नई दिल्ली: जिंदा पति का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर 20 साल तक नेवी से पेंशन लेने वाली पत्नी की तलाश में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जुटी है. महिला की पोल अब पूरी तरह खुल चुकी है . उसके 63 साल के पति बालेश कुमार को भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. पति की गिरफ्तारी के बाद यह सारा मामला सामने आया.
20 साल से थी तलाश: पुलिस बालेश कुमार की लगभग पिछले 20 साल से मर्डर के मामले में तलाश कर रही थी. तिलक मार्ग पुलिस को सेंधमारी के एक मामले में इसकी तलाश थी. नेवी से रिटायर होने के बाद बालेश कुमार ने 2004 में बवाना में हत्या की एक वारदात को अंजाम दिया था. तभी से वह फरार था. राजस्थान में ट्रक में आग लगने से दो शख्स की मौत हो गई थी, जिसमें से एक की पहचान फर्जी तरीके से बालेश कुमार के रूप में करवा दी गई थी. डेथ सर्टिफिकेट के साथ सब कुछ बनवा दिया गया था ताकि किसी को शक ना हो. बालेश कुमार की पत्नी नेवी से पेंशन भी ले रही थी. बालेश कुमार पिछले 20 साल से नाम और पहचान बदलकर पत्नी के साथ नजफगढ़ में रह रहा था. बालेश कुमार ना तो राजस्थान पुलिस ढूंढ पाई और ना ही दिल्ली की बवाना और तिलक मार्ग थाने की पुलिस.
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2004 से था गायब: स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी जब फरार हुआ था, तब उसकी उम्र 43 साल थी. इसने इंडियन नेवी में 15 साल नौकरी की थी. 2004 में जोधपुर में उसने अपने आपको मृत घोषित कर दिया था. उसके बाद अपना नाम, आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक अकाउंट सब कुछ बदल लिया. नजफगढ़ इलाके में जब छापा मारकर इसे पकड़ा गया, तो इसकी पत्नी फरार हो गई थी.
आरोपी अपना नाम बदलकर अमन सिंह के रूप में रह रहा था. आगे की पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने आपको मृत घोषित करके डिपार्टमेंट से पेंशन के अलावा और दूसरे बेनिफिट भी लिए. ट्रक का इंश्योरेश भी वाइफ को ही दिलवाया, जबकि वह ट्रक इसके एक भाई के नाम पर था.
क्राइम ब्रांच की टीम ने राजस्थान के डांडियावार थाना की पुलिस टीम को इस मामले की पूरी सूचना दे दी है. वहां की पुलिस भी 20 साल पुराने मामले की दोबारा से जांच करेगी. आगे की कार्रवाई के बाद बालेश कुमार की पत्नी और जो भी लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने और इसे छुपाने में मदद की होगी, सबके ऊपर पुलिस कार्रवाई करेगी.
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