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बहादुरी को सलाम! मां और बच्चों को बचाने में RPF कांस्टेबल ने गंवाई जान

रेलवे सुरक्षा बल के एक जवान ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक मां और उसके तीन बच्चों को रेल एक्सीडेंट से बचा लिया. हालांकि इस घटना में वो अपनी जान गंवा बैठे.

मां और बच्चों को बचाने में RPF कांस्टेबल ने गंवाई जान
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Published : Apr 22, 2019, 11:53 PM IST

नई दिल्ली: रेलवे सुरक्षा बल के एक जवान ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक मां और उसके तीन बच्चों को रेल एक्सीडेंट से बचा लिया. हालांकि इस घटना में वो अपनी जान गंवा बैठे. घटना रविवार शाम घटना आजादपुर-आदर्शनगर रेल सेक्शन की है.

ऐसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, कॉन्स्टेबल जगबीर सिंह राणा उक्त सेक्शन पर सिग्नल नंबर 7 के पास ड्यूटी पर तैनात थे. रात 9:30 बजे एक महिला और अपने तीन बच्चों को रेल की पटरियों पार करा रही थी. उसी वक्त होशियारपुर एक्सप्रेस ट्रेक पर आ रही थी. इस दौरान आरपीएफ जवान जगजीत सिंह राणा गाड़ी से महिला और बच्चों की जान बचाने के लिए दौड़े और कामयाब भी रहे. लेकिन दूसरी लाइन से आ रही एक ट्रेन से वो टकरा गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

दिल्ली मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अजय माइकल ने बताया कि जगजीत सिंह राणा बहुत ही मेहनती और ईमानदार कर्मचारी थे. माइकल के मुताबिक, उन्हें दो बार रेल राज्य मंत्री तथा मंडल रेल प्रबंधक द्वारा पुरस्कृत किया गया था. ऐसे वीर सिपाही की मृत्यु रेलवे के लिए एक बड़ी क्षति है.

अक्सर लोगों को यह सलाह दी जाती है कि पटरियों को पैदल पार नहीं करना चाहिए. ऐसे में हर साल हजारों लोग रेल हादसे के शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं.

नई दिल्ली: रेलवे सुरक्षा बल के एक जवान ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक मां और उसके तीन बच्चों को रेल एक्सीडेंट से बचा लिया. हालांकि इस घटना में वो अपनी जान गंवा बैठे. घटना रविवार शाम घटना आजादपुर-आदर्शनगर रेल सेक्शन की है.

ऐसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, कॉन्स्टेबल जगबीर सिंह राणा उक्त सेक्शन पर सिग्नल नंबर 7 के पास ड्यूटी पर तैनात थे. रात 9:30 बजे एक महिला और अपने तीन बच्चों को रेल की पटरियों पार करा रही थी. उसी वक्त होशियारपुर एक्सप्रेस ट्रेक पर आ रही थी. इस दौरान आरपीएफ जवान जगजीत सिंह राणा गाड़ी से महिला और बच्चों की जान बचाने के लिए दौड़े और कामयाब भी रहे. लेकिन दूसरी लाइन से आ रही एक ट्रेन से वो टकरा गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

दिल्ली मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अजय माइकल ने बताया कि जगजीत सिंह राणा बहुत ही मेहनती और ईमानदार कर्मचारी थे. माइकल के मुताबिक, उन्हें दो बार रेल राज्य मंत्री तथा मंडल रेल प्रबंधक द्वारा पुरस्कृत किया गया था. ऐसे वीर सिपाही की मृत्यु रेलवे के लिए एक बड़ी क्षति है.

अक्सर लोगों को यह सलाह दी जाती है कि पटरियों को पैदल पार नहीं करना चाहिए. ऐसे में हर साल हजारों लोग रेल हादसे के शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं.

Intro:नई दिल्ली: दिल्ली में तैनात रेलवे सुरक्षा बल के एक जवान ने अपने अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए एक मां और उसके तीन बच्चों को रेल से कटने से बचाया. हालांकि इस घटना में वो अपनी जान गंवा बैठे. रविवार देर शाम ये घटना आजादपुर-आदर्शनगर रेल सेक्शन पर घटी.


Body:जानकारी के मुताबिक, कॉन्स्टेबल जगबीर सिंह राणा उक्त सेक्शन पर सिग्नल नंबर 7 के पास ड्यूटी पर तैनात थे. रात 9:30 बजे एक महिला और उसके तीन बच्चे रेल की पटरियों को पार कर रहे थे. इसी दौरान गाड़ी संख्या 14011 होशियारपुर एक्सप्रेस आ रही थी. गाड़ी से महिला और बच्चों की जान बचाने के लिए दौड़े और इसमें कामयाब भी हो गए. हालांकि इस दौरान, दूसरी लाइन से आ रही गाड़ी संख्या 12012 कालका शताब्दी से वो टकरा गए और उनकी मौत हो गई. दिल्ली मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अजय माइकल ने बताया कि जगजीत सिंह राणा बहुत मेहंदी तथा ईमानदार कर्मचारी थे. माइकल के मुताबिक, उन्हें दो बार रेल राज्य मंत्री तथा मंडल रेल प्रबंधक द्वारा पुरस्कृत किया गया था. ऐसे वीर सिपाही की मृत्यु रेलवे के लिए एक बड़ी क्षति है. बता दें कि अक्सर यह सलाह दी जाती है कि पटरियों को पैदल पार नहीं करना चाहिए. भारतीय रेल में हर साल हजारों लोग ऐसा करने के चलते अपनी जान गंवा देते हैं. दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि लोगों को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा और यही बहादुर कॉन्स्टेबल जगबीर सिंह राणा के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.


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