ETV Bharat / state

कुतुब मीनार परिसर में होगी खुदाई, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ASI टीम को दिए निर्देश - कुतुब मीनार परिसर में होगी खुदाई

कुतुब मीनार को लेकर छिड़े विवाद के बीच एतिहासिक परिसर में खुदाई के निर्देश दिए गए हैं. ये निर्देश केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दिए हैं. मंत्रालय ने कुतुब मीनार में रखी हिंदू देवाताओं की प्रतिमाओं की Iconography करने का आदेश जारी किया है.

Qutub Minar Controversy
Qutub Minar Controversy
author img

By

Published : May 22, 2022, 2:03 PM IST

Updated : May 23, 2022, 6:58 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दिल्ली में मौजूद ऐतिहासिक कुतुब मीनार परिसर की खुदाई के निर्देश दिए हैं. मंत्रालय ने कुतुब मीनार में रखी हिंदू देवताओं की प्रतिमाओं की Iconography करने का आदेश जारी किया है. ASI अब यहां खुदाई का काम करेगी. संस्कृति मंत्रालय के सचिव और अधिकारीयों ने कुछ दिन पहले ही कुतुब मीनार का निरीक्षण किया था, जिसके बाद यहां पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. बताया गया है कि कुतुब मीनार के दक्षिण में और मस्जिद से 15 मीटर दूरी पर खुदाई का काम शुरू होगा. बता दें कि मंत्रालय ने न सिर्फ कुतुब मीनार बल्कि अनंगटाल और लालकोट किले पर भी खुदाई करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि खुदाई के निर्णय से पहले संस्कृति सचिव गोविन्द सिंह मोहन ने 21 मई को 12 अधिकारीयों की टीम के साथ कुतुब मीनार का दौरा किया था. जिस में तीन इतिहासकार, चार ASI अधिकारी और खोजी दल मौजूद था. ASI अधिकारीयों ने बताया है कि इससे पहले साल 1991 में कुतुब मीनार की खुदाई का काम हुआ था, उसके बाद अब होने जा रहा है. बताया जा रहा है कि खुदाई की शुरुआत मीनार के दक्षिण में मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर की जा सकती है.

कुतुब मीनार परिसर में होगी खुदाई

कुतुब मीनार का विवाद क्या है ?

हिंदू संगठन का दावा है कि कुतुब मीनार असल में विष्णु स्तम्भ है और मुस्लिम आक्रांताओं ने यहां मौजूद दर्जनों जैन-हिंदू मंदिरों को तोड़ा था और वहां मस्जिद का निर्माण करवाया था. मुस्लिम आक्रांताओं ने उस वक़्त हिन्दुओं के हौसले को तोड़ने के लिए मंदिरों में रखी भगवान की मूर्तियों को खंडित कर दिया था और उन्हें सलाखों के पीछे रख कर शैतान बताया था. सुप्रीम कोर्ट में कुतुब मीनार में रखी भगवान गणेश की प्रतिमा को अन्यत्र स्थान पर लेजाकर विधिवत स्थापित करने की याचिका लगाई गई थी. लेकिन कोर्ट ने किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ पर रोक लगा दी थी. गौरतलब है कि देश में किसी तरह की अराजकता फैलने से रोकने के लिए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लाया गया था, ताकि बाबरी मस्जिद के बाद किसी और स्थान पर विवाद को जन्म देकर ऐसी स्थिति पैदा नहीं की जा सके. बीते कुछ महीनों से हिंदू समर्थित दलों ने कुतुब मीनार के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ भी शुरू कर दिया था. लोगों का कहना है कि कुतुब मीनार विष्णु स्तम्भ था और इस स्थान का नाम बदल देना चाहिए.

ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दिल्ली में मौजूद ऐतिहासिक कुतुब मीनार परिसर की खुदाई के निर्देश दिए हैं. मंत्रालय ने कुतुब मीनार में रखी हिंदू देवताओं की प्रतिमाओं की Iconography करने का आदेश जारी किया है. ASI अब यहां खुदाई का काम करेगी. संस्कृति मंत्रालय के सचिव और अधिकारीयों ने कुछ दिन पहले ही कुतुब मीनार का निरीक्षण किया था, जिसके बाद यहां पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. बताया गया है कि कुतुब मीनार के दक्षिण में और मस्जिद से 15 मीटर दूरी पर खुदाई का काम शुरू होगा. बता दें कि मंत्रालय ने न सिर्फ कुतुब मीनार बल्कि अनंगटाल और लालकोट किले पर भी खुदाई करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि खुदाई के निर्णय से पहले संस्कृति सचिव गोविन्द सिंह मोहन ने 21 मई को 12 अधिकारीयों की टीम के साथ कुतुब मीनार का दौरा किया था. जिस में तीन इतिहासकार, चार ASI अधिकारी और खोजी दल मौजूद था. ASI अधिकारीयों ने बताया है कि इससे पहले साल 1991 में कुतुब मीनार की खुदाई का काम हुआ था, उसके बाद अब होने जा रहा है. बताया जा रहा है कि खुदाई की शुरुआत मीनार के दक्षिण में मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर की जा सकती है.

कुतुब मीनार परिसर में होगी खुदाई

कुतुब मीनार का विवाद क्या है ?

हिंदू संगठन का दावा है कि कुतुब मीनार असल में विष्णु स्तम्भ है और मुस्लिम आक्रांताओं ने यहां मौजूद दर्जनों जैन-हिंदू मंदिरों को तोड़ा था और वहां मस्जिद का निर्माण करवाया था. मुस्लिम आक्रांताओं ने उस वक़्त हिन्दुओं के हौसले को तोड़ने के लिए मंदिरों में रखी भगवान की मूर्तियों को खंडित कर दिया था और उन्हें सलाखों के पीछे रख कर शैतान बताया था. सुप्रीम कोर्ट में कुतुब मीनार में रखी भगवान गणेश की प्रतिमा को अन्यत्र स्थान पर लेजाकर विधिवत स्थापित करने की याचिका लगाई गई थी. लेकिन कोर्ट ने किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ पर रोक लगा दी थी. गौरतलब है कि देश में किसी तरह की अराजकता फैलने से रोकने के लिए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लाया गया था, ताकि बाबरी मस्जिद के बाद किसी और स्थान पर विवाद को जन्म देकर ऐसी स्थिति पैदा नहीं की जा सके. बीते कुछ महीनों से हिंदू समर्थित दलों ने कुतुब मीनार के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ भी शुरू कर दिया था. लोगों का कहना है कि कुतुब मीनार विष्णु स्तम्भ था और इस स्थान का नाम बदल देना चाहिए.

ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

Last Updated : May 23, 2022, 6:58 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.