नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त करने के बाद यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है. बुधवार सुबह पुराने लोहे के पुल के पास यमुना का जलस्तर 205.30 दर्ज किया गया. जबकि खतरे के निशान का स्तर 205.33 मीटर है. भारी बारिश के बाद उत्पन्न बाढ़ के हालात के करीब 9 दिन बाद यह जलस्तर खतरे के निशान से कम आया है.
बता दें कि यमुना का जलस्तर शुक्रवार को रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंचने के बाद यमुना का जलस्तर सोमवार सुबह 7 बजे 205.45 मीटर पर आ गया था. सोमवार को जलस्तर में दोबारा बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन मंगलवार को एक बार फिर जलस्तर में गिरावट शुरू हुई और बुधवार सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंच गया.
वहीं, प्रशासन का कहना है कि डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन हिमाचल और उत्तराखंड में अगले कुछ दिन के लिए जारी किए गए बारिश के अलर्ट से आशंका जरूर है कि अगर पर्वतीय इलाकों में बारिश हुई तो यमुना के जलस्तर में दोबारा बढ़ोतरी हो सकती है. बता दें कि इस साल यमुना में आई बाढ़ ने पिछला सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया. बाढ़ का पानी आउटर रिंग रोड के साथ ही रिहायशी कॉलोनियों तक घुस गया था. सिविल लाइन की कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई थी. बाढ़ का पानी आईटीओ रेड लाइट तक पहुंच चुका था. वहीं यमुना खादर में रह रहे 40 हजार से भी ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बाढ़ राहत कैंप में रखा गया था, जो आज भी वही रह रहें हैं.
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में मंगलवार को भी दिल्ली में दोपहर के समय कई इलाकों में तेज बारिश हुई थी. इससे सुबह से हो रही उमस से थोड़ी राहत मिली. दोपहर के बाद आसमान में काली घटा छा गई और कुछ देर बाद ही बारिश होने लगी. शाम साढ़े पांच बजे तक औसतन 000.7 मिमी बारिश दर्ज की गई. रिज में सर्वाधिक 21.0 मिमी, पालम में 0.6 मिमी बारिश पीतमपुरा में 11.0, मुंगेशपुर में 4.0, लोदी रोड में 3.9, दर्ज की गई. दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 33.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
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