नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के साथ 27 वर्षों बाद बीजेपी ने वापसी की है. नई सरकार से दिल्ली की जनता को कई उम्मीदें हैं. वहीं पश्चिमी दिल्ली में मौजूद दिल्ली हाट के दुकानदार भी नई सरकार से काफी आस लगाए बैठे हैं. कभी ग्राहकों से गुलजार रहने वाले इस बाजार में अब सन्नाट पसरा है. अब 100 में से करीब 90 दुकानें बंद हो चुकी हैं. 10 दुकानों में से कुछ ही दुकानें रोजाना खुलती हैं. यहां युवा सिर्फ रील बनाने के लिए आते हैं. बाजार में मौजूद दुकानदार मुश्किल से ही किराया निकाल पा रहे हैं. ईटीवी भारत ने कुछ दुनकानदारों से बात कर जानने का प्रयास किया कि बाजार के सुधार के लिए वह नई सरकर से किस तरह की उम्मीदें करते हैं? आइये जानतें हैं ...
सरकार की लापरवाही से दिल्ली हाट की स्थिति खराब : साल 2018 से हाट में परफ्यूम सेल करने वाली श्रावणी गांगुली ने बताया कि पहले यह बाजार अच्छा था, लेकिन सरकार की लापरवाही ने इसकी स्थिति खराब कर दी. इस हाट में 100 दुकानों की जगह है. कोरोना काल ने बाजार पर प्रभाव डाला. फिर भी यहां 40 दुकानें थी. अब केवल 10 दुकानें ही बची हैं. दुकानें कम होने की मुख्य वजह यह है कि रेंट पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया गया है. दिल्ली सरकार और टूरिज्म डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित होने वाले कार्यकर्मों की संख्या घटा दी गई है. प्रचार प्रसार नहीं किया गया. इसके कारण यहां ग्राहक कम होने लगा. अब साल में एक दो ही कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
टूरिज्म डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की संख्या घटी: पिछले साल मैंगो फेस्टिवल होने के बाद 50 फीसदी दुकानदार यहां वापस भी आये. जब सभी को मालूम हुआ की इस बार तीज त्योहार का आयोजन नहीं किया जायेगा, तो सभी वापस लौट गए. अब नई सरकार से उम्मीद हैं कि वह इस हाट को भी INA मार्टिक की तरह आर्ट और क्राफ्ट का हब बनाएं, ताकि बाजार फिर से गुलजार हो सके. ऐसा तभी संभव होगा जब यहां ज्यादा ज्यादा संख्या में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए और एडवरटाइजिंग को बढ़ावा दिया जाए.
ग्राहकों की संख्या यहां अब न के बराबर: एक दशक से जनकपुरी दिल्ली हाट में डेकोरेटिव आइटम्स सेल करने वाले परमजीत सिंह ने बताया कि यहां की स्थिति बिगड़ती ही जा रही हैं. ग्राहकों की संख्या न के बराबर है. जब सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन होता था तो भीड़ आती थी. प्रइवेट आयोजन होने वाले कार्यक्रमों से सेल पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. आम तौर पर सप्ताह के अंत में कुछ लोग आते हैं. बाकि दिनों में काम नहीं होता.
![दिल्ली की नई बीजेपी सरकार से हैं ढेर सारी अपेक्षाएं](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/del-ndl-01-janakpuri-dilli-haat-shopkeepers-have-high-expectations-from-the-new-government-vis-dl10019_12022025104159_1202f_1739337119_635.jpeg)
युवा उद्यमियों को MSME के द्वारा लोने देने की मांग : शर्मिष्ठा ने बताया कि अगर सरकार चाहे तो इस जगह का काफी अच्छा इस्तेमाल कर सकती है. बीजेपी सरकार MSME के तहत नए उद्यमियों को बढ़ावा देने की बात करती रही हैं. अगर सरकार नए और युवा उद्यमियों को MSME के द्वारा लोने दे और उनको प्रोमोट करें, तो बाकि बंद पड़ी 90 दुकानें भी खुल सकती हैं. जब यहां दिल्ली सरकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, तब यहां न केवल पश्चिमी दिल्ली बल्कि पूरी दिल्ली और NCR से लोग घूमने आते थे. अब स्थिति खराब हो गई है. ऐसे में अगर दिल्ली सरकार हर महीने एक या दो कार्यक्रमों का आयोजन करेगी, तो स्थिति में सुधार हो सकता है.
![कोरोना के समय 100 में से 90 दुकान हुए बंद](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/del-ndl-01-janakpuri-dilli-haat-shopkeepers-have-high-expectations-from-the-new-government-vis-dl10019_12022025104159_1202f_1739337119_556.jpeg)
कोरोना काल में बाजार की स्थिति हुई खराब : शर्मिष्ठा आगे बताती हैं कि जब उन्होंने यहां दुकान खोली थी. तब उनके पास दो लोग काम करते थे. लेकिन सेल न होने की वजह से उनको काम से हटाना पड़ा. अगर इस जगह का सुधार होगा, तो ज़ाहिर सी बात है कि लोगों को रोज़गार भी मिलेगा. इस दिल्ली हाट की हालत खराब होने की एक मुख्य वजह यहां की दुकानों के बढा हुए किराया भी हैं. कोरोना काल से पहले दिल्ली सरकार द्वारा दुकानदारों को सब्सिडी दी जाती थी. इसके चलते पूरे महीने का किराया मात्र 1700 रुपए था. अब एक दुकान का मासिक किराया 15000 रुपए के करीब आता है. बाजार की हालत देखते हुए इसमें एक सहूलियत यह है कि 15-15 दिन में किराया भरना होता है. अगर कोई 15 दिन में खाली कर के जाना चाहे तो जा सकता है.
![2014 से शुरू हुए दिल्ली हाट में अब मात्र 10 दुकानें](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/del-ndl-01-janakpuri-dilli-haat-shopkeepers-have-high-expectations-from-the-new-government-vis-dl10019_12022025104159_1202f_1739337119_679.jpeg)
फूड काउंटर खाली पड़े, दुकानदारों का इंतजार : जनकपुरी हाट में फ़ूड कोर्ट भी है. यहां केवल दो ही फूड काउंटर खुले हुए हैं. बाकि सभी खाली पड़े हैं. फूड काउंटर पर मौजूद विक्की यादव ने बताया कि वह 4 वर्षों से यहां है. पहले की सरकार ने इस बाजार के लिए कुछ काम नहीं किया. बाजार में फुटफॉल नहीं है. काम ना के बराबर है. न कोई इवेंट होते हैं और न कोई सरकारी कार्यक्रम. एक दो होते भी हैं. तो सेल न के बराबर होती है. उसमें भी बाहर छोटे-छोटे फूड काउंटर लगवा दिए जाते हैं. अब दिल्ली की नई सरकार से उम्मीद है कि विकास होगा. लगातार कार्यक्रमों का आयोजन होगा तो स्थिति में सुधार आएगा.
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