलते रिहायशी इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं है. लेकिन यमुना की तरफ जितनी भी फसलें थी, सब की सब डूब चुकी हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से इसके लिए न ही कोई सूचना दी गई और न कोई टेंट आदि लगाए गए. किसानों की मांग है कि सरकार द्वारा जल्द से जल्द टेंट की की जाए, जिससे वे अपनी झोपड़ी और खेतों से दूर सुरक्षित ठिकाने पर कुछ दिनों तक गुजर-बसर कर सकें.
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