नई दिल्ली: साउथ एमसीडी मेयर अनामिका मिथिलेश ने अरविंद केजरीवाल सरकार से निगम के 549.62 करोड़ रुपये लेने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखा है. मेयर का कहना है 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशें 2019 से लागू की जानी थी. लेकिन सरकार ने 2016 से ही इन्हें लागू कर निगम का पैसा काट लिया है. मौजूदा समय में बकाया नहीं मिलने के चलते निगम को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
अपने पत्र के जरिए अनामिका मिथिलेश ने उपराज्यपाल को लिखा है कि साल 2018 19 तक निगम को तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सरकार अनुदान देती थी. सरकार ने पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2019 में मंजूरी दी. लेकिन उन सिफारिशों को एक अप्रैल 2016 से लागू किया गया. ऐसे में सरकार ने साल 2019-20 के अनुदान में से 263.45 करोड़ और साल 2020-21 के अनुदान में 285.39 करोड रुपए की कटौती कर ली जो कि अनुचित है.
साउथ एमसीडी के राजस्व में भारी कमी आई
उन्होंने पत्र में लिखा है कि को कोरोना के चलते साउथ एमसीडी के राजस्व में भारी कमी आई है. हर वर्ग चाहे वह व्यापारी, ठेकेदार, विज्ञापनदाता या पार्किंग ठेकेदार ही क्यों ना हो, वह निगम से अपनी देय फीस और शुल्क में कटौती की अपेक्षा कर रहा है.
वहीं दूसरी तरफ सीमित संसाधनों के बावजूद भी कोरोना के इस समय में निगम नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं में कोई कमी नहीं कर रही है. ऐसे में आर्थिक बदहाली से जूझते हुए निगम के लिए काम करना मुश्किल हो रहा है. मेयर अनामिका ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस मामले में हस्तक्षेप कर निगमों को उनका पैसा देने की मांग की है.
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टीकाकरण केंद्र बंद किए जाने से असुविधा
इससे अलग मेयर ने एक और पत्र में मेयर ने दिल्ली सरकार द्वारा 45 की आयु से ऊपर वाले लोगों के लिए निगम द्वारा चल रहे टीकाकरण केंद्रों को बंद किए जाने के विषय में संज्ञान लेने के लिए कहा है. मेयर का कहना है कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र बंद किए जाने से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा.
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