नई दिल्ली/नोएडा: आउटर नॉर्थ दिल्ली के स्वरूप नगर थाना क्षेत्र की 9 साल की मासूम अचानक 12 दिसंबर को गायब हो गई. इसके बाद बच्ची के परिजनों ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी कुछ पता नहीं चला. इससे गुस्साए परिजन और स्थानीय लोगों ने सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर नेशनल हाईवे NH-44 को जाम कर दिया.
इसके कारण काफी देर तक यातायात प्रभावित रहा. रोड पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही. इसको देखते ही दिल्ली पुलिस जाम खुलवाने में जुट गई, लेकिन नाराज परिजन और स्थानीय लोगों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. काफी देर मशक्कत के बाद दिल्ली पुलिस ने परिजनों से 2 घंटे का समय मांगकर किसी तरह जाम खुलवाया.
बच्ची के परिजनों का कहना है कि बच्ची का अपहरण किसी और ने नहीं उसके 52 साल के मकान मालिक संजीव राणा ने किया है. 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे बच्ची को अपनी कार में बिठा कर ले गया और बाद में उसका रेप कर कहीं फेंक दिया. परिजनों के कहने पर पुलिस ने जब मामले की जांच के लिए मकान मालिक संजीव राणा से पूछताछ कि तो उसने सच कबूल कर लिया और बताया कि उसने 12 दिसंबर को लड़की का अपहरण कर और उसकी हत्या कर दी और उसने शव को मुनक नहर में फेंक दिया.
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पुलिस ने आरोपी संजीव राणा के कबूलनामे के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया और उस पर आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ 364, 302, 201 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी से पूछताछ कर रहीं हैं. वहीं, 17 दिसंबर से नहर में बच्ची के शव की तलाश के लिए पांच गोताखोरों को लगाया गया है. पुलिस ने बताया कि तकनीकी निगरानी के तहत 12 दिसंबर के वारदात के पूरे रूट की जांच के लिए टीमें भी गठित की गई हैं.
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