नई दिल्ली: साल के शुरुआत से ही सीएए के विरोध में जामिया के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन की वजह से दिल्ली पुलिस वहां लंबे समय तक सुरक्षा में तैनात रही. काफी समय तक यहां पर प्रदर्शन चलता रहा और इसके चलते पूरे क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. वहीं दूसरी तरफ बीते जनवरी माह में जेएनयू में छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प के चलते काफी हंगामा रहा. जेएनयू में कई बार प्रदर्शन हुए और पुलिस को वहां पर हल्के बल का भी प्रयोग करना पड़ा. इन प्रदर्शन के चलते पुलिस के लिए हालात सामान्य रखना आसान नहीं था. लेकिन पुलिस ने इसे शांतिपूर्ण ढंग से निभाया.
36 साल बाद हुए इतने बड़े दंगे
राजधानी में साल 1984 के बाद पहली बार इतना बड़ा दंगा उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुआ. राहत की बात यह रही कि यह दंगा केवल एक जिले में ही सीमित रहा. इस दंगे में 53 लोगों ने अपनी जान गवाई जिसमें हवलदार रतनलाल भी शामिल थे. पुलिस के लिए जहां इन दंगों पर काबू पाना बड़ा चुनौती था तो वहीं दूसरी तरफ इस क्षेत्र में हालात सामान्य करने में उन्हें काफी समय लग गया.
लंबे समय तक इस पूरे क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती रही. इसके बाद मामले की जांच करने के लिए एसआईटी गठित की गई और इस एसआईटी ने न केवल जांच की बल्कि उन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जो दंगों में शामिल थे. इसके साथ ही दंगे की साजिश रचने वाले आरोपियों के खिलाफ भी यूएपीए एक्ट का मामला दर्ज कर स्पेशल सेल ने पूरी साजिश का पर्दाफाश किया.
किसान आंदोलन के चलते बॉर्डर पर दिन रात मुस्तैद पुलिस
साल 2020 के अंत में अब किसान आंदोलन ने दिल्ली पुलिस के लिए नई परेशानियां खड़ी कर दी हैं. दिल्ली के अधिकांश बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने बॉर्डर को जाम कर दिया है. ऐसे में दिल्ली पुलिस इन सभी बॉर्डर पर सुरक्षा के मद्देनजर तैनात हैं ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना यहां पर न होने पाए.
पुलिस यह भी प्रयास कर रही है कि बॉर्डर से आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े. लगभग 2 सप्ताह से चल रहे इस प्रदर्शन के फिलहाल समाप्त होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि साल की शुरुआत से लेकर अंत तक दिल्ली पुलिस प्रदर्शन से जूझती रही.
'पुलिस ने धैर्य से खत्म कराए प्रदर्शन'
दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस के लिए साल 2020 बिल्कुल चुनौतीपूर्ण था. एक तरफ जहां जेएनयू, शाहीन बाग प्रदर्शन था तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली दंगे का मामला था. लेकिन इन प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस ने पूरे धैर्यपूर्ण तरीके से मोर्चा संभाला जिसकी वजह से आखिरकार यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गए.
जहां तक दंगों की बात है तो इसमें भी पुलिस ने जल्द से जल्द इस पर काबू पाया और इसकी बेहतरीन तफ्तीश करते हुए आरोप पत्र दाखिल किया. उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर भी पुलिस धैर्य पूर्ण तरीके से काम कर रही है और उन्हें उम्मीद है कि इस प्रदर्शन को भी शांतिपूर्वक तरीके से खत्म करवाने में पुलिस कामयाब रहेगी.
2020 के कुछ चुनौतीपूर्ण मामले