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एनडीपीएस कोर्ट द्वारा DCP को जारी वारंट निरस्त, हाई कोर्ट ने कहा- रूटीन तरीके से वारंट जारी करना ठीक नहीं - डीसीपी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने का आदेश

Delhi High court: एनडीपीएस कोर्ट की ओर से दिल्ली पुलिस के डीसीपी के खिलाफ जारी जमानती वारंट को दिल्ली हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने आदेश में डीसीपी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया.

NDPS जज की ओर से DCP को जारी वारंट निरस्त
NDPS जज की ओर से DCP को जारी वारंट निरस्त
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 23, 2023, 4:49 PM IST

Updated : Dec 23, 2023, 6:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एनडीपीएस कोर्ट की ओर से दिल्ली पुलिस के डीसीपी के खिलाफ जारी जमानती वारंट को निरस्त कर दिया है. जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने संबंधित डीसीपी के खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करते हुए एनडीपीएस जज के आदेश में डीसीपी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को भी हटाने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि डीसीपी ने कोर्ट में अपनी अनुपस्थिति की पर्याप्त वजह बताई थी, उसके बावजूद एनडीपीएस जज ने वारंट जारी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट समय से नहीं मिलना लापरवाही नहीं है जिसके लिए डीसीपी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया. हाईकोर्ट ने कहा कि फोरेंसिक लैब एक स्वतंत्र निकाय है और उसकी ओर से समय से रिपोर्ट में देरी की वजह से वारंट जारी नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि अगर इस तरह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी होते रहेंगे तो कोई पुलिस अधिकारी बेवजह दबाव में रहेंगे और काम नहीं कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें : दिल्ली हाईकोर्ट ने रिज एरिया में निर्माण की अनुमति देने पर वन विभाग को लगाई फटकार

दरअसल ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में पहले 31 जुलाई को एसएचओ, एसीपी और डीसीपी के खिलाफ वारंट जारी किया था. बाद में 8 अगस्त को भी डीसीपी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना न्यायिक अनुशासन के खिलाफ है. रूटीन तरीके से वारंट जारी करना न्यायपालिका की छवि खराब करता है. बार-बार पुलिस अधिकारी को वारंट जारी करने से पुलिस अधिकारियों के काम पर बुरा असर पड़ता है और इससे संबंधित अधिकारी के सर्विस रिकॉर्ड भी प्रभावित होती है. इसलिए न्यायपालिका अपनी छवि को मजबूत रखे.

ये भी पढ़ें : संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी नीलम को एफआईआर की कॉपी देने के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एनडीपीएस कोर्ट की ओर से दिल्ली पुलिस के डीसीपी के खिलाफ जारी जमानती वारंट को निरस्त कर दिया है. जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने संबंधित डीसीपी के खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करते हुए एनडीपीएस जज के आदेश में डीसीपी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को भी हटाने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि डीसीपी ने कोर्ट में अपनी अनुपस्थिति की पर्याप्त वजह बताई थी, उसके बावजूद एनडीपीएस जज ने वारंट जारी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट समय से नहीं मिलना लापरवाही नहीं है जिसके लिए डीसीपी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया. हाईकोर्ट ने कहा कि फोरेंसिक लैब एक स्वतंत्र निकाय है और उसकी ओर से समय से रिपोर्ट में देरी की वजह से वारंट जारी नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि अगर इस तरह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी होते रहेंगे तो कोई पुलिस अधिकारी बेवजह दबाव में रहेंगे और काम नहीं कर पाएंगे.

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दरअसल ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में पहले 31 जुलाई को एसएचओ, एसीपी और डीसीपी के खिलाफ वारंट जारी किया था. बाद में 8 अगस्त को भी डीसीपी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना न्यायिक अनुशासन के खिलाफ है. रूटीन तरीके से वारंट जारी करना न्यायपालिका की छवि खराब करता है. बार-बार पुलिस अधिकारी को वारंट जारी करने से पुलिस अधिकारियों के काम पर बुरा असर पड़ता है और इससे संबंधित अधिकारी के सर्विस रिकॉर्ड भी प्रभावित होती है. इसलिए न्यायपालिका अपनी छवि को मजबूत रखे.

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Last Updated : Dec 23, 2023, 6:13 PM IST
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