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जंतर मंतर: महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर महिला संगठनों ने किया प्रदर्शन

महिलाओं के ऊपर लगातार बढ़ रहे अत्याचार को लेकर जंतर मंतर पर प्रगतिशील महिला संगठन समेत कई संगठनों ने महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की.

Women organizations protest for increasing crimes against women at Jantar Mantar
महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर महिला संगठनों ने किया प्रदर्शन
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Published : Nov 25, 2020, 7:24 PM IST

नई दिल्ली: 25 नवंबर को हर साल महिलाओं के प्रति होते अपराध के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसकी घोषणा की गई है. इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर तमाम महिला संगठनों ने महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की. इस दौरान महिलाएं जंतर मंतर पर खड़े होकर महिला सुरक्षा, लव जिहाद, महिला हिंसा, रेप, मारपीट समेत तमाम मुद्दों को लेकर नारेबाजी करते हुए नजर आए.

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर महिला संगठनों ने किया प्रदर्शन
हाथरस मामले में डीएम पर की जाए कार्रवाई

इस दौरान AIDWA, AIMSS, CSW, NFIW, प्रगतिशील महिला संगठन, पुरोगामी महिला संगठन,सहेली आदि संगठन विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए प्रगतिशील महिला संगठन की तरफ से पूनम कौशिक ने कहा कि पिछले करीब 1 सालों से महिला कार्यकर्ताओं के ऊपर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं उन्हें जेलों में बंद किया हुआ है. उन्होंने कहा कि हर एक राज्य में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं, महिलाओं के साथ हिंसा बढ़ रही है हर एक राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम है. हाथरस में महिला के शव को जिस प्रकार जला दिया गया उसको लेकर हाथरस डीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

लव जिहाद अध्यादेश महिलाओं के चयन करने के अधिकार को छीनता है

इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के नाम पर एक अध्यादेश लाया गया है जो महिलाओं के अपनी मर्जी से जीवन साथी चुनने के अधिकार का हनन है, यह पितृसत्ता को बढ़ावा देता है. महिलाओं का अधिकार चिंता है यह अध्यादेश समाज में हिंसा बढ़ाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद बिहार हरियाणा मध्य प्रदेश आदि राज्यों में भी इस कानून को लाए जाने की मांग की जा रही है.


महिला सुरक्षा पर किसी सरकार ने काम नहीं किया

इसके साथ ही पुरोगामी महिला संगठन की ओर से सुचारिता ने कहा कि आज महिला सुरक्षा का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है. लेकिन कोई भी सरकार इसको गंभीरता से नहीं लेती है. तमाम वादे और दावे जरूर किए जाते हैं. लेकिन स्थिति वही बनी हुई है जो आज से ठीक 10 साल पहले थी, महिलाओं को बराबरी देने की बात हर एक सरकार करती है लेकिन कोई भी सरकार महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पाती.

नई दिल्ली: 25 नवंबर को हर साल महिलाओं के प्रति होते अपराध के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसकी घोषणा की गई है. इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर तमाम महिला संगठनों ने महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की. इस दौरान महिलाएं जंतर मंतर पर खड़े होकर महिला सुरक्षा, लव जिहाद, महिला हिंसा, रेप, मारपीट समेत तमाम मुद्दों को लेकर नारेबाजी करते हुए नजर आए.

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर महिला संगठनों ने किया प्रदर्शन
हाथरस मामले में डीएम पर की जाए कार्रवाई

इस दौरान AIDWA, AIMSS, CSW, NFIW, प्रगतिशील महिला संगठन, पुरोगामी महिला संगठन,सहेली आदि संगठन विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए प्रगतिशील महिला संगठन की तरफ से पूनम कौशिक ने कहा कि पिछले करीब 1 सालों से महिला कार्यकर्ताओं के ऊपर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं उन्हें जेलों में बंद किया हुआ है. उन्होंने कहा कि हर एक राज्य में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं, महिलाओं के साथ हिंसा बढ़ रही है हर एक राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम है. हाथरस में महिला के शव को जिस प्रकार जला दिया गया उसको लेकर हाथरस डीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

लव जिहाद अध्यादेश महिलाओं के चयन करने के अधिकार को छीनता है

इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के नाम पर एक अध्यादेश लाया गया है जो महिलाओं के अपनी मर्जी से जीवन साथी चुनने के अधिकार का हनन है, यह पितृसत्ता को बढ़ावा देता है. महिलाओं का अधिकार चिंता है यह अध्यादेश समाज में हिंसा बढ़ाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद बिहार हरियाणा मध्य प्रदेश आदि राज्यों में भी इस कानून को लाए जाने की मांग की जा रही है.


महिला सुरक्षा पर किसी सरकार ने काम नहीं किया

इसके साथ ही पुरोगामी महिला संगठन की ओर से सुचारिता ने कहा कि आज महिला सुरक्षा का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है. लेकिन कोई भी सरकार इसको गंभीरता से नहीं लेती है. तमाम वादे और दावे जरूर किए जाते हैं. लेकिन स्थिति वही बनी हुई है जो आज से ठीक 10 साल पहले थी, महिलाओं को बराबरी देने की बात हर एक सरकार करती है लेकिन कोई भी सरकार महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पाती.

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