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SHO और इंस्पेक्टर के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित

दिल्ली में क्राइम लगातार बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए पुलिस ने 'क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम'( सीसीटीएनएस) पर कार्य करने के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया है. जिससे पुलिस क्रिमिनल के डेटाबेस और उसकी पूरी जानकारी जुटा सकती है.

Conducted a two-day training program for SHO and Inspector in New Delhi
क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम
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Published : Jul 30, 2020, 5:09 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की नई दिल्ली जिला पुलिस ने जिले के सभी एसएचओ और इंस्पेक्टरों के लिए 'क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम'( सीसीटीएनएस) पर कार्य करने के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में 8 एसएचओ, 5 एटीओ और 5 इंस्पेक्टर शामिल हुए.

दिल्ली पुलिस के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया


नई दिल्ली के डीसीपी डॉ. ईश सिंघल के अनुसार सीसीटीएनएस सिस्टम भारतीय गृह मंत्रालय ने 2009 में शुरू किया था. यह एक कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है. जिसका प्रयोग इन्वेस्टिगेशन, डाटा एनालिसिस और सिटीजन सर्विस के लिए किया जाता है. लेकिन अब मंत्रालय की तरफ से 'इंटरोप्राबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम'(आईसीजेएस) की शुरुआत की जा रही है. जिसकी मदद से सभी पुलिस स्टेशन, कोर्ट ,जेल और फॉरेंसिक लैब किसी भी क्रिमिनल के डाटाबेस और उसकी पूरी जानकारी इस सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर एक दूसरे से साझा कर सकेंगे.

1 जुलाई से लागू होगी आईसीजेएस प्रक्रिया

दिल्ली में 1 जुलाई से लागू होने वाले आईसीजेएस प्रक्रिया को एसएचओ और इंस्पेक्टर को समझाने के लिए यह दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया. बता दें कि आईसीजेएस के जरिए पुलिसकर्मियों की तरफ से किसी भी केस की सभी फाइलें सीसीटीएनएस पर अपलोड की जाएंगी. ताकि आसानी से और सही समय पर कोर्ट के पास केस की सभी फाइलें पहुंच सके.

नई दिल्ली: राजधानी की नई दिल्ली जिला पुलिस ने जिले के सभी एसएचओ और इंस्पेक्टरों के लिए 'क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम'( सीसीटीएनएस) पर कार्य करने के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में 8 एसएचओ, 5 एटीओ और 5 इंस्पेक्टर शामिल हुए.

दिल्ली पुलिस के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया


नई दिल्ली के डीसीपी डॉ. ईश सिंघल के अनुसार सीसीटीएनएस सिस्टम भारतीय गृह मंत्रालय ने 2009 में शुरू किया था. यह एक कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है. जिसका प्रयोग इन्वेस्टिगेशन, डाटा एनालिसिस और सिटीजन सर्विस के लिए किया जाता है. लेकिन अब मंत्रालय की तरफ से 'इंटरोप्राबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम'(आईसीजेएस) की शुरुआत की जा रही है. जिसकी मदद से सभी पुलिस स्टेशन, कोर्ट ,जेल और फॉरेंसिक लैब किसी भी क्रिमिनल के डाटाबेस और उसकी पूरी जानकारी इस सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर एक दूसरे से साझा कर सकेंगे.

1 जुलाई से लागू होगी आईसीजेएस प्रक्रिया

दिल्ली में 1 जुलाई से लागू होने वाले आईसीजेएस प्रक्रिया को एसएचओ और इंस्पेक्टर को समझाने के लिए यह दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया. बता दें कि आईसीजेएस के जरिए पुलिसकर्मियों की तरफ से किसी भी केस की सभी फाइलें सीसीटीएनएस पर अपलोड की जाएंगी. ताकि आसानी से और सही समय पर कोर्ट के पास केस की सभी फाइलें पहुंच सके.

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