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कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री ? इन नामों पर चर्चा तेज - WHO WILL BE CM OF DELHI

विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए 48 घंटे से अधिक बीत चुके हैं, मगर सीएम कौन होगा? यह अभी तय नहीं हो पाया है.

कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री
कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 10, 2025, 10:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता में भाजपा की 27 साल बाद वापसी हुई है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए 48 घंटे से अधिक बीत चुके हैं, मगर दिल्ली का सीएम कौन होगा? यह अभी तय नहीं हो पाया है. शनिवार को आए चुनाव नतीजे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही सीएम पद के लिए नाम का ऐलान कर देगी. लेकिन 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीट जीतने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक अभी नहीं बुलाई गई है.

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस व अमेरिका के दौरे पर रवाना हो गए हैं, अब पार्टी के शीर्ष नेताओं की मानें तो उनके वापस लौटने पर ही अब सीएम के नाम का ऐलान होगा. इस बार पार्टी चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में सोमवार को जब प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा आए तो वहां मौजूद मीडिया कर्मियों से मिले जरूर लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी में किस-किस के नाम चल रहे हैं? यह पूछे जाने पर कहा यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. हालांकि दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को चुनने के लिए पार्टी में अंदरूनी रूप से कवायद चल रही है. रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी और यह बैठक काफी देर तक चली. बताया जा रहा है कि इस दौरान सीएम पद के लिए चेहरा तय करने और सरकार के गठन पर ही चर्चा का मुख्य बिंदु था.

पूर्वांचल चेहरे पर भी मंथन: दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद बीते शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन के लिए आए तो जिस तरह अपने आप को उन्होंने पूर्वांचल से सांसद होने की बात कही, स्वयं के बनारस का सांसद बताया. ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले चेहरे को भी सरकार में आगे लाने पर मंथन चल रहा हो. दिल्ली में पूर्वांचल नेताओं के जिक्र होने पर मनोज तिवारी का नाम सबसे पहले आता है, तो सोमवार को पार्टी ने यह भी साफ कर दिया कि दिल्ली में गठन होने वाली सरकार में चुने हुए विधायकों को ही अवसर मिलेगा.

जातीय समीकरण का रखा जाएगा ध्यान: जहां तक दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा है तो सभी जातीय समीकरण जिसमें अनुसूचित जाति, जाट समुदाय, पूर्वांचल, सिख और एक महिला को सरकार में शीर्ष पद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री मिलना तय माना जा रहा है. दिल्ली में मुख्यमंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल में कुल सात पद हैं. इन सभी वर्ग का ध्यान में रखते हुए ही पार्टी शीर्ष पदों के लिए नामों पर विचार कर रही है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी साफ कहते हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा यह निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा. उन्हें चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरा करने की कोशिश की है.

इन नामों पर भी विचार: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से चुनाव जीत कर आई महिला विधायक रेखा गुप्ता, शिखा राय, नीलम पहलवान और पूनम शर्मा है. मुख्यमंत्री पद की रेस में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का नाम सबसे पहले जेहन में आया, क्योंकि उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराकर पार्टी को एक बड़ी जीत दी है. चुनाव परिणाम आने के दिन से ही उनके नाम की चर्चा तेज है. हालांकि उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने यह साफ कहा है कि यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही करेगी. अभी तक प्रवेश वर्मा को पार्टी के आलाकमान से जो जिम्मेदारी मिलती रही है उन्होंने उसे पूरा करने की कोशिश की है.

इनके अलावा अन्य नामों में विधानसभा में नेता विपक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का नाम भी शामिल है. इसके अलावे मालवीय नगर से पार्टी के विधायक सतीश उपाध्याय जो प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं, इसके अलावा गत वर्षो में नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. पार्टी और संगठन में उन्होंने कई जिम्मेदारी निभाई है, तो उनके नाम भी सीएम पद की रेस में शामिल है. पूर्वांचल के विधायकों की बात करें तो उसमें लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा और गोंडा से विधायक अजय महावर का नाम भी सीएम की रेस में बताया जा रहा है. सिख समुदाय से आने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा और अरविंदर सिंह लवली भी सीएम रेस की दौड़ में शामिल हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता में भाजपा की 27 साल बाद वापसी हुई है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए 48 घंटे से अधिक बीत चुके हैं, मगर दिल्ली का सीएम कौन होगा? यह अभी तय नहीं हो पाया है. शनिवार को आए चुनाव नतीजे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही सीएम पद के लिए नाम का ऐलान कर देगी. लेकिन 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीट जीतने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक अभी नहीं बुलाई गई है.

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस व अमेरिका के दौरे पर रवाना हो गए हैं, अब पार्टी के शीर्ष नेताओं की मानें तो उनके वापस लौटने पर ही अब सीएम के नाम का ऐलान होगा. इस बार पार्टी चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में सोमवार को जब प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा आए तो वहां मौजूद मीडिया कर्मियों से मिले जरूर लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी में किस-किस के नाम चल रहे हैं? यह पूछे जाने पर कहा यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. हालांकि दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को चुनने के लिए पार्टी में अंदरूनी रूप से कवायद चल रही है. रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी और यह बैठक काफी देर तक चली. बताया जा रहा है कि इस दौरान सीएम पद के लिए चेहरा तय करने और सरकार के गठन पर ही चर्चा का मुख्य बिंदु था.

पूर्वांचल चेहरे पर भी मंथन: दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद बीते शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन के लिए आए तो जिस तरह अपने आप को उन्होंने पूर्वांचल से सांसद होने की बात कही, स्वयं के बनारस का सांसद बताया. ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले चेहरे को भी सरकार में आगे लाने पर मंथन चल रहा हो. दिल्ली में पूर्वांचल नेताओं के जिक्र होने पर मनोज तिवारी का नाम सबसे पहले आता है, तो सोमवार को पार्टी ने यह भी साफ कर दिया कि दिल्ली में गठन होने वाली सरकार में चुने हुए विधायकों को ही अवसर मिलेगा.

जातीय समीकरण का रखा जाएगा ध्यान: जहां तक दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा है तो सभी जातीय समीकरण जिसमें अनुसूचित जाति, जाट समुदाय, पूर्वांचल, सिख और एक महिला को सरकार में शीर्ष पद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री मिलना तय माना जा रहा है. दिल्ली में मुख्यमंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल में कुल सात पद हैं. इन सभी वर्ग का ध्यान में रखते हुए ही पार्टी शीर्ष पदों के लिए नामों पर विचार कर रही है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी साफ कहते हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा यह निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा. उन्हें चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरा करने की कोशिश की है.

इन नामों पर भी विचार: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से चुनाव जीत कर आई महिला विधायक रेखा गुप्ता, शिखा राय, नीलम पहलवान और पूनम शर्मा है. मुख्यमंत्री पद की रेस में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का नाम सबसे पहले जेहन में आया, क्योंकि उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराकर पार्टी को एक बड़ी जीत दी है. चुनाव परिणाम आने के दिन से ही उनके नाम की चर्चा तेज है. हालांकि उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने यह साफ कहा है कि यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही करेगी. अभी तक प्रवेश वर्मा को पार्टी के आलाकमान से जो जिम्मेदारी मिलती रही है उन्होंने उसे पूरा करने की कोशिश की है.

इनके अलावा अन्य नामों में विधानसभा में नेता विपक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का नाम भी शामिल है. इसके अलावे मालवीय नगर से पार्टी के विधायक सतीश उपाध्याय जो प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं, इसके अलावा गत वर्षो में नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. पार्टी और संगठन में उन्होंने कई जिम्मेदारी निभाई है, तो उनके नाम भी सीएम पद की रेस में शामिल है. पूर्वांचल के विधायकों की बात करें तो उसमें लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा और गोंडा से विधायक अजय महावर का नाम भी सीएम की रेस में बताया जा रहा है. सिख समुदाय से आने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा और अरविंदर सिंह लवली भी सीएम रेस की दौड़ में शामिल हैं.

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