नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम की देनदारी में हुई 9 गुना की वृद्धि, स्थापना के समय जो देनदारी 163 करोड़ 74 लाख थी वर्तमान में बढ़कर 1436 करोड़ 13 लाख पहुंची. वहीं निगम नए-नए तरीके देनदारी की समस्या को खत्म करने के लिए खोज रही है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की देनदारी में वृद्धि
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थापना के समय उसके ऊपर 163 करोड़ 74 लाख रुपये की देनदारी थी. जो देनदारी ठेकेदारों के प्रति थी लेकिन अगर अब हम वर्तमान समय की बात करें तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम के ऊपर 1436 करोड़ और 13 लाख रुपये की कुल देनदारी बकाया है, यानी कि पिछले कुछ सालों में निगम की देनदारी बेतहाशा तरीके से बढ़ी है.
इसकी स्थापना से लेकर अब तक की बात की जाए तो निगम की देनदारी में 9 गुना का इजाफा हुआ है. वर्तमान में निगम कि जो देनदारी है वह ना सिर्फ ठेकेदारों के प्रति है बल्कि उसके अपने कर्मचारियों के प्रति भी है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की निम्न देनदारी
- कर्मचारियों की पेंशन 48 करोड़
- सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों की पेंशन 100 करोड़
- सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों का वेतन 270 करोड़
- ठेकेदारों की देनदारी 375 करोड़ 81 लाख
- मेडिकल रीइंबर्समेंट बिल 4 करोड़ 32 लाख
- वेतन एरियर 297 करोड़
- स्टाफ की रेगुलर लाइजेशन 341 करोड़
- टोटल अमाउंट- 1436 करोड़ 13 लाख
देनदारी की समस्या से निपटने के लिए और फंड की किल्लत से जूझ रही उत्तरी दिल्ली नगर निगम लगातार धनराशि जुटाने के लिए नई नई योजनाओं की शुरुआत कर रही है. चाहे वह मल्टी लेवल पार्किंग की योजना हो या फिर खाली पड़ी निगम की बिल्डिंगों को किराए पर देना हो.
फंड की किल्लत खत्म करने में जुटी निगम
निगम हर तरीके से प्रयास कर रही है कि किसी तरह फंड की किल्लत को खत्म किया जाए और देनदारी की समस्या से भी निकला जाए. इन सभी चीजों को देखते हुए निगम अब सोलर योजना के साथ अपने कदम आगे बढ़ा रही है, जिससे निगम को 20 से 25 लाख रुपये प्रतिमाह ना सिर्फ फायदा होगा बल्कि अतिरिक्त पैदा हो रही बिजली को निगम टीडीपीएल को साढ़े 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेच भी पाएगी.