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बंदी सिंहों की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च, हजारों की संख्या में सिख समुदाय के लोग शामिल - कौन होते हैं बंदी सिंह

Sikh community protest: बंदी सिंहों की रिहाई की मांग को लेकर सिख समुदाय के लोगों ने दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन किया. बंदी सिख देश की अलग-अलग जेलों में बंद है. ये कैदी पिछले 30 सालों से जेल में बंद हैं. समुदाय के लोगों ने सिख बंदी की रिहाई की मांग को लेकर पैदल मार्च निकाला.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 10, 2023, 6:50 PM IST

बंदी सिंहों की रिहाई की मांग

नई दिल्ली: सिख समुदाय के लोगों ने बंदी सिखों की रिहाई की मांग करते हुए रविवार को दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च निकाला. दिल्ली के सांसद मार्ग पर हजारों की संख्या में सिख शामिल हुए. इस पैदल मार्च में हजारों की संख्या में सिख समुदाय के लोग पहुंचे. सिख समुदाय के लोग देश की अलग-अलग जेलों में बंद सिख बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर पैदल मार्च आयोजत किया गया.

सिख बंदी की रिहाई की मांग: प्रदर्शन में हजारों की संख्या में सिख कम्युनिटी के लोग शामिल हुए. यह मार्च दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा से शुरू होकर पार्लियामेंट थाने तक पहुंचा. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इस मार्च के आगे और पीछे चारों तरफ दिल्ली पुलिस और सेना के जवान मौजूद रहे. हजारों की संख्या में दिल्ली की सड़कों पर सिख समुदाय के लोगों ने सिख बंदी की रिहाई की मांग को लेकर पैदल मार्च निकाला.

दिल्ली पुलिस ने उन्हें पार्लियामेंट थाने के पास ही रोक लिया और उन्हें आगे जाने नहीं दिया. इस दौरान दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ सिख समुदाय के वरिष्ठ लोगों ने एक बैठक भी की है. इस बैठक में पुलिस के उच्च अधिकारियों को एक मेमोरेंडम दिया गया है और मांग की गई है कि सिख बंदी कैदियों की रिहाई जल्द से जल्द की जाए.

ये भी पढ़ें: Delhi Protest: हिंदू सेना का कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर साधा निशाना

कौन होते हैं बंदी सिंह: बंदी सिंह उन सिख कैदियों को कहा जाता है, जिन्हें पंजाब के उग्रवाद में शामिल होने के लिए दोषी ठराहया गया था. आज भी कई बंदी सिंह देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं. साल 1990 के दशक की शुरुआत में ही पंजाब से आतंकवाद को खत्म किया जा चुका है, ऐसे में इन सिख बंदियों को छोड़े जाने की मांग की जा रही है.

इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि ये कैदी पिछले तीस साल से जेल में हैं, इनमें से कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों को झेल रहे हैं, इसीलिए इन्हें रिहा किया जाना चाहिए. बंदी सिंहों को पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद किया गया था. बंदी सिख पंजाब का अहम मुद्दा है. यह एक धार्मिक और राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. इससे पहले सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पिछले साल नवंबर में भी बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया था. अब फिर से कमेटी सक्रिय हो गई है और बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चला रही है.

ये भी पढ़ें: आमरण अनशन के तीसरे दिन आप विधायक ने कहा, डंपिग ग्रांउड नहीं हटा तो करेंगे भूख हड़ताल

बंदी सिंहों की रिहाई की मांग

नई दिल्ली: सिख समुदाय के लोगों ने बंदी सिखों की रिहाई की मांग करते हुए रविवार को दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च निकाला. दिल्ली के सांसद मार्ग पर हजारों की संख्या में सिख शामिल हुए. इस पैदल मार्च में हजारों की संख्या में सिख समुदाय के लोग पहुंचे. सिख समुदाय के लोग देश की अलग-अलग जेलों में बंद सिख बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर पैदल मार्च आयोजत किया गया.

सिख बंदी की रिहाई की मांग: प्रदर्शन में हजारों की संख्या में सिख कम्युनिटी के लोग शामिल हुए. यह मार्च दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा से शुरू होकर पार्लियामेंट थाने तक पहुंचा. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इस मार्च के आगे और पीछे चारों तरफ दिल्ली पुलिस और सेना के जवान मौजूद रहे. हजारों की संख्या में दिल्ली की सड़कों पर सिख समुदाय के लोगों ने सिख बंदी की रिहाई की मांग को लेकर पैदल मार्च निकाला.

दिल्ली पुलिस ने उन्हें पार्लियामेंट थाने के पास ही रोक लिया और उन्हें आगे जाने नहीं दिया. इस दौरान दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ सिख समुदाय के वरिष्ठ लोगों ने एक बैठक भी की है. इस बैठक में पुलिस के उच्च अधिकारियों को एक मेमोरेंडम दिया गया है और मांग की गई है कि सिख बंदी कैदियों की रिहाई जल्द से जल्द की जाए.

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कौन होते हैं बंदी सिंह: बंदी सिंह उन सिख कैदियों को कहा जाता है, जिन्हें पंजाब के उग्रवाद में शामिल होने के लिए दोषी ठराहया गया था. आज भी कई बंदी सिंह देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं. साल 1990 के दशक की शुरुआत में ही पंजाब से आतंकवाद को खत्म किया जा चुका है, ऐसे में इन सिख बंदियों को छोड़े जाने की मांग की जा रही है.

इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि ये कैदी पिछले तीस साल से जेल में हैं, इनमें से कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों को झेल रहे हैं, इसीलिए इन्हें रिहा किया जाना चाहिए. बंदी सिंहों को पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद किया गया था. बंदी सिख पंजाब का अहम मुद्दा है. यह एक धार्मिक और राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. इससे पहले सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पिछले साल नवंबर में भी बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया था. अब फिर से कमेटी सक्रिय हो गई है और बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चला रही है.

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