नई दिल्ली: दिल्लीवासियों और दिल्ली मेट्रो के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. दरअसल, आज के ही दिन यानी 24 दिसंबर को 22 वर्ष पहले दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत हुई थी. दरअसल 24 दिसंबर 2002 को ही दिल्ली में पहले मेट्रो रेल कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ था. दिल्ली मेट्रो के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की भी यादें जुड़ी हुई हैं. 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेई का 100वां जन्मदिन भी है. अपने जन्मदिन से एक दिन पहले अटल बिहारी वाजपेई ने बतौर प्रधानमंत्री, दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मौजूदगी में शाहदरा से तीस हजारी मेट्रो स्टेशन के बीच दिल्ली की पहली मेट्रो रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
दिल्ली मेट्रो के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया, उस दिन अटल बिहारी वाजपेई दिल्ली मेट्रो की पहली सवारी बने थे. वे कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पहुंचे और लाइन में लगकर मेट्रो में सफर करने के लिए स्मार्ट कार्ड खरीदा था. प्रधानमंत्री होते हुए लाइन में लगकर टिकट खरीदने की बात की खूब चर्चा हुई थी. वे कश्मीरी गेट से मेट्रो में सवार होकर वेलकम मेट्रो स्टेशन पर उतरे थे. शाहदरा और तीस हजारी के बीच 8.2 किलोमीटर का यह स्पेस था, जिसमें 6 मेट्रो स्टेशन थे.
मेट्रो लोगों का सपना: अटल बिहारी वाजपेई ने तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के साथ मेट्रो का सफर किया था. इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाकर मेट्रो को रवाना किया था. उद्घाटन के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि लोगों के जीवन और दैनिक यात्रा को सुगम बनाने के लिए यह मेट्रो सेवा लोगों का सपना था.
भीड़ के चलते दिए गए विज्ञापन: अनुज दयाल ने बताया की अगले ही दिन यानी 25 दिसंबर को इस मेट्रो कॉरिडोर को आम लोगों के लिए खोल दिया गया था. मेट्रो में बैठने के लिए अगले दिन लोगों की भारी भीड़ हो गई थी. उस दौरान लोगों की भारी भीड़ के चलते टोकन और स्मार्ट कार्ड के अलावा कागज के टिकट भी जारी करने पड़े थे और भीड़ संभालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. लोगों के मन में यह बात थी कि यह मेट्रो सेवा दिल्ली में कुछ समय के लिए ही शुरू हुई है और स्थाई नहीं है. इस समस्या से निपटने के लिए अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देने पड़े ताकि लोगों को यह बता सकें कि यह मेट्रो सेवा स्थाई रूप से चलाई जाएगी और यह लोगों के लिए ही है. विज्ञापन में यह भी अपील करनी पड़ी थी कि भारी संख्या में मेट्रो में सवारी के लिए न पहुंचें.
जल्द शुरू हुई थी अगली सेवा: उन्होंने बताया कि जब अटल बिहारी वाजपेई कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे थे, उस दौरान उनसे पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल सहित दिल्ली बीजेपी के अन्य नेता भी वहां उनके स्वागत के लिए मौजूद थे. शाहदरा और तीस हजारी के बीच मेट्रो लाइन शुरू होने के बाद अगले ही साल वर्ष अक्टूबर 2003 में तीस हजारी से इंद्रलोक के लिए भी 4.5 किलोमीटर मेट्रो सेवा की अगली लाइन शुरू की गई थी. उद्घाटन के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि दिल्ली में तेज एवं सक्षम मेट्रो प्रणाली लाने में पहले ही देर हो चुकी है, अब इस गति मिलनी चाहिए.
22 साल में हुआ विस्तार: उन्होंने यह भी बताया कि 22 साल पहले 8.2 किलोमीटर की मेट्रो लाइन के रूप में शुरू हुई सेवा आज 392.44 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे और 288 से ज्यादा मेट्रो स्टेशन के रूप में दिल्ली के लोगों को सेवाएं दे रही है. डीएमआरसी के पास आज चार, छह और आठ कोच वाले 300 से ज्यादा मेट्रो ट्रेन सेट हैं. अभी एरोसिटी से तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर (जिसकी लंबाई 23.62 किलोमीटर है) का निर्माण कार्य चल रहा है. इसपर 15 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं.
कई कॉरिडोर पर काम जारी: उन्होंने कहा, इस कॉरिडोर को कश्मीरी गेट राजा नाहर सिंह वायलेट लाइन से जोड़ा जाएगा, जिससे एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन तक पहुंच बनाई जा सकेगी. इसके अलावा कई कॉरिडोर पर काम भी चल रहा है. साथ ही हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली मेट्रो को हरियाणा के सोनीपत तक पहुंचाने की मंजूरी मिलने के बाद इसका विस्तार 26.43 किलोमीटर और बढ़ जाएगा. इस लाइन पर दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-25 से लेकर सोनीपत के कुंडली नाथूपुर तक 21 मेट्रो स्टेशन होंगे. जल्दी ही दिल्ली में मेट्रो का नेटवर्क कई किलोमीटर बढ़ जाएगा.
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