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आप दिल्ली में पाल सकते हैं शेर, बाघ व अन्य जानवर, जान लें कितना आएगा खर्च, क्या हैं नियम - नेशनल जूलाजिकल पार्क

क्या आपको पता है कि आप दिल्ली में शेर, बाघ व अन्य जानवर पाल सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इनको पालने में कितना खर्च आएगा और इसके नियम क्या हैं.

आप दिल्ली में पाल सकते हैं शेर
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 1, 2024, 4:02 PM IST

Updated : Jan 1, 2024, 8:59 PM IST

दिल्ली में आप पाल सकते हैं शेर

नई दिल्लीः शेर, बाघ, चीता हर कोई देखना पसंद करता है. कई देशों में लोग इन्हें पालते भी हैं. उनकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब पसंद भी का जाती है. क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में भी शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, जैगुआर व अन्य जानवर समेत पक्षियों को पालने की भी सुविधा है. दिल्ली के नेशनल जूलाजिकल पार्क में सरकार इन्हें गोद लेने की सुविधा देती है.

नई दिल्ली के मथुरा रोड पर पुराने किले के पास 176 एकड़ में फैला नेशनल जूलाजिकल पार्क है. सन 1 नवंबर 1959 को इस पार्क का उद्घाटन हुआ था. पार्क में 1250 जनवर हैं. इसमें 21 शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ हैं. सफेद बाघ में सीता और विजय हैं, उनके बच्चे अवनी व व्योम हैं. पीले बाघ यानी बंगाल टाइगर में सिद्धी व करण हैं. उनके बच्चे धैर्य और धात्री हैं.

आदिती, बर्खा व हरी भी बंगाल टाइगर हैं. चार तेंदुए हैं, जिनमें तेजस-बबली और बंटी-बबली की जोड़ी है. जैगुआर में मोहन व शंकर हैं. शेर में माहेश्वर-महागौरी और सुंदरम-शैल्जा की जोड़ी है. रोजाना पार्क में आने वाले हजारों लोगों में इन्हें देखने की प्राथमिकता होती है. साथ ही हाथी, हिरन, भालू व अन्य जानवर भी हैं.

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जानवरों को गोद लेने के ये हैं नियमः नेशनल जूलाजिकल पार्क मिनिस्ट्री ऑफ इनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के अधीन आता है. अक्टूबर 2022 में जूलाजिकल पार्क में जानवरों को गोद लेने की योजना शुरू की गई. इसका उद्देश्य लोगों में प्रकृति और जानवरों के प्रति लगाव पैदा करना है. नेशनल जूलाजिकल पार्क की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन के मुताबिक पार्क में मौजूद शेर, बाग व अन्य जानवरों को एक साल के लिए गोद लिया जा सकता है. इसके लिए फार्म भरना होगा और सालाना शुल्क देने होगा.

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शुल्क आप ऑनलाइन या चेक के माध्यम से दे सकते हैं. जो जानवरों के खानपान के अनुसार अलग-अगल निर्धारित किया गया है. शुल्क से जानवरों को खाना खिलाया जाता है. गोद लेने के बाद जानवर जू में ही रहेंगे. उन्हें गोद लेने वाले लोग कभी भी आकर उन्हें देख सकते हैं. गोद लेने वाले व्यक्ति को कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं. फिलहाल शेर, बाघ, चीता को किसी व्यक्ति ने गोद नहीं लिया है. लोगों व विभिन्न कंपनियों ने कुछ जानवरों व पक्षियों को गोद ले रखा है.

जानवरों को गोद लेने के फायदे

  1. मेंबरशिप कार्ड बनता है, जिसमें तीन अन्य लोगों और दो छोटे बच्चों का नाम जुड़ सकता है.
  2. मेंबरशिप कार्ड बनने पर जू में आने पर शुल्क नहीं देना होगा, टिकट का पैसा भी बचेगा.
  3. गोद लेने की सदस्यता अवधि पूरी होने पर प्रत्येक को आधिकारिक प्रमाण पत्र दिया जाता है.
  4. गोद लेने वाले व्यक्त या कंपनी का नाम जानवर के स्थान पर साइनेज में लिखा जाएगा.
  5. मेंबर जू में बर्थडे या एनवर्सरी मना सकते हैं, गोद लिए गए जानवरों को गिफ्ट दे सकते हैं.

39 लोगों ने जानवरों व पक्षियों को लिया गोदः विभिन्न कंपनियों व लोगों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 40 जानवरों और पक्षियों को गोद लिया. इस तरह कुल 20 लाख 47 हजार 200 रुपये की आय हुई. वित्तीय वर्ष 2023 24 में अभी तक कुल चार लोगों ने चार जानवरों व पक्षियों को 65 हजार रुपये में गोद लिया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने सबसे महंगे 2 गैंडे को 12 लाख रुपये में गोद लिया हुआ है.

"मैंने एक भालू और बतख को गोद लिया हुआ है. भालू को एक मदारी से रेस्क्यू किया गया था. जिसकी कहानी मुझे बहुत आकर्षक लगी. ज़ू में भालू की अच्छी परवरिश हो सके इसके लिए 2 बार मैंने लगातार भालू को गोद लिया. अक्टूबर 2023 में मैंने 1 काला बतख गोद लिया" - भव्या शर्मा, प्रीतमपुरा दिल्ली

ये भी पढ़ें: दिल्ली के चिड़ियाघर में छोड़े गए रॉयल बंगाल टाइगर के शावक, "धात्री" और "धैर्य" का लोग कर सकेंगे दीदार

दिल्ली में आप पाल सकते हैं शेर

नई दिल्लीः शेर, बाघ, चीता हर कोई देखना पसंद करता है. कई देशों में लोग इन्हें पालते भी हैं. उनकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब पसंद भी का जाती है. क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में भी शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, जैगुआर व अन्य जानवर समेत पक्षियों को पालने की भी सुविधा है. दिल्ली के नेशनल जूलाजिकल पार्क में सरकार इन्हें गोद लेने की सुविधा देती है.

नई दिल्ली के मथुरा रोड पर पुराने किले के पास 176 एकड़ में फैला नेशनल जूलाजिकल पार्क है. सन 1 नवंबर 1959 को इस पार्क का उद्घाटन हुआ था. पार्क में 1250 जनवर हैं. इसमें 21 शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ हैं. सफेद बाघ में सीता और विजय हैं, उनके बच्चे अवनी व व्योम हैं. पीले बाघ यानी बंगाल टाइगर में सिद्धी व करण हैं. उनके बच्चे धैर्य और धात्री हैं.

आदिती, बर्खा व हरी भी बंगाल टाइगर हैं. चार तेंदुए हैं, जिनमें तेजस-बबली और बंटी-बबली की जोड़ी है. जैगुआर में मोहन व शंकर हैं. शेर में माहेश्वर-महागौरी और सुंदरम-शैल्जा की जोड़ी है. रोजाना पार्क में आने वाले हजारों लोगों में इन्हें देखने की प्राथमिकता होती है. साथ ही हाथी, हिरन, भालू व अन्य जानवर भी हैं.

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जानवरों को गोद लेने के ये हैं नियमः नेशनल जूलाजिकल पार्क मिनिस्ट्री ऑफ इनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के अधीन आता है. अक्टूबर 2022 में जूलाजिकल पार्क में जानवरों को गोद लेने की योजना शुरू की गई. इसका उद्देश्य लोगों में प्रकृति और जानवरों के प्रति लगाव पैदा करना है. नेशनल जूलाजिकल पार्क की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन के मुताबिक पार्क में मौजूद शेर, बाग व अन्य जानवरों को एक साल के लिए गोद लिया जा सकता है. इसके लिए फार्म भरना होगा और सालाना शुल्क देने होगा.

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शुल्क आप ऑनलाइन या चेक के माध्यम से दे सकते हैं. जो जानवरों के खानपान के अनुसार अलग-अगल निर्धारित किया गया है. शुल्क से जानवरों को खाना खिलाया जाता है. गोद लेने के बाद जानवर जू में ही रहेंगे. उन्हें गोद लेने वाले लोग कभी भी आकर उन्हें देख सकते हैं. गोद लेने वाले व्यक्ति को कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं. फिलहाल शेर, बाघ, चीता को किसी व्यक्ति ने गोद नहीं लिया है. लोगों व विभिन्न कंपनियों ने कुछ जानवरों व पक्षियों को गोद ले रखा है.

जानवरों को गोद लेने के फायदे

  1. मेंबरशिप कार्ड बनता है, जिसमें तीन अन्य लोगों और दो छोटे बच्चों का नाम जुड़ सकता है.
  2. मेंबरशिप कार्ड बनने पर जू में आने पर शुल्क नहीं देना होगा, टिकट का पैसा भी बचेगा.
  3. गोद लेने की सदस्यता अवधि पूरी होने पर प्रत्येक को आधिकारिक प्रमाण पत्र दिया जाता है.
  4. गोद लेने वाले व्यक्त या कंपनी का नाम जानवर के स्थान पर साइनेज में लिखा जाएगा.
  5. मेंबर जू में बर्थडे या एनवर्सरी मना सकते हैं, गोद लिए गए जानवरों को गिफ्ट दे सकते हैं.

39 लोगों ने जानवरों व पक्षियों को लिया गोदः विभिन्न कंपनियों व लोगों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 40 जानवरों और पक्षियों को गोद लिया. इस तरह कुल 20 लाख 47 हजार 200 रुपये की आय हुई. वित्तीय वर्ष 2023 24 में अभी तक कुल चार लोगों ने चार जानवरों व पक्षियों को 65 हजार रुपये में गोद लिया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने सबसे महंगे 2 गैंडे को 12 लाख रुपये में गोद लिया हुआ है.

"मैंने एक भालू और बतख को गोद लिया हुआ है. भालू को एक मदारी से रेस्क्यू किया गया था. जिसकी कहानी मुझे बहुत आकर्षक लगी. ज़ू में भालू की अच्छी परवरिश हो सके इसके लिए 2 बार मैंने लगातार भालू को गोद लिया. अक्टूबर 2023 में मैंने 1 काला बतख गोद लिया" - भव्या शर्मा, प्रीतमपुरा दिल्ली

ये भी पढ़ें: दिल्ली के चिड़ियाघर में छोड़े गए रॉयल बंगाल टाइगर के शावक, "धात्री" और "धैर्य" का लोग कर सकेंगे दीदार

Last Updated : Jan 1, 2024, 8:59 PM IST
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