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Delhi Budget 2023: दिल्ली सरकार के बजट से पहले शिक्षक संघ ने CM अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र, जानिए वजह - दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत 2023-24 के लिए बजट 21 मार्च को पेश करेंगे. हालांकि उससे पहले शिक्षक संघ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को पत्र लिखकर गेस्ट टीचरों का मुद्दा उठाया है.

शिक्षक संघ ने CM अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र
शिक्षक संघ ने CM अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र
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Published : Mar 20, 2023, 7:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मंगल होने वाला है. दिल्ली सरकार के द्वारा बजट पेश किया जाएगा. विधानसभा में दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत बजट पेश करेंगे. यह पहली बार होगा जब कैलाश बजट पेश करेंगे. इससे पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बजट पेश करते रहे हैं. हालांकि, शराब घोटाले में सिसोदिया जेल में हैं. बहरहाल, मंगलवार को पेश होने वाले बजट से पहले शिक्षक संघ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को पत्र लिखकर यह मांग कर डाली है. आइए जानते हैं शिक्षक संघ ने पत्र में क्या लिखा है.

पत्र में गेस्ट टीचरों का उठाया गया मुद्दा: राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली शिक्षा विभाग में स्थाई शिक्षकों की भारी कमी के कारण वर्ष 2010 में सरकार ने स्थाई शिक्षकों की भर्ती में देरी के कारण शिक्षा व्यवस्था के बिगड़े हालातों को संभालने के लिए गेस्ट टीचरों को नियुक्त कर हालात पर काबू पाया. वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी के गठन से पूर्व स्वयं आपने गेस्ट टीचरों को स्थाई करने का वादा किया था. उस समय लगभग 22 हज़ार कार्यरत गेस्ट टीचरों व उनके परिवारों को आपके वादे पर भरोसा था. इसलिए उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से आपके द्वारा निर्धारित कम वेतन में भी पूरा कार्य किया. लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद भी आपने अपने वायदे को पूरा नहीं किया, जिसके कारण हजारों गेस्ट टीचरों का भविष्य अंधकारमय हो गया. अधिकतम आयु सीमा पूरी हो जाने के कारण अब गेस्ट टीचरों की शिक्षक भर्ती की पात्रता भी खत्म हो गई है, जिससे 20 हजार परिवारों पर जीवन यापन का संकट आ गया है.

ये भी पढ़ें: London में तिरंगे के अपमान पर दिल्ली में भड़का सिख समाज, ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन

गेस्ट टीचरों के वेतन में नहीं हुई बढ़ोतरी: आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा गेस्ट टीचर के वेतन में वर्ष 2017 में आंशिक वेतन वृद्धि की गई थी. अब 6 साल बीत जाने के बाद 10 गुना महंगाई बढ़ने के बावजूद भी सरकार ने गेस्ट टीचर की वेतन वृद्धि की कोई सुध नहीं ली है. गौरतलब है कि दिल्ली के शिक्षा विभाग में अहम भूमिका अदा करने वाले गेस्ट टीचरों व शिक्षा मॉडल के नाम पर दिल्ली में तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार के गठन के बाद भी उनकी दयनीय दशा पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ AIGTA (ऑल इण्डिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन) के मांग पत्र में स्थायीकरण, समान वेतन, तथा 60 साल की आयु तक सेवा सुरक्षा की मांग की है.

ये भी पढ़ें: Delhi Economic Survey Report: राजधानी में निजी वाहनों की संख्या में आई 35 फीसदी की कमी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मंगल होने वाला है. दिल्ली सरकार के द्वारा बजट पेश किया जाएगा. विधानसभा में दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत बजट पेश करेंगे. यह पहली बार होगा जब कैलाश बजट पेश करेंगे. इससे पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बजट पेश करते रहे हैं. हालांकि, शराब घोटाले में सिसोदिया जेल में हैं. बहरहाल, मंगलवार को पेश होने वाले बजट से पहले शिक्षक संघ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को पत्र लिखकर यह मांग कर डाली है. आइए जानते हैं शिक्षक संघ ने पत्र में क्या लिखा है.

पत्र में गेस्ट टीचरों का उठाया गया मुद्दा: राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली शिक्षा विभाग में स्थाई शिक्षकों की भारी कमी के कारण वर्ष 2010 में सरकार ने स्थाई शिक्षकों की भर्ती में देरी के कारण शिक्षा व्यवस्था के बिगड़े हालातों को संभालने के लिए गेस्ट टीचरों को नियुक्त कर हालात पर काबू पाया. वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी के गठन से पूर्व स्वयं आपने गेस्ट टीचरों को स्थाई करने का वादा किया था. उस समय लगभग 22 हज़ार कार्यरत गेस्ट टीचरों व उनके परिवारों को आपके वादे पर भरोसा था. इसलिए उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से आपके द्वारा निर्धारित कम वेतन में भी पूरा कार्य किया. लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद भी आपने अपने वायदे को पूरा नहीं किया, जिसके कारण हजारों गेस्ट टीचरों का भविष्य अंधकारमय हो गया. अधिकतम आयु सीमा पूरी हो जाने के कारण अब गेस्ट टीचरों की शिक्षक भर्ती की पात्रता भी खत्म हो गई है, जिससे 20 हजार परिवारों पर जीवन यापन का संकट आ गया है.

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गेस्ट टीचरों के वेतन में नहीं हुई बढ़ोतरी: आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा गेस्ट टीचर के वेतन में वर्ष 2017 में आंशिक वेतन वृद्धि की गई थी. अब 6 साल बीत जाने के बाद 10 गुना महंगाई बढ़ने के बावजूद भी सरकार ने गेस्ट टीचर की वेतन वृद्धि की कोई सुध नहीं ली है. गौरतलब है कि दिल्ली के शिक्षा विभाग में अहम भूमिका अदा करने वाले गेस्ट टीचरों व शिक्षा मॉडल के नाम पर दिल्ली में तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार के गठन के बाद भी उनकी दयनीय दशा पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ AIGTA (ऑल इण्डिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन) के मांग पत्र में स्थायीकरण, समान वेतन, तथा 60 साल की आयु तक सेवा सुरक्षा की मांग की है.

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