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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोगों से पतंग न उड़ाने की अपील, TPDDL ने जारी की एडवाइजरी

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Published : Aug 2, 2023, 12:00 PM IST

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग पतंगबाजी करते हैं. इसको लेकर बिजली कंपनियों ने दिल्लीवासियों से बिजली उपकरणों और ओवरहैड पावर लाइनों से दूरी बनाने की अपील की है. कई बार पतंग की डोरी फंसने से पावर सप्लाई तो बाधित होती ही है, इससे शख्स की जान पर भी बन आती है.

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नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली में 70 लाख से अधिक की आबादी को बिजली सप्लाई करने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर डीडीएल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंगबाजी के दौरान बिजली उपकरणों और ओवरहैड पावर लाइनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है. डिस्कॉम ने लोगों को आगाह किया है कि बिजली के तारों से मैटल कोटिंग वाले मांझे के लिपटने से बिजली सप्लाई बाधित हो सकती है और इसके कारण आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ सकता है. इससे सभी के लिए असुविधा का कारण भी बन सकती है.

वहीं कंपनी का कहना है कि पतंग उड़ाने के लिए मैटल कोटिंग वाले मांझे का इस्तेमाल बिजली नेटवर्क के लिए ही खतनाक नहीं होता, बल्कि बिजली का सुचालक होने के चलते इससे पतंग उड़ा रहे व्यक्ति के लिए भी खतरा बढ़ जाता है और उसे करंट लग सकता है. स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी में जगह-जगह पतंगें उड़ायी जाती है और जरा सी असावधानी होने पर बिजली सप्लाई में भी बाधा आती है.

एक अनुमान के मुताबिक, 33/66 KV क्षमता की एक ओवरहैड लाइन के बाधित होने से करीब 10,000 बाशिंदों की पावर सप्लाई पर असर पड़ सकता है और 11 KV की एक लाइन के टूटने से 2,500 से अधिक बाशिंदों की बिजली सप्लाई प्रभावित होती है. पतंगबाजी की वजह से बिजली की तारों को होने वाले नुकसान को ठीक करने के लिए 15 मिनट से 2 घंटे तक का औसत समय लगता है.

बता दें कि हर साल, स्वतंत्रता दिवस के आसपास पतंग उड़ाने की वजह से तारों के टूटने और बिजली सप्लाई पर असर पड़ने की अनेक घटनाएं सामने आती हैं. याद रखें कि बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचाना और पावर सप्लाई बाधित करना विद्युत अधिनियम तथा दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत् दंडनीय अपराध भी है. गौरतलब है कि मैटल कोटिंग वाले मांझे के प्रयोग से इंसानों, पक्षियों तथा अन्यं जीव-जंतुओं के जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है, यही कारण है कि सरकार द्वारा इसे 2017 में प्रतिबंधित किया जा चुका है.

सरकारी आदेशानुसार, पतंगबाजी के लिए केवल सूती धागे का इस्तेमाल ही मान्य है क्योंकि इस पर किसी प्रकार के मैटल (धातु) की कोटिंग नहीं होती. टीपीडीडीएल को असुरक्षित ढंग से पतंगबाजी की वजह से आम जनता के लिए पैदा होने वाले खतरे और जान-माल की हानि का अंदाजा है और कंपनी इस बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए अपने कार्पोरेट शुभंकर रोशनी के माध्यम से नुस्खों तथा सावधानियों का पालन करने की जानकारी दे रही है. क्रिएटिव्स‍ तथा शॉर्ट वीडियो आदि के माध्यमों से यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही डिस्कॉम स्कूली बच्चों को भी क्या करें, क्यान करें के बारे में जानकारी दे रही है ताकि वे पतंग उड़ाते समय इन बातों का ध्यान रखकर खुद को तथा अपने आसपास अन्य लोगों एवं बिजली के इंस्टॉलेशंस को सुरक्षित बनाए रख सकें.

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नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली में 70 लाख से अधिक की आबादी को बिजली सप्लाई करने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर डीडीएल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंगबाजी के दौरान बिजली उपकरणों और ओवरहैड पावर लाइनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है. डिस्कॉम ने लोगों को आगाह किया है कि बिजली के तारों से मैटल कोटिंग वाले मांझे के लिपटने से बिजली सप्लाई बाधित हो सकती है और इसके कारण आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ सकता है. इससे सभी के लिए असुविधा का कारण भी बन सकती है.

वहीं कंपनी का कहना है कि पतंग उड़ाने के लिए मैटल कोटिंग वाले मांझे का इस्तेमाल बिजली नेटवर्क के लिए ही खतनाक नहीं होता, बल्कि बिजली का सुचालक होने के चलते इससे पतंग उड़ा रहे व्यक्ति के लिए भी खतरा बढ़ जाता है और उसे करंट लग सकता है. स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी में जगह-जगह पतंगें उड़ायी जाती है और जरा सी असावधानी होने पर बिजली सप्लाई में भी बाधा आती है.

एक अनुमान के मुताबिक, 33/66 KV क्षमता की एक ओवरहैड लाइन के बाधित होने से करीब 10,000 बाशिंदों की पावर सप्लाई पर असर पड़ सकता है और 11 KV की एक लाइन के टूटने से 2,500 से अधिक बाशिंदों की बिजली सप्लाई प्रभावित होती है. पतंगबाजी की वजह से बिजली की तारों को होने वाले नुकसान को ठीक करने के लिए 15 मिनट से 2 घंटे तक का औसत समय लगता है.

बता दें कि हर साल, स्वतंत्रता दिवस के आसपास पतंग उड़ाने की वजह से तारों के टूटने और बिजली सप्लाई पर असर पड़ने की अनेक घटनाएं सामने आती हैं. याद रखें कि बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचाना और पावर सप्लाई बाधित करना विद्युत अधिनियम तथा दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत् दंडनीय अपराध भी है. गौरतलब है कि मैटल कोटिंग वाले मांझे के प्रयोग से इंसानों, पक्षियों तथा अन्यं जीव-जंतुओं के जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है, यही कारण है कि सरकार द्वारा इसे 2017 में प्रतिबंधित किया जा चुका है.

सरकारी आदेशानुसार, पतंगबाजी के लिए केवल सूती धागे का इस्तेमाल ही मान्य है क्योंकि इस पर किसी प्रकार के मैटल (धातु) की कोटिंग नहीं होती. टीपीडीडीएल को असुरक्षित ढंग से पतंगबाजी की वजह से आम जनता के लिए पैदा होने वाले खतरे और जान-माल की हानि का अंदाजा है और कंपनी इस बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए अपने कार्पोरेट शुभंकर रोशनी के माध्यम से नुस्खों तथा सावधानियों का पालन करने की जानकारी दे रही है. क्रिएटिव्स‍ तथा शॉर्ट वीडियो आदि के माध्यमों से यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही डिस्कॉम स्कूली बच्चों को भी क्या करें, क्यान करें के बारे में जानकारी दे रही है ताकि वे पतंग उड़ाते समय इन बातों का ध्यान रखकर खुद को तथा अपने आसपास अन्य लोगों एवं बिजली के इंस्टॉलेशंस को सुरक्षित बनाए रख सकें.

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