नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना की वजह से कैदियों को उनकी पसंद के वकील से कानूनी सलाह लेने का प्रावधान खत्म करने के दिल्ली सरकार के सर्कुलर के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोरोना वायरस के कारण पिछले कुछ महीनों से जेल में लीगल इंटरव्यू पर रोक लगी हुई है.
याचिका वकील अजीत पी सिंह ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील लव कुमार अग्रवाल ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को उनकी पसंद के वकील से कानूनी सलाह लेने की इजाजत मिलनी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के जेल महानिदेशक का सर्कुलर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन करता है.
कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की मनाही
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता पिछले 8 जून को तिहाड़ जेल अपने मुवक्किल से मिलने गया था. उसे अपने मुवक्किल की जमानत याचिका के संबंध में तैयारी के लिए बातें करनी थी. वहां तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की मनाही है. जेल प्रशासन के इसी आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.