नई दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल में डॉक्टर जो दवा मरीज़ को लिखते हैं वह वहां के स्टोर में नहीं मिलती है. मरीज के परिजनों को मजबूरी में अस्पताल के ही परिसर में बने एक प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है. मरीज़ों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से वह यहां इलाज के लिए आते हैं, लेकिन अस्पताल की तरफ से पूरी दवाइयां नहीं मिल पाती है. बाहर से दवाइयां खरीद कर लानी पड़ती है. जिससे हम पर आर्थिक प्रभाव भी पड़ता है.
रोज आते हैं तीन से चार हजार मरीज
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, लेडी हार्डिंग में प्रतिदिन चार से पाच हजार मरीजों का आना होता है.यहां लगने वाली ओपीडी में काफी भीड़ रहती है. डॉक्टर की ओर से लिखी जाने वाली दवाइयों को लेने के लिए जब मरीज डिस्पेंसरी पहुंचते हैं. तो उन्हें काउंटर पर यह कह कर लौटा दिया जाता है कि सम्बंधित दवाई अभी है नहीं या खत्म हो गई है.ऐसे में मजबूरन लोगों को प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाई लेनी पड़ती है.
इन दवाइयों की है कमी
मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में महिलाओं की प्रेग्नेंसी के दौरान चलने वाली दवाई, ताकत की दवाई, सूजन कम करने की दवाई, नवजात शिशुओं से सम्बंधित कुछ दवाइयों की भी यहां कमी है.जिसकी वजह से मरीज और उनके परिजनों को खासी दिक्कतें हो रही हैं. वहीं अस्पताल प्रबन्धन का कहना है कि ऐसा नहीं है कि दवाइयां यहां नहीं होती हैं. कुछ दवाइयों के खत्म होने की वजह से ऐसा कभी-कभी हो जाता है.जिन दवाइयों की कमी होती है.उसे समय-समय पर मंगवाया भी जाता है.