नई दिल्लीः अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना द्वारा सीमा पर किए गए दुस्साहस के बाद पूरे देश समेत राजधानी दिल्ली में माहौल गरमा गया है. इस बीच व्यापारी संगठन सीटीआई द्वारा चीनी सामान के खिलाफ बॉयकॉट की मुहिम को एक बार फिर तेज कर दिया गया है. साथ ही केंद्र सरकार से हर सामान पर उत्पादक देश का लेबल अनिवार्य तौर पर लगाने की अपील करने के साथ चीन से व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई है. (Boycott campaign against Chinese goods)
जैसे ही चीन और भारत के सैनिकों के बीच में बॉर्डर पर हुई झड़प की खबर सामने आई. वैसे ही इस पूरे मामले ने सड़क से लेकर संसद तक बड़े विवाद का रूप ले लिया. साथ ही संसद में विपक्ष ने सत्ता पक्ष को पूरे मामले पर घेरना शुरू कर दिया. इस बीच कनॉट प्लेस में दिल्ली के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में व्यापारियों ने एकत्रित होकर अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना के दुस्साहस के खिलाफ चाइनीज माल के बहिष्कार की अपील की. साथ ही लोगों को चीनी बनी चीजों का बायकॉट करने का संदेश दिया.
बृजेश गोयल ने कहा कि चीन के लिए भारत बहुत बड़ा बाजार है. भारतीय व्यापारियों को एकजुट होकर चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है. इंडियन मार्केट से चीन पैसा कमाता है, जिसका दुरुपयोग भारत के खिलाफ कर रहा है. चीन की आर्थिक कमर तोड़नी है. इस साल के शुरुआती नौ महीनों में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय कारोबार 103.63 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है.
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उन्होंने कहा कि भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है. इस अवधि में चीन से भारत के लिए निर्यात 89.66 अरब डॉलर रहा. इसमें 31 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई. जबकि भारत से चीन के लिए सिर्फ 13.97 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जिसमें 36.4 प्रतिशत की गिरावट रही. यदि भारतीय कारोबारी और उपभोक्ता चाइनीज सामान का बहिष्कार करेंगे, तो चीन की अक्ल ठिकाने आएगी. चीन से भारत में दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, खिलौने, मोबाइल, कपड़े, मशीनरी, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, आईटी और वैज्ञानिक उत्पाद, खाद्य पदार्थ आदि सामान आता है.
केजरीवाल का चीन पर आया ट्वीटः सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया- हम चीन से अपना व्यापार क्यों नहीं बंद करते? चीन से आयात की जाने वाली अधिकतर वस्तुएं भारत में बनती हैं. इससे चीन को सबक मिलेगा और भारत में रोजगार. उन्होंने कहा कि भारत चीनी सामानों का सबसे बड़ा बाजार है और भारत 14 प्रतिशत सामान चीन से खरीदता है. एक तरफ चीन हमसे अरबों डॉलर कमा रहा है और उसी पैसे का दुरुपयोग हमारी सेना के खिलाफ बॉर्डर पर कर रहा है. उन्होंने कहा, 'हम भारत सरकार से कहना चाहते हैं कि एकदम से चीन से व्यापार बंद नहीं हो सकता है, ऐसे में सरकार दीर्घकालिक योजना बनाए.'