नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है. लगातार बढ़ते जलस्तर से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. इस सबके बीच दिल्ली सरकार ने राहत शिविर में सरकारी टीचरों की ड्यूटी लगा दी है. इसससे शिक्षक संघ खफा है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया है. सरिता विहार एसडीएम ने जारी आदेश में कहा है कि जिला दक्षिण-पूर्व में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक इन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है.
इस आदेश में फिजिफल टीचर के नाम की एक लिस्ट भी जारी की गई है. एसडीएम ने कहा है कि यह शिक्षक अगले आदेश तक विश्वकर्मा कॉलोनी, जैतपुर भाग-2 में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में काम करेंगे. इन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से उनके चिह्नित ड्यूटी स्थल पर जाने के लिए कहा गया है. इन्हें सुबह और दोपहर की शिफ्ट में काम करना होगा. जो शिक्षक इस आदेश का अनुपालन नहीं करेंगे तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.
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गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन ने जताई नाराजगी: गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन के वेस्ट-ए के सचिव संत राम ने शिक्षकों की ड्यूटी पर कहा कि आपदा में सदैव सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन जोखिम वाले कार्य करने के लिए प्रशिक्षण जरूरी है. नवनियुक्त शिक्षक सीधे अगर ड्यूटी पर बल पूर्वक लगाए जाएंगे तो उससे नुक्सान होना तय है. यदि स्कूल बंद हैं तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन विद्यार्थी स्कूल में हो तो शिक्षण का काम कौन करेगा? शिक्षण स्टाफ को सर्व सुलभ मान लिया गया है. टीचर एसोसिएशन ने कहा कि शिक्षक भी सामान्य प्राणी ही है, कोई सुपरमैन नहीं.
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