नई दिल्ली: अस्पतालों में मरीजों को उपचार देने के लिए सबसे ज्यादा एलोपैथिक दवाइयों का उपयोग किया जाता है. लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) आने वाले समय में एलोपैथिक की जगह आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल करेगा. इसको लेकर एम्स के डॉक्टर आयुर्वेदिक दवाइयों पर रिसर्च कर रहे हैं.
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि एलोपैथिक दवाइयों से बेहतर आयुर्वेदिक दवाइयों का रिजल्ट आया है. एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर मनीष सिंघल से इस रिसर्च के बारे में ईटीवी को बताई कई बातें.
एलोपैथिक दवाई की बजाए आयुर्वेदिक दवाई का उपयोग
एम्स के प्रोफेसर डॉ. मनीष ने बताया कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के तहत हम लोग एक महत्वपूर्ण रिसर्च कर रहे हैं. जिन लोगों को चोट लग जाती है और उसमें जख्म होता है. ऐसे में हम एलोपैथिक दवाई की बजाए आयुर्वेदिक दवाई का उपयोग कर रहे हैं.
60 मरीजों पर हो रही रिसर्च
डॉक्टर मनीष ने बताया कि आयुष्मान भारत की इस रिसर्च के तहत हम लोग काम कर रहे हैं. इसके लिए हमने अपने अस्पताल के 60 मरीजों का चयन किया है. इन मरीजों को दोनों ही प्रकार की दवाइयां दी गई. और उसमें यह पाया गया कि एलोपैथिक दवाई से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाइयां बेहतर असर करती है.
इस बाबत रिसर्च पूरी हो गई है और इसकी रिपोर्ट सरकार को जल्द सौंप रहे हैं. जिसके बाद जल्द ही सरकार यह फैसला लेगी कि इसे कब शुरू करना है.
'एलोपैथिक दवाइयों से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाइयां असर करती है'
फिलहाल डॉक्टर का कहना है कि एलोपैथिक दवाइयों से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाइयां असर करती है. यह रिसर्च में सामने आ चुका है. इसके लिए हम खुद भी प्रयासरत हैं कि एलोपैथिक से ज्यादा हम आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल करें.
उनका कहना है कि हमने अभी यह रिसर्च जख्म भरने के लिए की थी. आगामी दिनों में सरकार की ओर से और कोई रिसर्च आती है तो हम अन्य बीमारियों पर भी टेस्ट करेंगे.