नई दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार का स्वघोषित शिक्षा मॉडल फेल हो गया है और सरकारी स्कूल के शिक्षकों का फीडबैक शिक्षा मॉडल की विफलता को पूरी तरह से उजागर करता है. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में हमने देखा है कि सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले प्रत्येक 100 छात्रों में से 30 से 50 के बीच कक्षा 10वीं की परीक्षा नहीं देते और इसी तरह के ड्रॉप आउट का पैटर्न 11वीं से 12वीं में भी देखा जाता है. लेकिन जो हम इस साल देख रहे हैं, उसने केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल की पोल खोल दी है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूल के शिक्षकों के फीडबैक के साथ-साथ समाचार रिपोर्टों से यह जानकर हैरानी होती है कि इस साल नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा का परिणाम इतना खराब रहा है कि शिक्षा निदेशालय को एक परिपत्र जारी कर शिक्षकों से अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की समीक्षा करने को कहा गया है. सफल छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए 6 अप्रैल तक समय दिया गया है. हमें बताया जाता है कि शिक्षकों को अब औसत से कम छात्रों की लगभग खाली उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तर लिखने, खासकर मल्टीपल उत्तर सेकशन में और फिर उन्हें 33% अंकों के साथ उत्तीर्ण करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
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वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी के शिक्षा के घटिया मॉडल को पूरी तरह से उजागर करता है, जिसके तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों की परीक्षा नहीं ली जाती है और न ही उनकी उपस्थिति की जांच की जाती है. जिसके परिणामस्वरूप ऐसे छात्र भी नौवीं कक्षा में पहुंच जाते हैं, जो छठी कक्षा के लिए भी फिट नहीं होते हैं. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ बंद करे और दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाए.