नई दिल्लीः दिल्ली के किराड़ी इलाके में देशभक्ति का एक अनोखा संगम देखने को मिला हैं. यहां पर देश के वीर सपूतों को सलाम करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया. वीरोत्सव के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में सेना के जवानों के अलावा राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक जगत के कई प्रतिष्ठित चेहरे पर उपस्थित हुए. इस मौके पर सभी वक्ताओं ने देश की एकता और अखंडता को कायम रखने पर जोर दिया. कार्यक्रम के माध्यम से युवा पीढ़ी में देश प्रेम के प्रति जज्बा भरने का भी काम किया गया.
आजादी के 75 साल पूर्ण होने पर देश आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में इसे जश्न के रूप में मना रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों में इस संबंध में सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी फेहरिस्त में अपने-अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश की सीमाओं पर समस्त भारतवासी की रक्षा करने वाले जवानों की शौर्यगाथा को ध्यान में रखकर दिल्ली के किराड़ी इलाके में वीरोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के कई वीर सपूतों को सम्मानित करते हुए आज की युवा पीढ़ी के अंदर देशभक्ति का जज्बा भरने का काम किया गया.
इस मौके कर राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक जगत से कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित हुए. साथ ही फिल्म जगत में लेखक और निर्देशक इकबाल दुर्रानी और बीएसएफ से रिटायर्ड डीआईजी प्रेम चौहान भी उपस्थित हुए. सभी ने एक सुर में देश की एकता और अखंडता को कायम रखने पर जोर दिया. देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों ने अपने संबोधन से देश के वीर जवानों को सलाम किया. इस मौके पर तमाम वक्ताओं ने इस कार्यक्रम की जमकर सराहना की और कहा कि आज की युवा पीढ़ी को देश की संस्कृति से अवगत कराने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी है. साथ ही रिटायर्ड डीआईजी ने भी देश की सैन्य शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि जिस दिन देश के हर घर से एक जवान निकालना शुरू हो जाएगा, निश्चित तौर पर हमारे देश की सैन्य शक्ति और मजबूत होगी, और कोई भी देश भारत की आंख उठा कर भी नहीं देख सकेगा.
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गौरतलब है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर इसे अमृत काल के रूप में मनाया जा रहा है. इसी के मद्देनजर आज की युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना को कायम रखने के मकसद से इस तरह के कार्यक्रम जगह-जगह आयोजित किए जा रहे हैं. साथ ही ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से वीरों की शहादत को जन जन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लिहाजा जरूरी है कि हर जन तक देश सेवा की भावना को जागृत करने के लिए ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाते रहे हैं, ताकि आज की युवा पीढ़ी हमारी संस्कृति और सैन्य शक्ति से भी परिचित हो सके.